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गद्दारी की इंतेहा! सीरिया पर बम, तुर्की ने खोला गद्दारी का दरवाज़ा! इज़राइल की चाल में फंस गया पूरा इस्लामी जगत?

Turkey betrayal Syria: मध्य पूर्व में छिड़ा कूटनीतिक संग्राम! सीरिया ने इजराइल को खोला एयरस्पेस, तुर्की पर गद्दारी का शक, ईरान चुप – क्या तुर्की बना नए युद्ध का सूत्रधार? जानिए कैसे एक चाल में उलझ गया पूरा इस्लामी जगत।

Harsh Srivastava
Published on: 17 July 2025 3:17 PM IST
गद्दारी की इंतेहा! सीरिया पर बम, तुर्की ने खोला गद्दारी का दरवाज़ा! इज़राइल की चाल में फंस गया पूरा इस्लामी जगत?
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Turkey betrayal Syria: मध्य पूर्व की आग में एक नया चेहरा सामने आ रहा है न तो इजराइल, न ईरान बल्कि तुर्की। पर्दे के पीछे से पूरे खेल की कमान उसी ने थाम रखी है। सीरिया सिर्फ मैदान में खड़ा खिलाड़ी है, लेकिन खेल किसके इशारे पर हो रहा है, यह अब साफ होता जा रहा है। सवाल ये नहीं कि हमला किसने किया... असली सवाल ये है कि करवाया किसने?

सीरिया की चुप्पी के पीछे कौन? तुर्की का ‘मास्टरस्ट्रोक’ या गहरी साजिश?

जून 2025 में जब इजराइल ने अचानक ईरान की राजधानी तेहरान पर मिसाइलें बरसाईं, तब सभी चौंक गए कि इतनी गहराई तक हमला कैसे संभव हुआ। लेकिन कुछ ही घंटों में तस्वीर साफ हो गई इजराइल ने सीरिया के एयरस्पेस का इस्तेमाल किया था। अब यह जानकर और भी हैरानी होती है कि सीरिया ने खुद अपने वायु क्षेत्र को इजराइली लड़ाकू विमानों के लिए खुला छोड़ दिया था। क्यों? जवाब चौंकाने वाला है तुर्की के इशारे पर। सीरियाई अधिकारियों ने खुद माना कि उन्होंने तुर्की के कहने पर इस पूरे मामले में खामोशी अख्तियार की। राष्ट्रपति अल-शरा से लेकर उनकी कैबिनेट तक किसी ने न तो इजराइल की निंदा की, न ईरान के समर्थन में एक शब्द कहा।

तुर्की का दोहरा चेहरा ईरान पर बवाल, सीरिया पर खामोशी

जिस तुर्की ने ईरान पर हुए इजराइली हमले के वक्त बयानबाजी से आसमान सिर पर उठा लिया था, वही तुर्की अब सीरिया पर इजराइली बमबारी के वक्त अचानक शांत हो गया। राष्ट्रपति एर्दोआन गायब रहे, और इस बार तुर्की के विदेश मंत्री को बयान देने के लिए आगे किया गया। ऐसा क्यों? क्या तुर्की को अब सीरिया की ‘कमजोरी’ में अपना फायदा दिख रहा है? क्या यह मौन सहमति तुर्की की बड़ी रणनीति का हिस्सा है?

समुंद्री सौदे और सत्ता की सौदेबाजी तुर्की की असली मंशा क्या है?

सूत्रों के अनुसार तुर्की और सीरिया के बीच इन दिनों गुप्त समुद्री समझौते की बातचीत चल रही है। इसमें तटीय सीमाएं, ऊर्जा संसाधनों का वितरण और भूमध्य सागर में अधिकार जैसे मुद्दे शामिल हैं। अगर सीरिया सशक्त हो गया, तो तुर्की को इन समझौतों में पिछड़ने का डर है। इसलिए तुर्की चाहता है कि सीरिया ऐसा देश बना रहे, जो हर आदेश पर सिर्फ सिर हिलाए। एक कमजोर और निर्भर सीरिया, तुर्की के लिए वैसा ही है जैसे शतरंज की बिसात पर प्यादा जो समय आने पर कुर्बान भी किया जा सके।

ईरान की चुप्पी रणनीति या नाराजगी?

इजराइल द्वारा सीरिया पर हमला किए जाने के बाद ईरान का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। यह वही ईरान है जो आमतौर पर इजराइल के हर कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देता है, लेकिन इस बार खामोश है। जानकारों का कहना है कि ईरान अब सीरिया से दूरी बना चुका है। जब सीरिया ने इजराइल को अपने एयरस्पेस का रास्ता खोल दिया, तो ईरान ने इसे ‘पीठ में छुरा’ मान लिया। अब जब उसी सीरिया पर हमला हुआ है, तो ईरान का मौन शायद बदले की एक चुपचाप रणनीति है।

सीरिया बना मध्य-पूर्व की सबसे बड़ी बिसात का मोहरा

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा नुकसान में कौन है? न इजराइल, न ईरान, न तुर्की... बल्कि सीरिया खुद। पहले अपने एयरस्पेस को इजराइल को सौंप दिया, फिर जब बम गिरे, तो कोई समर्थन में आगे नहीं आया। सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा खुद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक ‘विचारशील और संतुलित’ नेता की छवि देना चाहते हैं, लेकिन यह चुप्पी कहीं उन्हें राजनीतिक अलगाव की ओर न ले जाए।

क्या ये सब महज संयोग है? या वाकई तुर्की कर रहा है 'मास्टरमाइंडिंग'?

घटनाएं एकतरफा नहीं होतीं जब एक देश हमला करता है, तो कोई और उसकी राह खोलता है, और कोई चुप रहकर उसकी मंजूरी देता है। तुर्की का रवैया, सीरिया की चुप्पी और ईरान की दूरी ये तीनों संकेत मिलकर एक ही दिशा में इशारा कर रहे हैं: मध्य पूर्व में अब युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं, रणनीति और गठबंधनों से लड़ा जा रहा है। तुर्की अब शायद खुद को इस खेल का सूत्रधार मान रहा है, लेकिन सवाल ये है क्या यह खेल उसके हाथ में रहेगा? या आने वाले समय में वही चाल उसे उलझा देगी?

सीरिया की चुप्पी कहीं उसकी कब्रगाह न बन जाए

मध्य पूर्व की राजनीति कोई साधारण खेल नहीं ये वो शतरंज है जिसमें हर मोहरे की कीमत खून से तय होती है। सीरिया फिलहाल किसी की हां में हां मिलाकर खुद को ‘सुरक्षित’ मान रहा है, लेकिन इतिहास बताता है जो देश ज्यादा चुप रहता है, वही सबसे पहले मिटा दिया जाता है।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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