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किम जोंग के आगे झुके डोनाल्ड ट्रम्प, बिना किसी शर्त के मीटिंग के लिए हुए राज़ी
Trump-Kim Jong Meeting: डोनाल्ड ट्रंप पहली बार बिना किसी पूर्व शर्त के उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मुलाकात करने को तैयार हैं। यह ऐतिहासिक बैठक 2025 के APEC सम्मेलन के दौरान दक्षिण कोरिया में हो सकती है
Trump kim jong meeting
Trump-Kim Jong Meeting: डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति हैं और हमेशा एक कड़क डीलमेकर के रूप में जाने जाते हैं, इस बार एक अलग रणनीति के साथ सामने आए हैं। खबर है कि ट्रंप उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से बिना किसी पूर्व शर्त के मिलने के लिए तैयार हो गए हैं। दक्षिण कोरिया की प्रमुख समाचार एजेंसी योन्हाप ने व्हाइट हाउस के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि इस बार की बैठक में कोई शर्त नहीं होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह संभावित मुलाकात 31 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन के दौरान हो सकती है।
पहली बार ‘बिना शर्त’ की पेशकश
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है जब अमेरिकी प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि किम जोंग उन से वार्ता के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी जाएगी। इससे पहले अमेरिका हमेशा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सख्त रुख अपनाता था और वार्ता की शर्तें तय करता था। लेकिन इस बार ट्रंप ने सीधे तौर पर संवाद के लिए अपनी स्थिति में लचीलापन दिखाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वैश्विक शांति प्रयासों में एक बड़ा बदलाव हो सकता है और यह संकेत देता है कि तनाव कम करने के लिए दोनों पक्ष अब ज़्यादा तैयार हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान तीन बार किम जोंग उन से मुलाकात की थी। उन्होंने इन बैठकों को कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया। ट्रंप का मानना है कि संवाद और सीधी बातचीत से ही किसी भी तनाव को कम किया जा सकता है। वहीं किम जोंग उन ने हाल ही में अपने संसद सत्र में कहा था कि उन्हें ट्रंप से मुलाकात की यादें अच्छी हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि दोनों नेताओं के बीच संवाद के दरवाजे अभी भी खुले हैं।
क्या है इस कदम की रणनीति?
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप का यह कदम केवल एक शांति वार्ता का प्रयास नहीं, बल्कि एक चुनावी रणनीति भी हो सकती है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति स्थापित करने की पहल उन्हें एक मजबूत और समझदार नेता के रूप में पेश कर सकती है। वहीं, किम जोंग उन के लिए यह मौका है कि वे अमेरिका के साथ अपने संबंधों को सुधारें और उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में कुछ राहत हासिल कर सकें। यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान किम ने साफ कहा था कि वे अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में यह बैठक दो देशों के बीच तनाव कम करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास होगी।
ट्रंप की नई रणनीति और वैश्विक राजनीति पर प्रभाव
ट्रंप की इस नई नीति से यह भी साफ होता है कि वे पारंपरिक कूटनीतिक तरीकों से हटकर नए रास्ते अपनाना चाहते हैं। बिना शर्त बातचीत की पहल से दोनों देशों के बीच संभावित सहयोग के द्वार खुल सकते हैं। दक्षिण कोरिया जैसे मध्यस्थ देश के लिए भी यह कदम स्वागत योग्य है क्योंकि वे हमेशा से कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता के लिए काम करते आए हैं। इस संभावित बैठक में सफल वार्ता होने की स्थिति में, क्षेत्रीय सुरक्षा और परमाणु निरोध के लिए बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इससे न केवल अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच संबंध सुधरेंगे, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता की उम्मीद भी बढ़ेगी।
शांति की ओर एक बड़ा कदम
डोनाल्ड ट्रंप का किम जोंग उन से बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार होना एक बड़ा कूटनीतिक मोड़ है। यह कदम दोनों देशों के बीच पुराने तनाव को कम करने और भविष्य में बेहतर संबंध बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले APEC सम्मेलन में यदि यह बैठक होती है और सफल होती है, तो यह न सिर्फ अमेरिका और उत्तर कोरिया के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति की नई उम्मीद लेकर आएगी।
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