69 साल में कंपनी शुरू कर बनाई ₹12,000 करोड़ IT कंपनी

Ashok Soota - Success Beyond Age Limits: Ashok Soota ने 69 साल की उम्र में नई IT कंपनी शुरू की और Happiest Minds को ₹12,000 करोड़ से ऊपर पहुंचाया।

Sonal Girhepunje
Published on: 9 Sept 2025 5:08 PM IST
Ashok Soota
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Ashok Soota (Photo - Social Media) 

Ashok Soota - Success Beyond Age Limits: क्या आपने कभी सोचा है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है? Ashok Soota ने यह साबित किया कि अगर आपकी सोच बड़ी हो, तो उम्र कोई बाधा नहीं बन सकती। 69 साल की उम्र में उन्होंने Happiest Minds Technologies की शुरुआत की और आज उनकी कुल संपत्ति $1.1 बिलियन से अधिक है। उनके योगदान सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने भारत के सबसे बड़े निजी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में पार्किंसन और अल्जाइमर शोध के लिए 375 करोड़ रुपये दान किए। Ashok की कहानी सिखाती है कि कभी भी नई शुरुआत करने में देर नहीं होती।

शुरुआती जीवन और करियर

Ashok Soota का जन्म 1942 में हुआ। उनका करियर अचानक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि लगातार मेहनत और सुधार की कहानी है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से की।1978 में, उन्होंने Shriram Refrigeration संभाली, जो चार साल से घाटे में थी। मात्र एक साल में उन्होंने इसे लाभ में बदल दिया। 1984 में Ashok Soota Wipro Infotech के प्रेसीडेंट बने। उनके नेतृत्व में कंपनी की सालाना आय 22 करोड़ से बढ़कर 2,200 करोड़ हो गई। उन्होंने Wipro को भारत की सबसे बड़ी मिनीकंप्यूटर कंपनी बनाया। इतना ही नहीं, Intel के CEO Andy Grove ने उन्हें सराहना भरा पत्र भेजा।

Mindtree का सफर

1999 में Ashok Soota ने Wipro छोड़कर Mindtree की स्थापना की। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता से कंपनी ने सिर्फ छह साल में 455 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर लिया। 2007 में Mindtree का IPO 110 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन के साथ पूरी हुआ, जो उस समय की बड़ी उपलब्धियों में से एक थी। हालांकि, समय के साथ कुछ मतभेद सामने आए और 2011 में, 33 साल के शानदार करियर के बाद, Ashok ने Mindtree से इस्तीफा दे दिया। उनकी यह कहानी साबित करती है कि सफलता केवल शुरुआत तक सीमित नहीं होती, बल्कि नए अध्याय हमेशा नए अवसर लाते हैं।

Happiest Minds Technologies की शुरुआत

69 साल की उम्र में Ashok Soota ने हार नहीं मानी और Happiest Minds Technologies की स्थापना की। उनका उद्देश्य था एक ऐसी कंपनी बनाना जहाँ खुशी और तकनीक दोनों साथ हों। पहले तीन महीनों में ही कंपनी के ग्राहक अमेरिका, ब्रिटेन और भारत से जुड़ गए। 2011 के अंत तक, उन्होंने Intel Capital और Canaan Partners से 228 करोड़ रुपये जुटाए। Ashok ने AI, IoT, क्लाउड, मोबिलिटी और एनालिटिक्स जैसी उभरती तकनीकों पर ध्यान दिया और MongoDB, Mastercard जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ मजबूत साझेदारी की।

2018 तक Happiest Minds Technologies का रेवेन्यू 460 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। 2020 में कंपनी का IPO 702 करोड़ रुपये का हुआ, जो 151 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन के साथ पूरा हुआ। आज Happiest Minds 61 बिलियन डॉलर के ग्राहकों को सेवा दे रही है और कंपनी का मूल्यांकन 12,276 करोड़ रुपये से अधिक है। यह साबित करता है कि Ashok Soota की दूरदर्शिता और मेहनत ने कंपनी को भारत की अग्रणी IT कंपनियों में शामिल कर दिया।

समाज के लिए योगदान

Ashok Soota ने सिर्फ व्यवसाय में ही नहीं, बल्कि समाज में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने पार्किंसन और अल्जाइमर रिसर्च के लिए 375 करोड़ रुपये दान किए। यह दिखाता है कि उनकी सोच और दिल दोनों बड़े हैं।

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