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Bihar Voter Scam: बिहार में बड़ा झोल है! 43 लाख मतदाता संदिग्ध, 11 हजार का कोई नाम-निशान नहीं, क्या 2025 चुनाव में होगा अब तक का सबसे बड़ा वोट स्कैम?

Bihar Voter Scam: बिहार में सामने आया अब तक का सबसे बड़ा वोटर स्कैम! चुनाव आयोग की रिपोर्ट में 43 लाख से ज्यादा फर्जी या गायब वोटर, 11 हजार का कोई रिकॉर्ड नहीं।

Harsh Srivastava
Published on: 21 July 2025 8:18 PM IST
Bihar Voter Scam: बिहार में बड़ा झोल है! 43 लाख मतदाता संदिग्ध, 11 हजार का कोई नाम-निशान नहीं, क्या 2025 चुनाव में होगा अब तक का सबसे बड़ा वोट स्कैम?
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Bihar voter scam: बिहार की राजनीति में भूकंप आ गया है। ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने सत्ता की बिसात ही उलट दी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट ने ऐसा तूफान खड़ा कर दिया है कि हर दल की नींद उड़ गई है। चुनाव आयोग की ‘स्पेशल इंटेंस‍िव रिवीजन’ (SIR) रिपोर्ट ने जो आंकड़े सार्वजनिक किए हैं, वो सिर्फ चौंकाने वाले नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को झकझोर देने वाले हैं।

43 लाख वोटर फर्जी या गायब , कौन कर रहा है लोकतंत्र से खिलवाड़?

चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 43 लाख 92 हजार मतदाता या तो अपने घर पर मौजूद नहीं पाए गए, या उनके दस्तावेज अधूरे मिले। यानी ये वो वोटर हैं, जिनके नाम वोटर लिस्ट में तो दर्ज हैं, लेकिन वो जमीन पर कहीं दिखते नहीं। अब सवाल ये उठता है कि अगर ये लोग मौजूद ही नहीं हैं , तो आखिर अब तक इनका वोट कौन डालता रहा? क्या ये बिहार में वर्षों से जारी फर्जी वोटिंग का सबसे बड़ा सबूत है? क्या इससे पहले के चुनाव भी इसी वोटर स्कैम की भेंट चढ़े हैं? आयोग की इस रिपोर्ट ने इन सभी सवालों को एक भयानक शक में बदल दिया है।

11,484 वोटर तो भूत हैं , न घर, न पता, न पहचान

इस खुलासे में सबसे खतरनाक पहलू है 11,484 वोटर, जिनका कोई भी पता या पहचान नहीं मिल सका। न तो ये घर पर मिले, न उनके नाम से कोई दस्तावेज, न पड़ोसी को कुछ पता और न ही कोई रिकॉर्ड। चुनाव आयोग तक को शक है कि इनमें बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी (Illegal Immigrants) शामिल हो सकते हैं। अब सोचिए , अगर ये वोटर अवैध रूप से बने हैं और इनके नाम से सालों से वोटिंग हो रही थी, तो क्या लोकतंत्र की आत्मा को जान-बूझकर घायल नहीं किया गया?

राजनीतिक दलों को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट , लेकिन जनता से क्यों छिपाया गया सच?

इस रिपोर्ट को केवल 12 राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया है। यानी जनता को अभी तक आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई कि उसके क्षेत्र में कितने वोटर फर्जी या संदिग्ध हैं। आयोग का कहना है कि यह रिपोर्ट एक "ड्राफ्ट" है और अब राजनीतिक दलों से आपत्ति और सुझाव मांगे जा रहे हैं। लेकिन क्या यह सिर्फ एक कागजी प्रक्रिया है या कोई बड़ी राजनीतिक ‘डीलिंग’ भी चल रही है? क्योंकि अगर ये फर्जी वोटर किसी पार्टी को फायदा पहुंचाते थे, तो क्या वह पार्टी चाहती है कि उनका नाम हटाया जाए? और अगर नहीं, तो क्या अब ये सबूत भी 'सियासी सहमति' की भेंट चढ़ जाएगा?

फर्जी वोटर, फर्जी सरकारें? क्या बिहार के जनादेश पर वर्षों से हो रहा है हमला?

इस रिपोर्ट ने एक डरावना सवाल खड़ा किया है , क्या बिहार में अब तक हुए चुनावों के नतीजे असली नहीं थे? अगर लाखों वोटर या तो मृत, गायब, या फर्जी हैं, तो फिर उन्हें इस्तेमाल करके किसने सत्ता पाई? कौन हैं वो चेहरे जो लोकतंत्र की डोर को कठपुतली की तरह खींचते रहे? क्या इससे पहले की सरकारें असल में जनता की नहीं, इन 'भूतिया वोटरों' की देन थीं?

चुनाव आयोग ने शुरू किया ऑपरेशन "सफाई", लेकिन क्या होगा असर?

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि ये नाम तुरंत नहीं हटाए जाएंगे। इन सभी संदिग्ध वोटरों को नोटिस भेजे जाएंगे, BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) दोबारा घर जाकर जांच करेंगे। अगर वाकई मतदाता का कोई ठिकाना नहीं मिला, तभी नाम हटेगा। यानी प्रक्रिया पारदर्शी रखी जा रही है , लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस ‘टाइम बम’ को चुनाव से पहले डिफ्यूज़ किया जा सकेगा?

सवाल बहुत हैं, लेकिन जवाब कौन देगा?

1. क्या ये फर्जी वोटर एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा हैं?

2. क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह या राजनीतिक गठजोड़ है?

3. क्या इससे बिहार की 2025 की चुनावी तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी?

इस खुलासे के बाद अब हर मतदाता के मन में डर, गुस्सा और सवाल हैं। अगर फर्जी वोटरों के नाम पर वोट डलवाए गए हैं, तो असली मतदाताओं के अधिकारों की हत्या हुई है। 2025 का चुनाव अब सिर्फ एक चुनाव नहीं , बल्कि लोकतंत्र की शुद्धि का महायुद्ध बन चुका है। और इस युद्ध में हर जागरूक मतदाता को तय करना है कि वह अब सिर्फ वोट देगा या गिनती में खुद को खोने देगा। चुनाव आयोग की ये रिपोर्ट सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि चेतावनी है , कि अगर अब भी आंखें नहीं खुलीं, तो अगली सरकार भी 'छाया मतदाताओं' की देन होगी, न कि जनादेश की।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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