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US में शटडाउन से सरकार ठप लेकिन शेयर बाजार में उछाल! जानें कैसे ट्रंप का ‘मैजिक’ अब भी है बरक़रार...?
US government shutdown 2025: अमेरिका में सरकारी शटडाउन को आज पूरे 8 दिन हो चुके हैं, लेकिन इस राजनीतिक गतिरोध का कोई हल अब तक नहीं निकल पाया है। दिलचस्प यह है कि जहां सरकारी कामकाज आंशिक रूप से रुका पड़ा है, वहीं अमेरिकी शेयर बाजार नई ऊंचाइयों को छू गया है।
US government shutdown 2025 (photo: social media)
US government shutdown 2025: अमेरिका में सरकारी शटडाउन को आज पूरे 8 दिन हो चुके हैं, लेकिन इस राजनीतिक गतिरोध का कोई हल अब तक नहीं निकल पाया है। बजट पारित करने को लेकर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन आमने-सामने हैं, और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रसिद्धता अब तक लगभग स्थिर नज़र आ रही है। दिलचस्प यह है कि जहां सरकारी कामकाज आंशिक रूप से रुका पड़ा है, वहीं अमेरिकी शेयर बाजार नई ऊंचाइयों को छू गया है।
शटडाउन लागू कैसे हुआ ?
यह संकट 1 अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ, जब अमेरिकी कांग्रेस 30 सितंबर की समय-सीमा तक नया बजट पारित करने में सफल नहीं हो सकी। डेमोक्रेट्स का कहना है कि वे तब तक बजट पर सहयोग नहीं करेंगे जब तक स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी को बढ़ाया नहीं जाता, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन चाहते हैं कि बजट बिना इन सब्सिडियों के ही पारित हो। दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति पर अड़े हुए हैं, जिसके कारण अब तक कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई है।
कौन है जिम्मेदार?
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी नागरिकों में इस मुद्दे पर भारी मतभेद हैं।
- 45 % लोगों का मानना है कि इस शटडाउन के लिए रिपब्लिकन ज़्यादा जिम्मेदार हैं।
- जबकि 40 % लोगों का कहना है कि डेमोक्रेट्स भी अपनी जिद छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
राजनीतिक विश्लेषक जी. इलियट मॉरिस के मुताबिक, रिपब्लिकन और ट्रंप को डेमोक्रेट्स की तुलना में 6 से 17 अंकों तक अधिक जिम्मेदार ठहराया गया है।
ट्रंप की रेटिंग पर नहीं पड़ा कुछ ख़ास प्रभाव
विश्लेषक नेट सिल्वर के राष्ट्रीय सर्वेक्षण औसत के मुताबिक, ट्रंप की स्वीकृति दर माइनस (-) 9.4 % पर है, यानी कि 52.7 % लोग उन्हें नापसंद करते हैं, जबकि 43.3 % अभी भी उनके समर्थक हैं। सितंबर माह के अंत में उनकी रेटिंग दो अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन शटडाउन के 8 दिन बाद भी उसमें कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है।
विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर ट्रंप की लोकप्रियता इस प्रकार दर्ज की गई है जैसे कि:
अर्थव्यवस्था पर: +15.3
व्यापार नीति पर: +15.6
आव्रजन नीति पर: -4.7
मुद्रास्फीति पर: -27.4
इनमें से व्यापार और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर पिछले 2 सप्ताह में उनकी स्वीकृति में हल्की वृद्धि देखी गई है।
डेमोक्रेट्स कुछ आगे, लेकिन रुझान स्थिर
मॉरिस के औसत सर्वेक्षण में डेमोक्रेट्स मौजूदा स्थिति में 44.9 % पर हैं, जबकि रिपब्लिकन 42.1 % पर। यह मामूली बढ़ोतरी अप्रैल महीने से बनी हुई है। आगामी नवंबर 2026 के मध्यावधि चुनावों में प्रतिनिधि सभा की सभी सीटें और सीनेट की एक-तिहाई सीटें दांव पर होंगी, इसलिए दोनों दलों के लिए यह गतिरोध राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
शूमर पर बढ़ा दबाव
डेमोक्रेटिक सीनेट नेता चक शूमर की प्रसिद्धता केवल 20.5 % पर है, जो 6 प्रमुख राजनीतिक नेताओं में सबसे कम है। विश्लेषकों के मुताबिक, अपने ही समर्थक मतदाताओं में कमजोर समर्थन के कारण शूमर पर पार्टी के अंदर दबाव बढ़ रहा है कि वे ट्रंप के खिलाफ और कठोर रुख अपनाएं। डेमोक्रेट्स के झुकने पर शूमर को ही इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
शेयर बाजार पर नहीं दिखा कुछ खास प्रभाव
हालांकि सरकारी कामकाज ठप है, लेकिन शेयर बाजार पर इसका प्रभाव उल्टा पड़ा है। अमेरिकी एसएंडपी 500 इंडेक्स बुधवार को नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और पिछले एक महीने में 4 % की बढ़ोतरी दर्ज की है। बता दे, साल 1980 से अब तक अमेरिका में 11 सरकारी शटडाउन हो चुके हैं। इनमें से 7 से 5 दिनों से कम समय तक चले थे। सबसे लंबा शटडाउन साल 2018 में ट्रंप के पहले कार्यकाल में 35 दिनों तक चला था। इसपर आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि शटडाउन से अस्थायी नुकसान होता है, लेकिन आमतौर पर अर्थव्यवस्था बाद में तेज़ी से संभल जाती है।
रिपब्लिकन के पास बहुमत, फिर भी गतिरोध क्यों?
रिपब्लिकन पार्टी ने साल 2024 नवंबर महीने के चुनावों में प्रतिनिधि सभा में 219-213 का बहुमत हासिल किया था, जबकि सीनेट में उनका बहुमत 53-47 का है। बावजूद इसके, वे बजट विधेयक पारित नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि अमेरिकी सीनेट में ‘फिलिबस्टर’ नियम के अंतर्गत किसी भी विधेयक को पारित करने के लिए 60 वोट आवश्यक होते हैं। इसका अर्थ यह है कि रिपब्लिकन को कम से कम 7 डेमोक्रेटिक सीनेटरों का समर्थन चाहिए। कुछ रिपब्लिकन इस नियम को समाप्त करने से हिचक रहे हैं, क्योंकि भविष्य में इसका दुरुपयोग हो सकता है।
सैनिक तैनाती पर भी विवाद
शटडाउन के बीच ट्रंप ने शिकागो (इलिनॉइस) में नेशनल गार्ड की तैनाती की है और पोर्टलैंड (ओरेगन) में ऐसा करने का प्रयास किया। रॉयटर्स-इप्सोस सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 58 % अमेरिकी नागरिकों का ऐसा मानना है कि राष्ट्रपति को सैनिक सिर्फ बाहरी खतरों वाले क्षेत्रों में ही भेजने चाहिए, जबकि 48 % लोगों का कहना है कि यदि किसी राज्य का गवर्नर विरोध करे तो राष्ट्रपति को उस राज्य में सैनिक नहीं भेजने चाहिए।
बता दे, मौजूदा हलातों में अमेरिकी राजनीति बजट संकट के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। जहां शटडाउन ने सरकारी कर्मचारियों और सेवाओं को बुरी तरह से प्रभावित किया है, वहीं शेयर बाजार अब तक ट्रंप प्रशासन पर विश्वास दिखा रहा है। अब आगामी कुछ दिनों में यह तय होगा कि क्या यह राजनीतिक टकराव सुलझेगा या साल 2018 की तरह एक और लंबा शटडाउन देखने को मिलेगा।
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