NO Kings प्रोटेस्ट क्या है? पूरे अमेरिका में आक्रोश, क्यों और किसके खिलाफ सड़कों पर उतरी भीड़?

No Kings protest: अमेरिका और दुनियाभर में ‘नो किंग्स’ के बैनर तले लाखों लोग सड़कों पर उतर गये है। ‘नो किंग्स प्रोटेस्ट’ ट्रंप प्रशासन की शिक्षा, प्रवासन और सुरक्षा नीतियों में बढ़ रही तानाशाही के खिलाफ चल रहा है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 19 Oct 2025 8:14 AM IST
No Kings protest
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No Kings protest

No Kings Movement: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में विरोध की आग सुलग रही है। अमेरिका और दुनियाभर में ‘नो किंग्स’ के बैनर तले लाखों लोग सड़कों पर उतर गये है। ‘नो किंग्स प्रोटेस्ट’ ट्रंप प्रशासन की शिक्षा, प्रवासन और सुरक्षा नीतियों में बढ़ रही तानाशाही के खिलाफ चल रहा है। 200 से ज्यादा संगठन इस आंदोलन में कूद चुके हैं। छोटे कस्बों से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक ट्रंप प्रशासन के तानाशाही रवैये के खिलाफ आवाजा बुलंद हो रही है।

लोगों से सड़कों पर आने की अपील

नो किंग्स नाम का गठबंधन ने बीते जून माह में बड़ा प्रदर्शन किया था। इस गठबंधन ने एक बार फिर लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि डोनाल्ड ट्रंप कोई राजा नहीं हैं। ट्रंप प्रशासन में लगातार बढ़ रहे अधिनायकवाद के खिलाफ यह प्रोटेस्ट है। अमेरिका के कई शहरों में इस आंदोलन के मद्देनजर सेना की मौजूदगी बढ़ा दी गयी है। वहीं ट्रंप प्रशासन की ओर से इस आंदोलन को कुचलने के लिए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।

नौ किंग्स प्रोटेस्ट क्या है?

‘नो किंग्स’ वामपंथी झुकाव वाले कई संगठनों का एक गठबंधन है जोकि फिर अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहा है। इस गठबंधन ने बीते जून में भी ‘नो किंग्स’ नाम से विरोध प्रदर्शन किया था। इस प्रोटेस्ट का ‘नो किंग्स’ इसलिए रखा गया है ताकि इस आंदोलन के जरिए यह सीधा संदेश दिया जा सके कि अमेरिका में राजा या निरंकुश शासक नहीं होता और यह ट्रंप के बढ़ते अधिनायकवाद पर करारा प्रहार भी है। इस प्रोटेस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट nokings.org पर साफ लिखा है कि ‘नो किंग्स’ केवल नारा नहीं है, यह देश की बुनियाद है।

कहां-कहां हो रहा ‘नो किंग्स’ प्रोटेस्ट?

पूरे अमेरिका में 2,500 से अधिक प्रोटेस्ट की योजना तैयार की गयी है। जिनमें बड़े शहरों के साथ ही छोटे कस्बे भी शामिल हैं। यह प्रोटेस्ट अमेरिका के सभी 50 राज्यों में होंगे। अलग-अलग जगहों पर अलग समय पर प्रदर्शन शुरू किये जायेंगे। प्रोटेस्ट में 200 से ज्यादा संगठन में जुड़े हुए हैं। इस डे ऑफ एक्शन के लिए आयोजकों ने कई प्रमुख शहरों को ‘एंकर सिटीज’ के रूप में चिन्हित किया है, जिनमें शामिल वॉशिंगटन डी.सी., सैन फ्रांसिस्को, अटलांटा, सैन डिएगो, होनोलूलू, कैनसस सिटी (मिसौरी), शिकागो, न्यूयॉर्क सिटी, बोस्टन, ह्यूस्टन (टेक्सास), न्यू ऑरलियन्स और बोज़मैन (मोंटाना) शामिल हैं।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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