अब ट्रंप का 'लाडला' हुआ पाकिस्तान, भारत से दूरिया बढ़ाने के बाद पाक के लिए दिखा 'अनोखा प्यार'

Trump-Pakistan: ट्रंप ने पाकिस्तान को अपनाया, भारत से दूरी बढ़ाई, अमेरिका-भारत रिश्तों पर उठे सवाल।

Harsh Srivastava
Published on: 2 Sept 2025 2:44 PM IST
अब ट्रंप का लाडला हुआ पाकिस्तान, भारत से दूरिया बढ़ाने के बाद पाक के लिए दिखा अनोखा प्यार
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Trump-Pakistan relations: क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने निजी व्यवसाय के लिए अमेरिका की विदेश नीति को दांव पर लगा रहे हैं? यह सवाल तब उठा जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दावा किया कि ट्रंप ने पाकिस्तान में व्यापारिक हितों के लिए भारत के साथ अपने संबंधों को नजरअंदाज कर दिया है। यह आरोप ऐसे समय में आया है जब ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति रुख पूरी तरह से बदल गया है। जो ट्रंप 2018 में पाकिस्तान को "झूठ और धोखे" का देश कहते थे, वही अब उसके साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की बात कर रहे हैं। इस बदलाव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा भूचाल ला दिया है।

ट्रंप का यू-टर्न: 15 अरब डॉलर के आरोप से लेकर दोस्ती तक

डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान को लेकर रुख किसी आश्चर्य से कम नहीं है। 2018 में उन्होंने खुले तौर पर पाकिस्तान को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने 15 सालों में पाकिस्तान को $33 बिलियन से अधिक की सहायता दी, लेकिन बदले में सिर्फ "झूठ और धोखा" मिला। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का भी आरोप लगाया। लेकिन, अब उनके विचार पूरी तरह से बदल चुके हैं। जून में, उन्होंने पहली बार पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर को अमेरिका आने का न्योता दिया और उनसे मिलकर खुशी जाहिर की। उन्होंने तो यहां तक कहा कि उन्होंने मुनीर को भारत के साथ युद्ध खत्म करने के लिए धन्यवाद भी दिया है। यह बदलाव इतना अचानक है कि कई लोग इसे संदेह की नजर से देख रहे हैं।

व्यापारिक हित: पाकिस्तान के तेल और दुर्लभ खनिज

ट्रंप के इस बदले हुए व्यवहार के पीछे उनके व्यापारिक हित हो सकते हैं। जुलाई में, उन्होंने 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत वे पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा, "कौन जानता है, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे!" पाकिस्तान लंबे समय से अपने अपतटीय क्षेत्रों में तेल भंडार होने का दावा करता रहा है, लेकिन अभी तक उसका दोहन नहीं कर पाया है। ट्रंप की इस घोषणा ने इन दावों को नई उम्मीद दी है। इसके अलावा, अप्रैल में पाकिस्तान ने 'वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल' कंपनी के साथ एक ब्लॉकचेन डील भी की, जिसमें 60% हिस्सेदारी ट्रंप परिवार की है। 'द इकोनॉमिक टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों की नजर पाकिस्तान के दुर्लभ खनिजों पर भी है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका के लिए इस्लामाबाद एक रणनीतिक विकल्प बन सकता है।

भारत के लिए रणनीतिक झटका?

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के अनुसार, ट्रंप का यह कदम भारत के साथ अमेरिका के संबंधों के लिए एक बड़ा रणनीतिक झटका है। बोल्टन ने कहा, "यह बहुत ही बड़ा रणनीतिक झटका है, क्योंकि भारत और अमेरिका के रिश्ते हमारे हित में हैं।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका के सहयोगी यह सोचने लगें कि वे अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकते, तो यह अमेरिकी लोगों के हित में नहीं होगा। बोल्टन ने कहा कि भारत के साथ जो हो रहा है, उसका असर दुनियाभर में अमेरिका के संबंधों पर पड़ेगा। इस पूरे घटनाक्रम ने भारत और अमेरिका के बीच के मजबूत संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रंप का यह कदम भारत के साथ-साथ जर्मनी, जापान और कनाडा जैसे अन्य सहयोगियों को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है। क्या ट्रंप अपने निजी व्यवसाय के लिए अमेरिकी कूटनीति का उपयोग कर रहे हैं? यह सवाल आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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