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भारत को कर रहा टारगेट, चीन पर 'रहमत' की बारिश... ट्रंप के डबल स्टैंडर्ड की खुली पोल
US China India Relation: ट्रंप ने चीन को लेकर कहा कि अमेरिका और चीन के रिश्ते बेहतर हो सकते हैं, लेकिन भारत पर 50% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
US China India Relation
US China India Relation: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ऐसा बयान दिया, जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि कहीं न कहीं अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते सुधरने की कगार पर हैं। दरअसल, ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका के पास ऐसे इन्क्रेडिबल कार्ड्स हैं, जिनका इस्तेमाल किया तो चीन पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद ट्रंप ने साफ- साफ शब्दों में कहा कि वे इन कार्ड्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहते क्योंकि उनका मकसद रिश्ते बिगाड़ने का नहीं बल्कि संभालने का है। ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से दिया और इस दौरान उनके साथ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग भी मौजूद थे।
दूसरी तरफ मैग्नेट्स को लेकर ट्रंप ने दे डाली चेतावनी
ट्रंप ने आगे एक और बड़ा संकेत दिया। उन्होंने कहा कि अगर चीन अमेरिका को मैग्नेट्स, जो ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं, नहीं देगा तो उन पर 200 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर चीन हमें मैग्नेट्स नहीं देगा, तो हमें 200 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाना पड़ेगा।
भारत पर मंडरा रहा 50% टैरिफ का खतरा
ट्रंप का सबसे सख्त रुख भारत को लेकर दिख रहा है। उन्होंने भारतीय आयात पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। यह टैरिफ कल यानी 27 अगस्त से लागू होने वाला है। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है और उसी के चलते यह फैसला लिया गया। हालांकि, यहां हैरानी की बात यह है कि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, लेकिन अमेरिका ने उसके खिलाफ ऐसे कदम नहीं उठाए। ऐसे में साफ है कि भारत को लेकर ट्रंप का अलग एक सख्त रवैया है।
भारत ने भी तोड़ी चुप्पी
ट्रंप के मनमर्जी फैसले पर भारत कई बार कड़ा एतराज जता चुका है। भारत का कहना है कि उसे निशाना बनाया जा रहा है, जबकि कई और देश भी अपने राष्ट्रीय हित में रूस से तेल खरीद रहे हैं। भारत ने साफ किया कि यह “दंडात्मक कार्रवाई” है और इससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चीन के लिए छूट क्यों?
अमेरिका ने चीन के लिए टैरिफ की डेडलाइन को 90 दिन आगे बढ़ा दिया है। ऐसे में चीन पर अभी 30% टैक्स (10% बेस रेट + 20% फेंटेनाइल संबंधी शुल्क) लागू है। इस मामले पर अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने चीन का बचाव करते हुए कहा कि चीन का रूस से तेल खरीदना सबऑप्टिमल यानी कम प्रभावशाली है। उनका दावा है कि चीन पहले से ही 13% तेल रूस से खरीद रहा था, जो अब बढ़कर 16% हुआ है यानी इसमें भारत जैसा बड़ा उछाल नहीं दिखा।
भारत के लिए मुश्किल बढ़ी
बेसेंट ने आगे आरोप लगाया कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारी मुनाफा कमाया। पहले भारत की रूस से तेल खरीद कम से कम 1% थी, लेकिन बाद में यह बढ़कर 42% हो गई। यही कारण है कि ट्रंप ने भारतीय आयात पर आधे टैरिफ इस महीने की शुरुआत में ही लागू कर दिए हैं और बाकी आधे टैरिफ बुधवार से लागू हो जाएंगे। ट्रंप के इस रुख से यह साफ है कि आने वाले दिनों में अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है।
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