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Bihar Politics: "चिराग को CM बनाओ"...पप्पू यादव के बयान से मची खलबली, बिहार की सियासत में भूचाल
Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव का बड़ा बयान, कहा- चिराग पासवान को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करें प्रशांत किशोर।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति इस समय एक नए मोड़ पर आ खड़ी हुई है। एक ओर जहां सत्ताधारी दल अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हैं, वहीं विपक्षी खेमा अपने समीकरणों को नए सिरे से गढ़ने में लगा है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक ऐसा बयान दे डाला है जिसने सियासी हलकों में खलबली मचा दी है। उन्होंने खुले मंच से मांग की है कि जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें। पप्पू यादव का यह बयान सिर्फ एक राय नहीं, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले के राजनीतिक खेल को नया आकार देने की कवायद मानी जा रही है।
जब चिराग और किशोर एक साथ दिखे
बिहार की राजनीति में दो चेहरे इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में हैं प्रशांत किशोर और चिराग पासवान। दोनों ने हाल के महीनों में राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था पर जमकर सवाल उठाए हैं। चिराग, जो एनडीए का हिस्सा माने जाते हैं, लेकिन अपनी ही सरकार पर हमलावर रहे हैं। वहीं प्रशांत किशोर तो अपनी जनसुराज यात्रा के जरिए पहले ही बिहार के मौजूदा नेतृत्व को असफल साबित करने में लगे हैं। अब जब पप्पू यादव ने यह दावा कर दिया है कि दोनों नेता साथ आ चुके हैं, तो सवाल उठता है, क्या बिहार में एक तीसरा मोर्चा खड़ा हो रहा है? क्या यह मोर्चा एनडीए और महागठबंधन, दोनों को झटका देने की ताकत रखता है?
चिराग को CM चेहरा बनाने का प्रस्ताव
पप्पू यादव ने पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जो बातें कहीं, वो चुनाव से पहले एक रणनीतिक शतरंज की ओर इशारा करती हैं। उन्होंने साफ कहा, “प्रशांत किशोर को अब चिराग पासवान को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर देना चाहिए। अगर वो कुछ सीटें भी जीत जाते हैं, तो जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए संकट खड़ा हो जाएगा।” यह बयान सिर्फ एक प्रस्ताव नहीं बल्कि एक सियासी चाल भी है। चिराग पासवान का आधार दलित मतदाताओं में मजबूत है, वहीं प्रशांत किशोर की पकड़ युवाओं और मध्यवर्ग में बन रही है। ऐसे में अगर ये दोनों नेता साथ आते हैं और चुनावी मोर्चा बनाते हैं, तो सत्ता की चाभी किसी तीसरे खेमे के हाथों में जा सकती है।
‘चिराग एनडीए छोड़ें, महागठबंधन में आएं’
पप्पू यादव ने चिराग पासवान को एनडीए से नाता तोड़ने और महागठबंधन में शामिल होने का खुला न्योता भी दे डाला। उन्होंने कहा, “चिराग जी उधर भी हैं, इधर भी हैं, ऐसे कैसे चलेगा? उन्हें तय करना होगा कि किस तरफ हैं। अगर वो इस तरफ आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।” यह बयान सीधे तौर पर एनडीए में भ्रम और अस्थिरता को उजागर करता है। चिराग पासवान पहले भी नीतीश कुमार से टकराव में रहे हैं और अब अगर वो महागठबंधन या किसी तीसरे मोर्चे का हिस्सा बनते हैं, तो ये बीजेपी के लिए भी खतरे की घंटी हो सकती है।
क्यों डरी हुई है JDU और नीतीश सरकार?
पप्पू यादव का मानना है कि अगर चिराग और किशोर की जोड़ी कुछ सीटें भी जीतती है, तो जेडीयू और नीतीश कुमार के लिए ये खतरे की घंटी साबित होगी। राज्य की मौजूदा स्थिति, खासकर अपराधों और हत्याओं की घटनाओं को लेकर जनता में नाराजगी है, और इन मुद्दों पर चिराग व किशोर दोनों खुलकर बोल रहे हैं। नीतीश कुमार भले ही अब एनडीए के साथ नहीं हैं, लेकिन जेडीयू को अपनी साख बचाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। पप्पू यादव की यह चाल सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की गणित को बिगाड़ने वाली है।
नए समीकरण, नई सियासत
बिहार की राजनीति में इस समय जो समीकरण बन रहे हैं, वो यह संकेत दे रहे हैं कि राज्य अब दो ध्रुवों के बीच नहीं बंटेगा। एक नया मोर्चा, नई रणनीति और नए चेहरे उभर रहे हैं। पप्पू यादव जैसे नेताओं के पास अभी भी अपना जनाधार है और अगर वे प्रशांत किशोर और चिराग पासवान जैसे नेताओं को साथ लाने में कामयाब हो जाते हैं, तो यह गठबंधन 2025 के विधानसभा चुनावों में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकता है।
बिहार की सियासत में तूफान से पहले की शांति है। लेकिन अब जब पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर और चिराग पासवान की जोड़ी को मुख्यमंत्री पद के नामांकन के साथ जोड़ दिया है, तो यह साफ हो गया है कि आने वाला चुनाव सिर्फ वोट का नहीं, बल्कि छवि, नेतृत्व और जनआक्रोश का भी होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग किस तरफ जाते हैं, प्रशांत क्या फैसला लेते हैं और बिहार की राजनीति की बाजी किसके हाथ लगती है।
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