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क्या अब बच पाएगा इजराइल? न्यूक्लियर ठिकानों पर ईरान के ड्रोन हमले का अलर्ट, डिमोना पर गिरेंगे परमाणु बम!
Israel Iran war Dimona nuclear site: लेकिन इस बार खतरा सिर्फ बम, बारूद और ड्रोन तक सीमित नहीं है। जंग अब उस मोड़ पर पहुंच गई है जहां से परमाणु तबाही की आहट सुनाई देने लगी है। न्यूज़वीक की रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने साफ कर दिया है कि अगर इजराइल ने आक्रामकता दिखाई तो उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया जाएगा।
Israel Iran war Dimona nuclear site: आसमानों में गरजते जेट, धरती पर दहशत और टीवी चैनलों पर सिर्फ एक ही चर्चा—क्या दुनिया एक और महाविनाश की तरफ बढ़ रही है? शुक्रवार सुबह जैसे ही इजराइल ने ईरान पर बड़ा हवाई हमला बोला, पूरा मध्य पूर्व दहक उठा। जवाब में तेहरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन छोड़ दिए हैं, जो अब इराक और जॉर्डन के रास्ते इजराइल की सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने साफ कर दिया है कि ये तो महज़ शुरुआत है—असली खतरा मिसाइल अटैक का है, जो किसी भी वक्त शुरू हो सकता है। लेकिन इस बार खतरा सिर्फ बम, बारूद और ड्रोन तक सीमित नहीं है। जंग अब उस मोड़ पर पहुंच गई है जहां से परमाणु तबाही की आहट सुनाई देने लगी है। न्यूज़वीक की रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने साफ कर दिया है कि अगर इजराइल ने आक्रामकता दिखाई तो उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि ईरान ने इजराइल के सभी बड़े परमाणु बेस की जासूसी कर रखी है और वो ‘टारगेट लिस्ट’ तैयार है। अब सवाल यह है कि अगर यह हमला होता है तो इजराइल के कौन-कौन से परमाणु ठिकाने ईरान की रडार पर हैं?
डिमोना: इजराइल का परमाणु दिल, सबसे बड़ा खतरा
इजराइल के न्यूक्लियर प्रोग्राम की धड़कन डिमोना है, जिसे आधिकारिक तौर पर नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर कहा जाता है। यह वही जगह है, जिसे दुनिया इजराइल के परमाणु हथियार निर्माण की जन्मस्थली मानती है। प्लूटोनियम निर्माण से लेकर परमाणु हथियारों के टेस्ट तक, सबकुछ यहीं होता है। डिमोना का नाम आते ही सुरक्षा एजेंसियां हिल जाती हैं। अगर ईरान ने यहां हमला कर दिया तो यह इजराइल की सैन्य ताकत के सीने पर सीधा वार होगा। यही वजह है कि दुनिया की नजरें इस वक्त डिमोना पर टिक गई हैं।
एलाबुन और कफर ज़ेखारया: टैक्टिकल हथियारों का भंडार
डिमोना के बाद अगला बड़ा टारगेट एलाबुन है। यह इलाका इजराइल के टैक्टिकल न्यूक्लियर शेल्स और खतरनाक लैंड माइंस का भंडार माना जाता है। रणनीतिक स्तर पर अगर ईरान कोई संदेश देना चाहता है, तो यहां सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। वहीं कफर ज़ेखारया न्यूक्लियर मिसाइल बेस और बम स्टोरेज के तौर पर प्रसिद्ध है। अगर इस पर हमला हुआ तो इजराइल के मिसाइल सिस्टम की कमर टूट सकती है।
नहाल सोरेक और योदफात: हथियारों की प्रयोगशालाएं अब खतरे में
नहाल सोरेक को इजराइल की हथियार प्रयोगशाला कहा जाता है। यहां हथियारों की डिजाइनिंग, निर्माण और टेस्टिंग होती है। अमेरिका की तरह इजराइल का यह वेपंस लैब लंबे समय से अपने परमाणु कार्यक्रम को गुप्त रखे हुए है। वहीं योदफात वह जगह है जहां पर इन हथियारों की असेंबली होती है। यानी अगर ईरान इस पर हमला करता है, तो इजराइल के भविष्य के परमाणु प्रोजेक्ट अधूरे रह सकते हैं।
तिरोश और राफेल: इजराइल के विनाशकारी हथियारों का गोदाम
तिरोश को इजराइल के स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर हथियारों का सबसे बड़ा स्टोरेज सेंटर माना जाता है। यह जगह अगर हमले की जद में आती है, तो इजराइल को परमाणु शक्ति के तौर पर बड़ा झटका लग सकता है। वहीं राफेल एजेंसी, जो इजराइल में हथियार असेंबलिंग का काम करती है, वह भी ईरान के निशाने पर हो सकती है। राफेल को नष्ट करना मतलब इजराइल के रक्षा निर्माण ढांचे को पंगु कर देना।
क्या सच में होगी परमाणु जंग?
अभी तक दुनिया ने रूस और यूक्रेन के बीच परमाणु धमकी की बातें सुनी थीं, लेकिन अब मिडिल ईस्ट में ये खतरा असली शक्ल लेता दिख रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो अगर ईरान और इजराइल के बीच सीधे परमाणु हमले शुरू हो गए तो इसका असर सिर्फ पश्चिम एशिया ही नहीं, पूरी दुनिया भुगतेगी। तेल की कीमतें आसमान छू जाएंगी, वैश्विक बाजारों में हाहाकार मचेगा और भारत जैसे देशों को ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा। साथ ही भारत को अपने कूटनीतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए बेहद मुश्किल दौर से गुजरना होगा, क्योंकि भारत के इजराइल और ईरान दोनों से गहरे संबंध हैं। फिलहाल सारी दुनिया दहशत में है और सभी की नजरें इस सवाल पर टिकी हैं — क्या अब डिमोना की ओर बढ़ेंगे ईरान के मिसाइल?
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