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Bank Charges Report: अब बैंकों की कोई भी सेवा मुफ्त नहीं रही - जानिए हर छोटी से बड़ी सर्विस पर कितना देना होगा शुल्क
Bank Charges Report: जानिए अब पासबुक, कैश ट्रांजेक्शन से लेकर IMPS तक हर बैंकिंग सेवा पर देना होगा शुल्क, कौन सी सर्विस पर कितना लगेगा चार्ज?
Bank Charges Report (Photo - Social Media)
Bank Charges Report: आज के दौर में बैंक में खाता खोलना तो मिनटों का काम हो गया है, लेकिन उसे बनाए रखना अब जेब पर भारी पड़ता जा रहा है। जो सेवाएं कुछ साल पहले तक बिना किसी शुल्क के मिलती थीं, अब उनके लिए भी ग्राहक से पैसे वसूले जा रहे हैं। पासबुक अपडेट करवाना हो, एटीएम से पैसे निकालना हो या सिर्फ हस्ताक्षर का सत्यापन कराना हो - हर सेवा पर शुल्क जोड़ दिया गया है। बैंक अब हर छोटे-बड़े काम के लिए फीस लेने लगे हैं, जिससे आम ग्राहक को हर कदम पर जेब ढीली करनी पड़ती है।
अब पासबुक से लेकर एटीएम तक - हर चीज़ पर शुल्क :
आज बैंक में जाकर पासबुक अपडेट करवाना भी मुफ्त नहीं रहा। कई बैंक इस पर ₹25 से लेकर ₹50 तक का शुल्क वसूलते हैं। सिर्फ जानकारी लेने के लिए शाखा में जाना भी जेब पर भारी पड़ सकता है।
मई 2025 में बैंकों ने एक और बड़ा कदम उठाया - अगर आप एक महीने में एटीएम से पाँच बार से अधिक कैश निकालते हैं, तो अब आपको प्रति अतिरिक्त ट्रांजैक्शन ₹23 देना होगा। यह नियम सार्वजनिक और निजी - दोनों ही बैंकों में लागू हो चुका है।
1 जुलाई से कुछ प्रमुख क्रेडिट कार्ड कंपनियों ने भी अपने शुल्क ढांचे में बदलाव किया है। कुछ कार्ड ट्रांजैक्शनों पर पहले जो सुविधाएं मुफ्त थीं, अब उन पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा है।
कैश जमा और निकासी पर सख्त नियम :
कैश ट्रांजेक्शन अब केवल सुविधा नहीं, बल्कि खर्च का विषय बन गया है। अधिकतर बैंक केवल तीन बार तक ही कैश जमा या निकालने को मुफ्त रखते हैं। इसके बाद हर बार ₹150 तक का शुल्क लिया जाता है।
यदि किसी ग्राहक ने एक महीने में ₹1 लाख से अधिक कैश जमा किया, तो इस पर भी ₹150 का अतिरिक्त चार्ज लागू हो जाता है। इससे छोटे व्यापारियों और नकद लेनदेन करने वाले ग्राहकों पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है।
कुछ निजी बैंकों ने तो ब्रांच में जाकर कैश जमा करने या निकालने पर प्रति लेन-देन सेवा शुल्क भी जोड़ दिया है, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिल रहा है।
सुविधाएं कम, चार्ज ज्यादा: IMPS, बीमा और अन्य सेवाएं भी महंगी :
एसबीआई जैसे बड़े बैंक भी अब मुफ्त सेवाओं को सीमित कर रहे हैं। 15 जुलाई से SBI ने अपने Prime और Pulse क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला ₹50 लाख का मुफ्त हवाई दुर्घटना बीमा बंद कर दिया है। यानी अब कार्ड का उपयोग करने पर पहले जितनी सुरक्षा नहीं मिलेगी, जबकि शुल्क पहले जैसा या उससे अधिक ही बना हुआ है।
इतना ही नहीं, 15 अगस्त 2025 से IMPS ट्रांजैक्शन पर भी शुल्क लगाया जा रहा है। अब ₹25,000 से ऊपर की तुरंत भुगतान सेवा पर ₹2 से ₹10 तक का चार्ज देना होगा और उस पर GST भी लागू होगा। पहले यह सुविधा ₹5 लाख तक मुफ्त थी।
डुप्लिकेट पासबुक से लेकर साइन वेरिफिकेशन तक - हर चीज़ के पैसे :
अब बैंक में कोई भी सेवा मुफ्त नहीं रही, चाहे वो कितनी भी छोटी क्यों न हो:
• डुप्लिकेट पासबुक बनवाना - ₹100
• हस्ताक्षर सत्यापन - ₹100 से ₹150
• चेक रोकने की सेवा (Stop Payment) - ₹200
• मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी अपडेट - ₹50 + GST
• डेबिट कार्ड का री-पिन जनरेशन - ₹50
इसके अलावा कई बैंक SMS अलर्ट सेवा के लिए भी ₹12 से ₹25 सालाना शुल्क वसूलते हैं, जो पहले कई बैंकों में मुफ्त हुआ करती थी।
क्या करें ग्राहक? कैसे बचें अतिरिक्त शुल्क से? :
अब जब बैंकिंग महंगी हो चुकी है, तो ग्राहकों को भी थोड़ा सतर्क होना होगा। हर ट्रांजैक्शन से पहले जान लें कि उस पर कितना शुल्क लगेगा। इसके लिए अपने बैंक के चार्ज स्ट्रक्चर को अच्छी तरह पढ़ें और समझें।
जहाँ संभव हो, डिजिटल ट्रांजैक्शन का उपयोग करें। UPI, NEFT जैसे विकल्प आज भी कई मामलों में मुफ्त या कम शुल्क वाले हैं। ऑनलाइन पासबुक, नेटबैंकिंग, मोबाइल ऐप जैसी सुविधाओं का उपयोग करें ताकि शाखा में जाकर अतिरिक्त भुगतान से बचा जा सके।
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