'Gen Z' प्रदर्शन के दौरान हुई 72 मौतों की जांच के लिए नेपाल सरकार ने गठित की जाँच समिति

नेपाल में GEN-Z प्रोटेस्ट को लेकर सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली नेपाल की अंतरिम सरकार ने रविवार को जेन जी विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।

Manu Shukla
Published on: 21 Sept 2025 10:35 PM IST
nepal gen-g protest
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Nepal GEN-Z protest: नेपाल में 'Gen-Z’ समूह ने 08 सितंबर को सरकार विरोधी-प्रदर्शनों के दौरान हुई गोलीबारी में कथित भूमिका को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और तत्कालीन गृह मंत्री रमेश लेखक की 20 सितंबर को गिरफ्तारी की मांग की। इस गोलीबारी में कुल 19 लोग मारे गए थे। सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली नेपाल की अंतरिम सरकार ने रविवार को जेन जी विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इन प्रदर्शनों में 72 लोग मारे गए थे।गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल ने सिंह दरबार सचिवालय में बताया कि पूर्व न्यायाधीश गौरी बहादुर कार्की के अलावा, पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक ज्ञान रण शर्मा और कानूनी विशेषज्ञ बिश्वेश्वर प्रसाद भंडारी जांच आयोग के सदस्य हैं।

उच्च स्तरीय जाँच आयोग के गठन की हुई थी माँग

बुशल ने 1990 के बाद से सभी उच्च पदस्थ नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच आयोग के गठन की भी मांग की थी। इसके अलावा GEN-Z के कार्यकर्ताओं ने यहां सिंह दरबार सचिवालय के पास मैतीघर मंडला में ओली और लेखक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना भी दिया था। यहीं से उन्होंने आठ सितंबर को अपनी विरोध रैली शुरूआत की थी। कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध के खिलाफ आठ और नौ सितंबर को हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 72 लोग मारे गए थे। 19 सितंबर को, पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने GEN-Z के प्रदर्शन के दौरान किसी गोलीबारी का आदेश दिया था। इस मामले में अब जाँच आयोग की मांग पर सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली नेपाल की अंतरिम सरकार ने रविवार को जेन जी विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन कर दिया है।

ओली ने भी दी सफाई

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष केपी ओली ने GEN-Z के ‘शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन’ के दौरान हुई हिंसा के लिए घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया। ओली ने संविधान दिवस के अवसर पर जारी एक संदेश में कहा, “सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था।” इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत ने शनिवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से आवश्यक कानून बनाकर सोशल मीडिया वेबसाइट को विनियमित करने का आग्रह किया था, जो कि एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय प्रथा है।

ओली के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 26 सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका आठ सितंबर को ‘जेन जेड’ समूह ने विरोध किया था। आठ सितंबर की रात को सोशल मीडिया साइट पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया गया था, लेकिन प्रदर्शन जारी रहा और नेपाल पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। वैसे GEN-Z उस पीढ़ी को कहा जाता है, जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है।

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Manu Shukla

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I'm Manu Shukla, a journalist based in Lucknow with roots in a small village. Driven by creativity, hard work and honesty, I aim to bring a fresh perspective to journalism. I've previously worked with Jan Express, a Lucknow-based news channel, and have now embarked on an enriching learning journey with Newstrack.

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