TRENDING TAGS :
भारत से इसलिए नाराज है ट्रंप, 'US सांसद' ने बताई सच्चाई, 'पाकिस्तान' है से सीधा कनेक्शन
ट्रंप की नीतियों और भारत पर टैरिफ से अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव, Ro Khanna ने उठाए गंभीर सवाल।
Trump Tariff in India: भारत और अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी, जिसे पिछले कुछ दशकों में बड़ी मेहनत से मजबूत किया गया है, अब खतरे में है। अमेरिका के एक सांसद और दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने सीधे तौर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया है कि उनके अहंकार और नीतियों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को 'नष्ट' करना शुरू कर दिया है। ये आरोप तब सामने आए हैं जब ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इस घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है: क्या एक व्यक्ति का अहंकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संबंध को खत्म कर सकता है?
ट्रंप की 'विनाशकारी' नीतियां: भारत पर टैरिफ की मार
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना, जो ‘यूएस-इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष भी हैं, ने ट्रंप की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वह "अमेरिका और भारत की साझेदारी को 'नष्ट' करने के लिए ट्रंप द्वारा किए जा रहे कार्यों से हक्के-बक्के हैं।" खन्ना ने आरोप लगाया कि ट्रंप की नीतियां अमेरिका-भारत गठबंधन को मजबूत करने के 30 वर्षों के काम को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ ब्राजील को छोड़कर किसी भी अन्य देश से ज्यादा हैं, यहां तक कि रूस से तेल खरीदने वाले चीन पर भी इतने टैरिफ नहीं लगाए गए हैं। खन्ना ने कहा, "इससे अमेरिका में भारत का चमड़ा और कपड़ा निर्यात प्रभावित हो रहा है, और यह अमेरिकी निर्माताओं और भारत में हमारे निर्यात को भी नुकसान पहुंचा रहा है। यह भारत को चीन और रूस के करीब ले जा रहा है," जो अमेरिका के लिए एक बड़ा रणनीतिक झटका है।
नोबेल पुरस्कार का 'बदला'? संबंधों में तनाव की असल वजह
इस पूरे मुद्दे के पीछे की असल वजह चौंकाने वाली है। रो खन्ना के अनुसार, इसका कारण "बहुत छोटा" है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने से इनकार कर दिया, जबकि पाकिस्तान ने ऐसा किया। यह घटना दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का कारण बनी। इसके अलावा, वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनी जैफरी की एक रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ मुख्य रूप से राष्ट्रपति ट्रंप की "व्यक्तिगत नाराजगी" का नतीजा हैं कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी को खत्म करने में मध्यस्थ बनने का मौका नहीं मिला। ट्रंप कथित तौर पर उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें इस तरह की मध्यस्थता का मौका मिलेगा।
क्या भारत रूस-चीन की तरफ झुकेगा?
यह घटनाक्रम भारत के लिए भी एक बड़ी चुनौती पेश करता है। अगर अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को कमजोर करता है, तो यह भारत को रणनीतिक रूप से रूस और चीन के करीब ला सकता है। भारत की विदेश नीति हमेशा से स्वतंत्र रही है, लेकिन अमेरिका के साथ एक मजबूत संबंध भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है। अगर यह संबंध कमजोर होता है, तो इससे चीन और रूस को फायदा होगा, जो अमेरिका के लिए एक बड़ा रणनीतिक नुकसान होगा। यह देखना बाकी है कि क्या ट्रंप प्रशासन भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए कोई कदम उठाता है, या फिर यह विवाद और भी गहरा होता है। यह घटना दर्शाती है कि व्यक्तिगत अहंकार और राजनीतिक समीकरण किस तरह से अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!