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India-EFTA Free Trade Pact: भारत और यूरोप के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी की नई शुरुआत - पीयूष गोयल
India-EFTA Free Trade Pact : इस समझौते से भारत में न केवल 1 मिलियन नई नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि फार्मा, फिनटेक, एग्रीटेक और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में निवेश और नवाचार के नए रास्ते खुलेंगे।
India-EFTA Free Trade Pact (Image Credit-Social Media)
India-EFTA Free Trade Pact: भारत की विदेश व्यापार नीति को नई दिशा देने वाला भारत-EFTA (European Free Trade Association) समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।इस ऐतिहासिक समझौते को मार्च 2024 में साइन किया गया था और अब इसके अमल में आने की घोषणा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने की है। इस समझौते से भारत में न केवल 1 मिलियन नई नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि फार्मा, फिनटेक, एग्रीटेक और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में निवेश और नवाचार के नए रास्ते खुलेंगे।
यह समझौता आईसलैंड, लिक्टेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड से मिलकर बने EFTA देशों और भारत के बीच एक दीर्घकालिक और लाभकारी व्यापारिक सहयोग की नींव रखेगा।
TEPA: भारत के आर्थिक विकास को मिलेगी नई रफ्तार
TEPA (Trade and Economic Partnership Agreement) भारत के सबसे व्यापक मुक्त व्यापार समझौतों में से एक है। इस समझौते के तहत अगले 15 वर्षों में भारत में $100 बिलियन डॉलर तक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आने की संभावना जताई गई है। इसके दो मुख्य चरण होंगे:
• पहले 10 वर्षों में $50 बिलियन डॉलर का निवेश
• अगले 5 वर्षों में अतिरिक्त $50 बिलियन डॉलर
सरकार का अनुमान है कि इस निवेश से देश में करीब 1 मिलियन (10 लाख) नौकरियां पैदा होंगी। यह आर्थिक प्रगति भारत को वैश्विक विनिर्माण और नवाचार केंद्र बनने में मदद करेगी।
इस समझौते के बेहतर कार्यान्वयन के लिए एक Dedicated India-EFTA Desk भी स्थापित किया गया है, जो ‘सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म’ की तरह काम करेगा। इससे दोनों पक्षों के बीच निवेश, व्यापार और साझेदारी आसान होगी।
भारत और EFTA दोनों के लिए फायदे का सौदा
भारत के लिए यह समझौता यूरोप के प्रीमियम बाजारों तक सीधी पहुंच प्रदान करेगा, जहां भारतीय उत्पादों और सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे भारतीय निर्यातकों को उच्च मूल्य वाले बाजार मिलेंगे और भारत की विनिर्माण व सेवा क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी।
वहीं, EFTA देशों के लिए भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस समझौते के माध्यम से वे दक्षिण एशिया में अपनी उपस्थिति और निवेश को मजबूती दे सकेंगे।
निष्कर्ष: भारत के वैश्विक आर्थिक कद को मिलेगा बल
भारत-EFTA मुक्त व्यापार समझौता सिर्फ एक कागजी समझौता नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक आर्थिक रणनीति का एक मजबूत कदम है। यह निवेश, रोजगार, नवाचार और वैश्विक साझेदारी के दरवाजे खोलता है। यदि भारत अगले वर्षों में औसतन 9.5% की USD आधारित GDP ग्रोथ बनाए रखता है, तो यह समझौता एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।
यह TEPA समझौता भारत को वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद निवेश गंतव्य और आर्थिक ताकत के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
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