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बैन के बाद भी नेपाल में धड़ल्ले से चल रहा फेसबुक-इंस्टाग्राम, जानिए लोग कैसे निकाल रहे रास्ता!
नेपाल साइबर पुलिस के प्रवक्ता दीपक राज अवस्थी ने कहा कि बीते 24 घंटों में VPN यूज़र्स की संख्या में एकाएक वृद्धि देखी गई है।
Nepal social media ban
Nepal social media ban: नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित 26 सोशल नेटवर्किंग अप्लीकेशन को प्रतिबंध करने के बाद भी लोग इन प्लेटफॉर्म्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार के आदेश के बावजूद, न सिर्फ आम लोग बल्कि इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ (ISP Association) के कारण भी इन ऐप्स का प्रयोग पूर्ण रूप से बंद नहीं हुआ है।
VPN बना सबसे बड़ा सहारा
जैसे ही नेपाल सरकार ने इन सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाया, लोगों ने इसका दूसरा विकल्प ढूंढ़ना शुरू कर दिया। काठमांडू की एक पोस्ट और मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जकाने के बाद लोगों ने तुरंत VPN का सहारा लेना शुरू कर दिया। VPN एन के माध्यम से यूजर्स अपनी लोकेशन हाईड करके फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी साइट्स तक आसानी से यूज़ कर रहे हैं।
नेपाल साइबर पुलिस के प्रवक्ता दीपक राज अवस्थी ने कहा कि बीते 24 घंटों में VPN यूज़र्स की संख्या में एकाएक वृद्धि देखी गई है। उन्होंने यह भी अलर्ट दिया कि VPN पूरी तरह सुरक्षित नहीं है और इसके प्रयोग से साइबर धोखाधड़ी का खतरा ज़्यादा बढ़ सकता है। इसके बावजूद, लोग बैन से बचने के लिए लगातार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, नेपाल में पिछले एक दिन के अंदर 'लैपटॉप के लिए VPN', 'iPhone के लिए VPN' और 'Facebook के लिए VPN' जैसे कीवर्ड सबसे अधिक सर्च किए गए हैं।
इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की भूमिका
प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी कई इंटरनेट सेवा प्रदाताओं ने अभी तक इस पर रोक नहीं लगाई है। इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ (ISP Association) ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से इस विषय में चिट्ठी मिली है और वे इस पर रोडमैप बनाकर तैयार कर रहे हैं। फिलहाल कई यूजर्स को बिना किसी तकनीकी रुकावट के इन बैन साइट्स तक पहुंच मिल रही है।
विशेषकर भारत-नेपाल बॉर्डर इलाकों में लोग सरलता से फेसबुक और इंस्टाग्राम चला रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि वहां इंटरनेट फिल्टरिंग उतनी सख्ती से लागू नहीं की गई है।
नेपाल सरकार का तर्क क्या है ?
नेपाल सरकार ने गुरुवार 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित 26 सोशल नेटवर्किंग ऐप्स को बंद करने का ऐलान किया। संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने बताया कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश और 2023 में बने कानून के अंतर्गत लिया गया है।
इस कानून के मुताबिक—
- हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नेपाल में अनिवार्य रूप से रजिस्टर कराना होगा।
- हर 3 साल पर प्लेटफॉर्म को रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण करना होगा।
- हर ऐप को नेपाल में एक संपर्क अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो विवादित या गलत कंटेंट पर तत्काल कार्रवाई कर सके।
- प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना होगा कि नेपाली नागरिकों का डाटा विदेशों में लीक न हो।
इस मामले में सरकार का कहना है कि इन नियमों का पालन न करने पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।
मेटा से बातचीत जारी
बैन किये जाने के बाद नेपाल सरकार ने मेटा (Meta) से बातचीत शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, अगले 7 दिनों में इस विवाद का समाधान निकल सकता है। मेटा नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स का संचालन देखती है।
बता दे, नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर लोगों में असंतोष भी देखने को मिल रहा है। सरकार इसे कानून के पालन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बता रही है, जबकि यूजर्स VPN जैसे विकल्पों का सहारा लेकर अपने पसंदीदा प्लेटफॉर्म्स का प्रयोग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच यह विवाद किस दिशा में जाता है।
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