दुनिया का सबसे ताकतवर देश में शटडाउन... अमेरिकी सरकार पर लटके ताले, सियासी संग्राम शुरू

America Government Shutdown News: वॉशिंगटन डीसी में गवर्नमेंट शटडाउन लागू हो गया है, जिसके बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया।

Gausiya Bano
Published on: 1 Oct 2025 2:35 PM IST
दुनिया का सबसे ताकतवर देश में शटडाउन... अमेरिकी सरकार पर लटके ताले, सियासी संग्राम शुरू
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America Government Shutdown News: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल है। देश की संसद, यानी अमेरिकी कांग्रेस, बजट पर सहमति बनाने में विफल रही है, जिसके चलते संघीय स्तर पर "गवर्नमेंट शटडाउन" लागू हो गया है। सरकार के कामकाज पर इस सियासी तालेबंदी ने आम अमेरिकी नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। इस फंडिंग बिल को लेकर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के बीच ज़ुबानी जंग छिड़ी हुई है, जहां दोनों ही पक्ष शटडाउन के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

कमला हैरिस ने रिपब्लिकन्स पर साधा निशाना

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही इस गतिरोध के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। अब पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) के ज़रिए रिपब्लिकन्स पर ज़ोरदार हमला बोला है। हैरिस ने अमेरिकी जनता को भरोसा दिलाने की कोशिश करते हुए कहा कि शटडाउन इसलिए हुआ क्योंकि "आपकी सरकार हेल्थ केयर पर पैसे नहीं खर्च करना चाहती।" उन्होंने स्पष्ट शब्दों में रिपब्लिकन्स को घेरते हुए लिखा, "मैं स्पष्ट कर दूं: रिपब्लिकन्स ही व्हाइट हाउस, सदन और सीनेट के प्रभारी हैं, इसलिए ये शटडाउन उन्हीं की देन है।"

रिपब्लिकन्स ने चुना 'अव्यवस्था' का रास्ता?

कांग्रेस सदस्य शोंटेल ब्राउन ने भी इस शटडाउन के लिए डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन्स को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने एक बयान में कहा, "रिपब्लिकन सरकार धन मुहैया कराने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम रही है।" उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार शटडाउन के कगार पर थी, तब हाउस रिपब्लिकन वॉशिंगटन में भी नहीं थे, जो एक जानबूझकर लिया गया फैसला था। ब्राउन ने कहा कि डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य सेवा बचाने के लिए काम पर आए थे, लेकिन रिपब्लिकन्स छुट्टी पर चले गए।

कांग्रेस सदस्य जैस्मीन क्रॉकेट ने भी एक्स पोस्ट में कहा कि रिपब्लिकन्स ने "अव्यवस्था को चुना है।" उन्होंने साफ किया कि हाउस, सीनेट और व्हाइट हाउस पर रिपब्लिकन्स का नियंत्रण है, इसलिए यह उनका बंद है। क्रॉकेट ने कहा कि उनके पास शासन करने के लिए हर साधन था, फिर भी उन्होंने अव्यवस्था को चुना और इसकी कीमत अमेरिकी जनता चुका रही है।

आम आदमी पर पड़ेगा भारी असर

डेमोक्रेटिक नेताओं का दावा है कि यह शटडाउन जितना लंबा चलेगा, आम अमेरिकी परिवारों, मजदूरों और समुदायों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। शोंटेल ब्राउन के अनुसार, इस बंद से सैन्यकर्मियों और संघीय कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा, सामाजिक सुरक्षा और पूर्व सैनिकों की सेवा भी प्रभावित हो सकती है, और छोटे व्यवसायों के लिए ऋण रुक सकते हैं।

इस बीच, फंडिंग बिल पास कराने के लिए 100 सदस्यों वाले सीनेट में 60 वोटों की जरूरत थी, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण के बावजूद वे सात वोटों से पीछे रह गए। डेमोक्रेटिक नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात भी की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मुलाकात के कुछ घंटों बाद, ट्रंप ने डेमोक्रेटिक नेताओं का मजाक उड़ाने वाला एआई-जनरेटेड वीडियो भी शेयर किया और मंगलवार को डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाना जारी रखा कि "उन्होंने उन्हें जरा भी झुकते नहीं देखा।"

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Gausiya Bano

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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