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पुतिन को धूल चटाने के लिए मेलानिया ट्रंप ने लिखी script! व्हाइट हाउस से लीक हुआ खौफनाक प्लान
Melania Trump's Secret Plan leaked: मेलानिया ट्रंप ने चुपचाप रच डाली रूस के खिलाफ नई स्क्रिप्ट! व्हाइट हाउस से लीक हुई प्लानिंग ने उड़ाई पुतिन की नींद, ट्रंप की विदेश नीति में अचानक बदलाव के पीछे पहली लेडी का हाथ, यूक्रेन को मिला अप्रत्याशित समर्थन।
Melania Trump's Secret Plan leaked: दुनिया को अगर किसी एक लम्हे में चौंकाना हो, तो बस एक बयान ट्रंप का काफी है। लेकिन इस बार जो बदला है, वो ट्रंप का बयान नहीं, सोच है,और उसका असर सिर्फ अमेरिका नहीं, पूरी दुनिया झेल रही है। रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की कूटनीतिक धारा इतनी तेजी से बदली है कि विशेषज्ञ भी दंग हैं। एक वक्त था जब ट्रंप पुतिन को “जीनियस” और “स्मार्ट” कहकर उनकी चालों की तारीफ करते थे, लेकिन अब वही ट्रंप, रूस को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। क्या ये अमेरिका की कोई नई रणनीति है? कोई रक्षा समझौता या नाटो का दबाव? नहीं इस बदलाव के पीछे जो नाम सामने आ रहा है, उसने सबको चौंका दिया है और वो नाम है मेलानिया ट्रंप।
मेलानिया का मिशन: 'यूक्रेन बचाओ'
व्हाइट हाउस के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो ट्रंप की विदेश नीति में आया यह चौंकाने वाला बदलाव अचानक नहीं हुआ। यह धीरे-धीरे, एक ‘First Lady’ के नैतिक दबाव, मानवीय अपील और निजी अनुभवों के ज़रिए आकार लेता गया। मेलानिया ट्रंप, जो हमेशा ट्रंप की राजनीति से दूरी बनाए रखती दिखती थीं, अब धीरे-धीरे उनके फैसलों की ‘शैडो आर्किटेक्ट’ बन चुकी हैं। सूत्रों का दावा है कि मेलानिया अक्सर ट्रंप को यह याद दिलाती थीं कि रूस की आक्रामकता का समर्थन करना बच्चों की मौत पर खामोश रहना है। उन्होंने कई बार ट्रंप के विदेश नीति सलाहकारों के साथ निजी मीटिंग की और साफ कहा "पुतिन से नरमी का मतलब है,नरसंहार पर सहमति।"
पूर्वी यूरोप की बेटी, पश्चिम की आवाज़
मेलानिया ट्रंप का जन्म स्लोवेनिया में हुआ था, जो सोवियत प्रभाव में रहा लेकिन कभी पूरी तरह रूस के साथ नहीं गया। उन्हें पूर्वी यूरोप के लोगों के संघर्ष की गहरी समझ है,और यही समझ, आज व्हाइट हाउस की रणनीति में झलक रही है। जब 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब ट्रंप खुलेआम पुतिन को "सैवी" और "स्मार्ट" कहते थे। मगर उसी वक्त मेलानिया ने एक भावुक ट्वीट किया था "यह युद्ध अमानवीय है मेरी दुआएं यूक्रेनी परिवारों के साथ हैं।" उन्होंने रेड क्रॉस को डोनेशन के लिए खुला मैसेज भी दिया था। ये पहली बार था जब मेलानिया ने किसी अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर इतनी मुखर राय रखी थी।
ट्रंप की नई डिक्शनरी: अब पुतिन नहीं, लोकतंत्र 'स्मार्ट' है
2025 में जब ट्रंप ने दोबारा अमेरिका की सत्ता संभाली, तो शुरुआती 100 दिनों में ही उनकी विदेश नीति में एक हैरतअंगेज़ बदलाव देखा गया। पहले जहां वो नाटो को “पुराना ढांचा” कहते थे, अब उन्होंने नाटो के साथ मिलकर यूक्रेन को समर्थन देना शुरू कर दिया है। व्हाइट हाउस के भीतरू सूत्रों का कहना है कि मेलानिया ने ट्रंप से कहा था "अगर अमेरिका खुद को लोकतंत्र का संरक्षक कहता है, तो यूक्रेन को अकेला छोड़ना आत्मघात होगा।" यह वही मेलानिया हैं, जो कैमरों से दूर रहना पसंद करती हैं, लेकिन अब लगता है कि वो कैबिनेट से ज़्यादा प्रभावशाली भूमिका निभा रही हैं।
ज़ेलेन्स्की की सबसे बड़ी उम्मीद बन गईं मेलानिया?
अब जब ट्रंप हर भाषण में यूक्रेन की आज़ादी और रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकता की बात करते हैं, तो कई विश्लेषक पूछते हैं,"क्या ज़ेलेन्स्की की उम्मीद अब वॉशिंगटन की नहीं, मेलानिया ट्रंप की शक्ल ले चुकी है?" यूक्रेन की सरकार ने मेलानिया के मानवीय समर्थन को खुलेआम सराहा है। वहां की संसद में प्रस्ताव पारित कर मेलानिया को “ग्लोबल कंसाइंस ऑफ पीस” की उपाधि देने की चर्चा भी हो रही है।
क्रेमलिन में मची खलबली, पुतिन की नींद उड़ गई?
मास्को तक भी इस बदलाव की गूंज पहुंच चुकी है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका का रवैया अचानक बदलना “किसी के निजी एजेंडे” का नतीजा हो सकता है। उन्होंने बिना नाम लिए EU, NATO और स्लोवेनिया की ओर इशारा किया,जो कि मेलानिया का जन्मस्थल है। क्रेमलिन के अंदरूनी हलकों में यह मानना शुरू हो गया है कि “पुतिन की सबसे बड़ी आलोचक अब व्हाइट हाउस में ही बैठी है।”
सवाल सिर्फ ट्रंप पर नहीं, इतिहास पर है!
मेलानिया ट्रंप के इस छुपे हुए लेकिन प्रभावशाली किरदार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राजनीति सिर्फ सत्ता के गलियारों में नहीं, दिल के दरवाज़ों से भी आकार लेती है। आज जब ट्रंप दुनिया को रूस के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह सिर्फ एक राष्ट्रपति की नीति नहीं,एक पत्नी की अंतरात्मा की गूंज भी है। और अब सवाल उठता है , क्या आने वाले दिनों में अमेरिका की विदेश नीति सिर्फ पेंटागन से नहीं, फर्स्ट लेडी के दिल से लिखी जाएगी? क्योंकि मेलानिया अब केवल ‘First Lady’ नहीं हैं… वो ‘अंतरात्मा की पहली आवाज’ बन चुकी हैं।
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