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US Pakistan Partnership: अमेरिका-पाकिस्तान क्रिप्टो-ब्लॉकचेन साझेदारी ने जगाई वैश्विक रुचि
US Pakistan Crypto Blockchain Partnership: अप्रैल 2025 में, अमेरिका की क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF)—जिसमें डोनाल्ड ट्रंप के परिवार (एरिक ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और जारेड कुशनर) की 60% हिस्सेदारी है—ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
US Pakistan Crypto Blockchain Partnership Sparks Global Interest
US Pakistan Crypto Blockchain Partnership: एक अमेरिकी समर्थित पहल पाकिस्तान को दक्षिण एशिया में संभावित क्रिप्टोकरेंसी हब के रूप में उभरने की दिशा में प्रेरित कर रही है। निजी क्षेत्र की भागीदारी और उच्च स्तरीय वार्ताओं से यह साझेदारी पाकिस्तान की वित्तीय प्रणाली में ब्लॉकचेन तकनीक को एकीकृत करने का लक्ष्य रखती है। हालांकि, इसने भू-राजनीतिक प्रभावों और हितों के टकराव को लेकर कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
अप्रैल 2025 में, अमेरिका की क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF)—जिसमें डोनाल्ड ट्रंप के परिवार (एरिक ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और जारेड कुशनर) की 60% हिस्सेदारी है—ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाना है, जिसमें स्टेबलकॉइन (जैसे USD1 – अमेरिकी डॉलर से जुड़ी डिजिटल करेंसी), एसेट टोकनाइजेशन (जैसे अचल संपत्तियों को डिजिटल टोकन में बदलना), और डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
इस साझेदारी के तहत रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (एक नियंत्रित वातावरण जिसमें ब्लॉकचेन उत्पादों का परीक्षण किया जा सके) की योजना बनाई गई है। साथ ही, प्रेषण (रेमिटेंस) और व्यापार में स्टेबलकॉइन के उपयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।
WLF प्रतिनिधिमंडल, जिसमें ट्रंप के कारोबारी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकरी विटकॉफ भी शामिल थे, ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से इस पहल को लेकर मुलाकात की। मई 2025 में PCC के CEO बिलाल बिन साकिब ने पाकिस्तान में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत नैटली बेकर से मुलाकात कर ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अमेरिका-पाकिस्तान सहयोग के और अवसरों की चर्चा की।
बिलाल साकिब ने कहा
“पाकिस्तान के पास दक्षिण एशिया में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में अग्रणी बनने की पूरी क्षमता है। हमारी WLF के साथ साझेदारी वैश्विक रुझानों के अनुकूल है और इससे बड़े पैमाने पर निवेश आ सकता है।”
PCC, Binance के संस्थापक चांगपेंग झाओ के साथ मिलकर एक ऐसा नियामक ढांचा विकसित करने पर भी विचार कर रही है जो सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों के मॉडलों से प्रेरित होगा।
संभावनाएं और चुनौतियां
पाकिस्तान का क्रिप्टो क्षेत्र उसकी युवा आबादी (60% लोग 30 वर्ष से कम आयु के) और मोबाइल उपयोग की उच्च दर के कारण तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह डिजिटल वित्तीय समावेशन का साधन बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से व्यापार में अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घट सकती है और रेमिटेंस की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज़ हो सकती है, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का एक अहम स्तंभ है।
हालांकि, इस क्षेत्र में मूल्य में अस्थिरता, नियमों की अस्पष्टता, और पाकिस्तान के स्टेट बैंक द्वारा अतीत में लगाई गईं रोकों जैसी चुनौतियां भी हैं। PCC का उद्देश्य स्पष्ट नीतियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करना है।
यह समझौता 22 अप्रैल 2025 को भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से कुछ ही दिन पहले साइन हुआ था, जिससे क्षेत्रीय चिंताएं और भी बढ़ गई हैं।
भारतीय अधिकारियों को आशंका है कि पाकिस्तान अब अनियमित क्रिप्टो ट्रेडिंग का केंद्र बन सकता है, जिससे भारत के 30% क्रिप्टो टैक्स को दरकिनार किया जा सकता है और वित्तीय डेटा सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।
वहीं, अमेरिका में ट्रंप परिवार की भागीदारी ने भी हितों के टकराव को लेकर बहस छेड़ दी है, खासकर तब जब डोनाल्ड ट्रंप को WLF का “मुख्य क्रिप्टो समर्थक” बताया गया है।
जहां यह साझेदारी पाकिस्तान की ब्लॉकचेन में वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा को दर्शाती है, वहीं इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान नियामकीय अवरोधों को कैसे पार करता है, भूराजनीतिक संवेदनशीलताओं का संतुलन कैसे बनाता है, और क्या वह पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित कर सकता है या नहीं।
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