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"अब हम चुप नहीं रहेंगे", एक युद्ध खत्म नहीं हुआ, दूसरा शुरू हो गया! , इजरायल ने सीरिया पर ताबड़तोड़ बरसाए बम?

Israel strikes Syria: इज़राइल ने सीरिया के स्वैदा इलाके में ड्रूज़ समुदाय की रक्षा के नाम पर जबरदस्त बमबारी कर दी, जिससे कई सैन्य ठिकाने ध्वस्त हो गए। ईरान से ताजा युद्ध के बाद अब इज़राइल और सीरिया के बीच नए संघर्ष की आशंका गहराई है। क्या मध्य-पूर्व एक और बड़े युद्ध की ओर बढ़ रहा है?

Harsh Srivastava
Published on: 15 July 2025 6:49 PM IST
अब हम चुप नहीं रहेंगे, एक युद्ध खत्म नहीं हुआ, दूसरा शुरू हो गया! , इजरायल ने सीरिया पर ताबड़तोड़ बरसाए बम?
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Israel strikes Syria: ईरान के साथ 12 दिनों तक चली हवाई जंग और रॉकेट हमलों के ठीक बाद इज़राइल ने अब एक और चौंकाने वाला कदम उठा लिया है। इस बार निशाने पर है,सीरिया का स्वैदा इलाका। मंगलवार की सुबह जब दुनिया सामान्य दिन मानकर जाग रही थी, उसी वक्त स्वैदा की धरती पर धमाकों की गूंज और टैंकों की गरज से सब कुछ हिल उठा। दक्षिण सीरिया का यह इलाका जहां ड्रूज़ समुदाय की घनी आबादी है, अब इज़राइली टैंकों, ड्रोन और मिसाइलों की ज़द में आ चुका है। इज़राइल ने सीधा हमला करते हुए सीरियाई सेना के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। और इसका कारण बताया गया,"ड्रूज़ समुदाय की रक्षा"।

ड्रूज़ों की पुकार बनी युद्ध की वजह

इज़राइली अधिकारियों का कहना है कि यह हमला सीरियाई सेना द्वारा ड्रूज़ समुदाय पर हो रहे अत्याचार के जवाब में किया गया है। दरअसल, बीते तीन दिनों से स्वैदा में हिंसा थम नहीं रही थी। धमाके, फायरिंग और टैंकों की तैनाती ने वहां के हालात को युद्धक्षेत्र में बदल दिया था। इसी बीच ड्रूज़ समुदाय के एक सबसे प्रमुख धर्मगुरु शेख हिकमत अल-हजरी ने सीधी अपील करते हुए सीरियाई सरकार पर आरोप लगाया कि वह खुद अपने ही नागरिकों पर बम बरसा रही है और ड्रूज़ों को निशाना बना रही है। शेख ने यहां तक कह दिया कि अगर ज़रूरत पड़े तो ड्रूज़ युवाओं को खुद हथियार उठाकर सरकार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। इसी अपील ने मानो आग में घी डाल दिया। कुछ ही घंटों में इज़राइली टैंकों ने सीरियाई सेना की सीमा चौकियों पर हमला बोल दिया। आसमान में ड्रोन मंडराते दिखे, और ज़मीन पर टैंक घसीटे जाते नज़र आए।

इज़राइली नेतृत्व का साफ संदेश: “ड्रूज़ हमारे अपने हैं”

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इज़राइल कात्ज़ ने बेहद भावनात्मक और आक्रामक बयान जारी कर कहा कि, “हमारे ड्रूज़ भाई-बहनों को किसी भी कीमत पर नुकसान नहीं होने देंगे। सीरियाई सरकार ने जिन हथियारों से उन्हें डराने की कोशिश की, हमने उन्हीं हथियारों को नेस्तनाबूद कर दिया।” नेतन्याहू ने यह भी जोड़ा कि इज़राइल के भीतर भी ड्रूज़ समुदाय के लाखों नागरिक हैं जो सेना से लेकर प्रशासन तक में योगदान दे रहे हैं। ऐसे में सीरिया के ड्रूज़ों की सुरक्षा करना इज़राइल का नैतिक और रणनीतिक दायित्व है।

ड्रूज़-इज़राइल: एक पुराना, रहस्यमय और शक्तिशाली गठजोड़

कौन हैं ये ड्रूज़, जिनके लिए इज़राइल अपने टैंक और तोपें सीरिया में उतार देता है? ड्रूज़ एक रहस्यमय धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है, जिसकी जड़ें इस्लाम की शिया शाखा से निकलकर 10वीं सदी में अलग हो गई थीं। इन्होंने हमेशा खुद को अलग और तटस्थ रखा, लेकिन जब इतिहास के मोड़ आए, उन्होंने चौंकाने वाले गठबंधन किए। 1930 के दशक में फिलिस्तीन में जब यहूदी और अरबों के बीच खूनी संघर्ष चल रहा था, तो ड्रूज़ों ने यहूदियों का साथ दिया। मुस्लिम चरमपंथियों के हमलों और नेताओं की हत्याओं के बीच ड्रूज़ समुदाय ने यहूदियों में एक स्थायित्व और समर्थन देखा। आज इज़राइल में लगभग 1.5 लाख से अधिक ड्रूज़ रहते हैं जो गोलान हाइट्स, गलील और कार्मेल पर्वतों में बसे हैं। वे सेना में भर्ती होते हैं, खुफिया एजेंसियों में काम करते हैं और कुछ तो सरकार में मंत्री तक बन चुके हैं। यही ऐतिहासिक रिश्ता अब सीरिया के ड्रूज़ों को इज़राइल की सुरक्षा छतरी दिला रहा है।

सीरिया की सफाई: “हम तब तक गोली नहीं चलाएंगे जब तक हमला न हो”

इस हमले के बाद सीरियाई रक्षा मंत्री मुरहफ अबू क़सरा को आनन-फानन में बयान जारी करना पड़ा। उन्होंने कहा कि, “हमने युद्धविराम की पूरी तरह घोषणा कर दी है। हमारी सेना अब कोई फायरिंग नहीं करेगी, जब तक हम पर हमला नहीं होता।” लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह सच में युद्धविराम था? या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव और इज़राइली हमले की गंभीरता ने सीरिया को पीछे हटने पर मजबूर किया?

क्या अब इज़राइल-सीरिया जंग तय है?

ईरान से हालिया संघर्ष के बाद अब इज़राइल ने सीरिया में तीसरा मोर्चा खोल दिया है। लेबनान की तरफ़ से पहले ही हिज़्बुल्लाह के हमले हो चुके हैं, गाज़ा पट्टी पर हमास से तनाव कभी भी बढ़ सकता है। ऐसे में अगर सीरिया में भी टकराव गहराया, तो यह मध्य-पूर्व को पूरी तरह जला देने वाली जंग बन सकती है।क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की आहट है? क्या ड्रूज़ों की सुरक्षा के नाम पर इज़राइल अब पूरे सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप करेगा?

हथियार उठेंगे या शांति की बात होगी?

स्वैदा का इलाका इस वक्त धुएं, डर और धमाकों के बीच सांस ले रहा है। ड्रूज़ समुदाय आज खुद को दो तरफा आग में फंसा पा रहा है,एक तरफ सीरियाई सरकार की बेरुखी, दूसरी तरफ इज़राइल की सशस्त्र मुहिम। शांति के झंडे अभी दूर हैं। लेकिन अगर आग बढ़ी, तो सिर्फ स्वैदा नहीं, पूरा मध्य-पूर्व जल उठेगा।

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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