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आपकी स्किन पर चुपचाप पल रहा है 'खतरनाक वायरस'! धीरे-धीरे बन जाता है कैंसर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Virus That Can Trigger Skin Cancer: क्या आपको मालूम है कि HPV का एक ऐसा वायरस भी है जो हमारी त्वचा पर बिना किसी नुकसान के शांति से रहता है। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना था कि यह वायरस सीधे कैंसर का कारण नहीं बनता, बल्कि सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान की वृद्धि में सहायता करता है।
Virus That Can Trigger Skin Cancer (PHOTO CREDIT: social media)
Virus That Can Trigger Skin Cancer: क्या आपने कभी HPV वायरस का नाम सुना है ? आपमें से ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस वायरस का नाम ज़रुरु सुने होंगे और इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो इसे गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर से जोड़ते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि HPV का एक ऐसा वायरस भी है जो हमारी त्वचा पर बिना किसी नुकसान के शांति से रहता है। इसे आमतौर पर बीटा-HPV कहा जाता है। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना था कि यह वायरस सीधे कैंसर का कारण नहीं बनता, बल्कि सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान की वृद्धि में सहायता करता है।
इस खोज से वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित!
अब हाल ही की एक बड़ी खोज ने यह धारणा बदल कर रख दी है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि यह 'निर्दोष' समझा जाने वाला बीटा-HPV स्किन कैंसर का सीधा कारण बन सकता है, विशेषकर उन लोगों में जिनकी इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर है।
इस तरह से शुरू हुई ये कहानी...
ये कहानी शुरू होती है 34 साल की एक महिला से, जिसे बार-बार स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नाम का एक त्वचा कैंसर हो रहा था। यह कैंसर उसके माथे पर बार-बार हो जाता था, जबकि डॉक्टर लगातार सर्जरी और इलाज कर रहे थे। शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि महिला की त्वचा सूरज की रोशनी से ठीक से रिपेयर नहीं कर पा रही और कमजोर इम्यून सिस्टम वायरस को बढ़ने दे रहा है।
वायरस का त्वचा की कोशिकाओं पर कब्जा
जांच में हैरान कर देने वाला सच सामने आया। बीटा-HPV वायरस ने महिला की त्वचा की कोशिकाओं के DNA में प्रवेश कर लिया था और वहां प्रोटीन बनाना शुरू कर दिया था, यानी कोशिकाओं पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया था। इससे पहले वैज्ञानिकों को नहीं पता था कि यह वायरस ऐसा कुछ भी कर सकता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम बना गंभीर समस्या
महिला की इम्यून सिस्टम में भी बहुत दिक्कतें थी। उसके टी-सेल्स ठीक से काम नहीं कर रहे थे, जिससे वायरस को रोकने की शक्ति खत्म हो गई थी। परिणाम यह हुआ कि वायरस लंबे वक़्त तक शरीर में बना रहा और कैंसर बार-बार होता रहा।
इन कारणों से मिला जीवन
इसके बाद NIH की टीम ने एक पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान बनाकर तैयार किया और महिला को स्टेम सेल ट्रांसप्लांट दिया, जिससे उसकी खराब इम्यून कोशिकाओं की जगह स्वस्थ कोशिकाएं आ गईं। परिणाम बहुत चमत्कारिक था। ट्रांसप्लांट के बाद महिला की सभी HPV से जुड़ी समस्याएं खत्म हो गईं, यहां तक कि कैंसर भी। 3 साल से अधिक वक़्त से यह कैंसर दोबारा नहीं हुआ है।
बदल चुका है कैंसर के इलाज का तरीका
यह मामला स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में बीटा-HPV सीधे त्वचा की कोशिकाओं पर कब्ज़ा जमा सकता है और कैंसर का बड़ा कारण बन सकता है।
Disclaimer: (इस लेख में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)
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