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'सांसे बंद कर देंगे...' हाफिज सईद ने भारत को दी धमकी, सिंधु जल समझौता निलंबित करने पर बौखलाया
भारत- पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) ने पाकिस्तान भर में भारत के खिलाफ रैलियां आयोजित कर रहा। लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, फैसलाबाद, गुजरांवाला और हाफिजाबाद जैसे बड़े शहरों में भारत विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे।
Hafiz Saeed (Photo: Social Media)
सिंधु जल समझौता निलंबित होने के बाद से पाकिस्तान में बौखलाहट मच गई है। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन भी अब भारत के खिलाफ जहर उगलने में पीछे नहीं रह रहे। अब इन्हीं रैलियों में भारत के सबसे बड़े दुश्मन और ग्लोबल टेरर लिस्ट में शामिल हाफिज सईद के पुराने बयान वायरल किये जा रहे जिसमें वो हिंदुस्तान को धमकी देते हुये दिखाई दे रहा।
भारत विरोधी रैलियों के दौरान आयोजकों ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के पुराने तकरीरों को फिर से चलाया। इन तकरीरों में हाफिज सईद पानी को लेकर भारत को खुली धमकी देता नजर आता है। वीडियो में वह कहता है, अगर तुमने पाकिस्तान का पानी रोका, तो क्या हमें चुप बैठा पाओगे? याद रखो, अगर तुमने पानी रोका तो हम तुम्हारी सांसें रोक देंगे। नदियों में फिर पानी नहीं, खून बहेगा!
भारत-विरोधी प्रचार में जुटी लश्कर की राजनीतिक शाखा
भारत- पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) ने पाकिस्तान भर में भारत के खिलाफ रैलियां आयोजित कर रहा। लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, फैसलाबाद, गुजरांवाला और हाफिजाबाद जैसे बड़े शहरों में भारत विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे। प्रदर्शनकारियों ने भारत पर जल आक्रामकता का आरोप लगाया और कहा कि भारत नदियों पर अवैध रूप से बांध बना रहा है जिसकी वजह से उनके देश पानी का संकट गहरा सकता है।
लश्कर का राजनीतिक मुखौटा है पीएमएमएल
बता दें, पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग को लश्कर-ए-तैयबा का राजनीतिक चेहरा माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद लश्कर लंबे समय से इस तरह के कवर संगठनों के जरिए पाकिस्तान की राजनीति में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करना चाहता है।
लश्कर-ए-तैयबा का सरगना और मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भी पीएमएमएल से सीधा जुड़ाव है। उसके बेटे तल्हा सईद ने 2024 के आम चुनावों में लाहौर के एनए-122 सीट से पीएमएमएल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें सिर्फ 2,041 वोट ही मिल पाए और वे छठे स्थान पर रहे। यह चुनावी नतीजा इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान की जनता भी अब कट्टरपंथी राजनीति को नकार रही है।
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