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वह जहां हैं वहां घुसकर मारेंगे! अभी खत्म नहीं हुआ ऑपरेशन, जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय मंच से दिया फाइनल अल्टीमेटम
S Jaishankar Ultimatum: भारत ने दुनियाभर के आतंकियों को चेतावनी दे दी, यदि भारत की तरफ देखा भी तो बुरा होगा।
Jaishankar on Terrorist: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख में कोई ढील नहीं देगा और अगर पहलगाम जैसे हमले दोबारा होते हैं, तो भारत मजबूती से जवाब देगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और इसका उद्देश्य भारत की जवाबी नीति को स्पष्ट करना है।
डच के एक पॉडकास्ट NOS को दिए एक साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीमावर्ती गोलीबारी रोकने पर एक द्विपक्षीय सहमति बनी थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस समझौते में अमेरिका या किसी अन्य तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। जयशंकर ने बताया कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। इस हमले में 26 नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच चार दिन तक तीव्र संघर्ष हुआ, जिसमें ड्रोन और मिसाइल जैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ।
जहां आतंक वहीं घुस कर मारेंगे
जयशंकर ने दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभियान को जारी रखना एक रणनीतिक संदेश है अगर भारत पर इस तरह के आतंकी हमले फिर होते हैं, तो आतंकियों को वहीं निशाना बनाया जाएगा, चाहे वे पाकिस्तान में क्यों न हों। उन्होंने आतंकियों के लेकर साफ तौर पर ये बता दिया कि यह जरूरी है कि हम उन्हें वहीं मारें जहां वे हैं।
भारत नहीं बैठेगा चुप
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह ऑपरेशन अब निष्क्रिय है, जयशंकर ने जवाब दिया कि आप चाहे इसे जो भी नाम दें, लेकिन एक बात साफ है यह कार्रवाई का संकेत है, और भारत अब चुप नहीं बैठेगा। जयशंकर ने यह भी कहा कि पहलगाम में हुआ हमला एक क्रूर आतंकवादी हमला था, इसमें 26 लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर उनके परिवारों के सामने मार दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हमले का उद्देश्य कश्मीर में धार्मिक तनाव फैलाना और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था।
पाक की सेना कट्टर धार्मिक सोच से प्रेरित
उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की उस टिप्पणी की ओर भी इशारा किया, जिसमें उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत की बात की थी। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व एक कट्टर धार्मिक सोच से प्रेरित है और हालिया आतंकी घटनाओं में उनकी भूमिका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। अंत में एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार के लिए इस हमले के बाद कोई प्रतिक्रिया न देना असंभव था। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' द्वारा किया गया था और सरकार ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य में भी ऐसा कोई हमला होता है, तो जवाब ज़रूर दिया जाएगा।
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