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पाकिस्तान का 'पावर प्लान'! 2035 तक सेना प्रमुख बने रहेंगे असीम मुनीर? तख्तापलट के बिना सत्ता में पकड़
पाकिस्तान की राजनीति में यह सवाल ज़ोरों-शोरों से गूंज रहा है कि क्या असीम मुनीर वाकई 2035 तक सेना प्रमुख बने रहेंगे ?
Pakistani Army Chief Asim Munir (photo: social media)
Pakistan News: पाकिस्तान की सियासत और फौज एक बार फिर से चर्चाओं का विषय बन गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मुर्री स्थित नवाज शरीफ के फार्महाउस में हुई एक हाई-लेवल मीटिंग में 10 साल का एक 'स्ट्रैटेजिक पावर प्लान' फाइनल किया गया है। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज, आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर और ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक शामिल हुए। बैठक में फैसला हुआ कि पाकिस्तान के वर्तमान में आर्मी चीफ असीम मुनीर को 5 साल का एक्सटेंशन दिया जाएगा।
बिना तख्तापलट के सत्ता पर दबाव
जनरल असीम मुनीर का मौजूदा कार्यकाल 28 नवंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा। उन्हें साल 2022 में 3 साल के लिए आर्मी चीफ का पदभार सौंपा गया था। अब रिपोर्ट्स का दावा है कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट में परिवर्तन करके उन्हें लंबा एक्सटेंशन देने की योजना पर मंथन किया जा रहा है। यदि यह फैसला लागू हो जाता है, तो मुनीर अब साल 2035 तक सेना प्रमुख बने रह सकते हैं। यानी यह अबतक के दौर में पहली बार पाकिस्तान में होगा कि बिना किसी तख्तापलट के सेना प्रमुख सत्ता पर अपनी पकड़ इतनी मजबूती से बनाए हुए हैं।
सूत्रों का मानना है कि सरकार इस फैसले को कानूनी चुनौती से बचाने के लिए संवैधानिक सुरक्षा देने पर विचार कर रही है। इसका स्पष्ट रूप से मतलब है कि किसी भी अदालत में इस पर सवाल खड़ा नहीं किया जा सकेगा।
'हाइब्रिड सिस्टम' द्वारा लिया जाएगा फैसला
इस बैठक में पाकिस्तान की सिविल और मिलिट्री लीडरशिप ने मिलकर तय किया कि अब बड़े फैसले ‘हाइब्रिड सिविल-मिलिट्री सिस्टम’ के अंतर्गत होंगे। यानी DG ISI, DG मिलिट्री इंटेलिजेंस और DG-C (काउंटर इंटेलिजेंस) जैसे टॉप पोस्टिंग भी राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की आपसी सहमति से ही की जाएंगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक, जो अक्टूबर महीने में रिटायर होने वाले हैं, उन्हें भी एक्सटेंशन दिए जाने पर विचार-विमर्श किया गया है। इससे सिस्टम में कंटिन्यूटी बनाए रखने का प्रयास होगा।
इमरान खान पर कड़ा रुख
मीटिंग में पूर्व प्रधानमंत्री और PTI चीफ इमरान खान का मुद्दा भी उठाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लीडरशिप ने स्पष्ट कर दिया कि इमरान खान को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। मौजूदा सरकार और सेना मानती हैं कि इमरान खान राजनीतिक अस्थिरता की सबसे बड़ी वजह हैं। इसलिए कानूनी रास्तों से उन्हें पूरी तरह किनारे करने की रणनीति बनाई जा रही है।
हालांकि, विपक्ष इस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं है। PTI और उसके सहयोगी दल आर्मी चीफ के एक्सटेंशन को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की भावना के खिलाफ है।
पाकिस्तान में नया राजनीतिक समीकरण
अब यदि असीम मुनीर को एक्सटेंशन मिलता है, तो पाकिस्तान में सत्ता संतुलन पूणर्तः बदल जाएगा। नवाज और शहबाज शरीफ की पार्टी PML-N को सेना का पूरा समर्थन मिलेगा और राजनीतिक स्थिरता का प्रयास किया जाएगा। दूसरी तरफ, इमरान खान और विपक्षी दलों के लिए सियासी जमीन और भी संकरी हो सकती है।
फिलहाल पाकिस्तान की राजनीति में यह सवाल ज़ोरों-शोरों से गूंज रहा है कि क्या असीम मुनीर वाकई 2035 तक सेना प्रमुख बने रहेंगे या फिर विपक्ष की कानूनी चुनौती इस पावर प्लान को विफल कर देगी....
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