Pak के सरकारी खजाने का इस तरह से Misuse? शहबाज और मरियम पर PTI का बड़ा आरोप! याचिका दायर

Pakistan corruption news: लाहौर हाईकोर्ट में PTI के नेता आलिया हमजा ने शहबाज शरीफ और मरियम नवाज के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है, जिसमें आरोप है कि दोनों नेताओं ने सरकारी धन का दुरुपयोग कर निजी तौर से अपना प्रचार किया। इस याचिका में सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

Priya Singh Bisen
Published on: 19 Oct 2025 7:07 PM IST (Updated on: 19 Oct 2025 7:14 PM IST)
Pakistan corruption news
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Pakistan corruption news (photo: social media)

Pakistan corruption news: वैसे पकिस्तान में ये कोई हैरान करने वाली खबर नहीं है... क्योंकि देखा जाए तो वहां के तमाम नेता आपस में ही लड़ने को तैयार रहते हैं। अब लाहौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि इन दोनों नेताओं ने अपनी निजी और राजनीतिक प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी खजाने से अरबों रुपये खर्च किए हैं। आपको बता दे, मरियम नवाज पाकिस्तान में चयनित की गईं पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।

बता दे, यह याचिका इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की नेता आलिया हमजा ने बीते शनिवार को अदालत में दायर की। उन्होंने अदालत से स्पष्ट कहा कि शहबाज शरीफ और मरियम हर सरकारी प्रोजेक्ट में अपनी फोटो लगवाकर और मीडिया में भारी प्रचार कराकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं।

पाक के संविधान का दिया हवाला

दायर की गयी याचिका में यह भी कहा गया है कि यह काम पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 9, 14 और 25 का उल्लंघन करता है, जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी देते हैं। यह आचरण कानून, नैतिकता और पारदर्शी शासन के सिद्धांतों के भी सख्त खिलाफ है। याचिका में अदालत से स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि वह सरकार को इलेक्शन कैंपेन की पूर्ण रूप से जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दे। इसके अलावा नेताओं को सार्वजनिक धन के निजी प्रयोग से रोके और भविष्य में ऐसे दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करें।

अब क्या होगी आगे की राह?

यह लाहौर हाईकोर्ट की कार्रवाई पर पूरी तरह से निर्भर करेगा यदि कोर्ट इस याचिका को स्वीकार करता है, तो सरकार को इन प्रचार अभियानों का पूरा हिसाब-किताब देना पड़ेगा और ये संभावित है कि एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया जाए। कोर्ट पारदर्शिता कानून के अंतर्गत सभी खर्चों की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश जारी कर सकता है।

बता दे, पाकिस्तान में इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। इमरान खान की सरकार पर भी सरकारी संसाधनों के प्रचार में प्रयोग के आरोप लगे थे। साल 2018 में कुछ याचिकाओं में इमरान खान की फोटो के प्रयोग होने पर और विज्ञापन अभियानों की जांच की मांग की गई थी, लेकिन ऐसी याचिकाओं पर निर्णय हमेशा बहुत वक़्त बाद ही होता है। अब आगे देखना ये कि इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला कबतक सुनाती है।

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