SCO समिट में भारत का जलवा, पाकिस्तान से अमेरिका तक सभी को करारा जवाब, PM मोदी का दिखा दबदबा

SCO Summit 2025: SCO समिट में भारत ने दिखाया दबदबा, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया।

Harsh Srivastava
Published on: 1 Sept 2025 9:32 PM IST
SCO समिट में भारत का जलवा, पाकिस्तान से अमेरिका तक सभी को करारा जवाब, PM मोदी का दिखा दबदबा
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SCO Summit 2025: चीन के तिआनजिन में हुआ शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब किया, बल्कि पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार करते हुए रूस के साथ अपनी दोस्ती को भी मजबूत किया। सम्मेलन के दूसरे दिन जारी साझा घोषणापत्र में पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई, जो सिर्फ दो महीने पहले SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में संभव नहीं हो पाया था। उस वक्त भारत ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।

पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है और हाल ही में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या "मानवता पर हमला" है। उन्होंने कहा कि "आतंकवाद के लिए कोई डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं होंगे।" इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बॉडी लैंग्वेज बहुत कुछ कह रही थी। जब मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गर्मजोशी से मिले, गले लगे और हाथों में हाथ डालकर आगे बढ़े, तो शहबाज शरीफ एक कोने में खड़े रहे। इस दृश्य ने यह साफ संदेश दिया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर कौन मजबूत और आत्मविश्वास से भरा है।

रूस-भारत की 'टाइम-टेस्टेड फ्रेंडशिप' का सबूत

इस सम्मेलन का दूसरा सबसे अहम पहलू रहा मोदी और पुतिन की मुलाकात। राष्ट्रपति पुतिन, प्रधानमंत्री मोदी का करीब 10 मिनट तक इंतजार करते रहे। मोदी के पहुंचने के बाद दोनों नेता सीधे पुतिन की गाड़ी में बैठे और 40-50 मिनट तक अलग से बातचीत की। इस मुलाकात ने पश्चिमी देशों को एक बड़ा संदेश दिया कि भारत और रूस की मित्रता एक 'टाइम-टेस्टेड पार्टनरशिप' है। मोदी ने दो-टूक कहा कि जिस तरह रूस ने कठिन समय में भारत का साथ दिया, उसी तरह भारत भी रूस का साथ नहीं छोड़ेगा। दिसंबर में पुतिन भारत की यात्रा करेंगे, जहां नए रक्षा और व्यापारिक समझौते होने की उम्मीद है।

पश्चिमी दबाव को ठुकराया, नए वर्ल्ड ऑर्डर की शुरुआत

SCO समिट में मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की तिकड़ी की गर्मजोशी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है। रूसी राजनयिकों ने इसे 'नए वर्ल्ड ऑर्डर की शुरुआत' कहा है। यह घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पश्चिमी देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर चल रहा है। अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बावजूद, मोदी-पुतिन की मुलाकात ने दिखाया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। पुतिन ने SCO के ढांचे में भुगतान और निपटान के लिए अपनी प्रणाली विकसित करने की बात कही, जो डॉलर आधारित अर्थव्यवस्था के वर्चस्व को चुनौती देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अधिकांश SCO देश पहले से ही अपनी मुद्राओं में व्यापार कर रहे हैं, जिससे अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं।

भारत का स्टैंड: यूक्रेन संघर्ष और शांति

यूक्रेन संघर्ष पर, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि "हम लगातार चर्चा करते रहे हैं और हाल ही में किए गए शांति के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं।" उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ना होगा और जल्द से जल्द संघर्ष को खत्म कर स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा। यह मानवता की पुकार है। यह बयान दिखाता है कि भारत, जहां एक ओर अपने मित्र राष्ट्र रूस के साथ खड़ा है, वहीं दूसरी ओर शांति और संवाद के पक्ष में है।

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Harsh Srivastava

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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