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सोने के भंडार में भयंकर उछाल! भारत का विदेशी मुद्रा रिजर्व रिकॉर्ड के पार पहुंचने वाला है!
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ रहा है और अब अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर के बेहद करीब पहुंच गया है। सोने के दामों में बढ़ोतरी और डॉलर की कमजोरी ने भंडार को मजबूती दी है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
India Forex Reserves Near Record: हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ रहा है और अब यह अपने सबसे ऊँचे स्तर के बहुत करीब पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 17 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.496 अरब डॉलर बढ़कर 702.28 अरब डॉलर पर पहुँच गया। यह सिर्फ 2.5 अरब डॉलर दूर है, जो सितंबर 2024 में बने इतिहासिक उच्चतम स्तर 704.88 अरब डॉलर था। इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और देश अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी भी आर्थिक चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। यह तेजी निवेशकों के लिए भी अच्छा संकेत है और भारतीय रुपये की कीमत को स्थिर बनाए रखने में मदद करती है।
सोने की चमक से बढ़ा देश का विदेशी खजाना
विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी का सबसे बड़ा कारण सोने के दामों में बढ़ोतरी है। भारत के सोने के भंडार का मूल्य 6.181 अरब डॉलर बढ़कर 108.546 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जो लगभग 9.54 लाख करोड़ रुपए के बराबर है। दुनिया भर में सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और डॉलर कमजोर हो रहा है। यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक के सोने का मूल्य भी काफी बढ़ गया है और कुल विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी देखने को मिली है।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में हलचल
इस दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) में 1.692 अरब डॉलर की गिरावट हुई और यह अब 570.411 अरब डॉलर पर आ गई है। इसके बावजूद, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) में 38 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है और यह अब 18.722 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की रिजर्व पोजीशन में 30 मिलियन डॉलर की थोड़ी कमी हुई है और यह अब 4.602 अरब डॉलर है।
भारत के रिजर्व की ताकत
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी दुनिया के सबसे बड़े भंडारों में से एक है। यह भंडार देश को बाहरी आर्थिक झटकों से बचाता है और रुपये की कीमत को स्थिर रखने में मदद करता है। इतनी मजबूत स्थिति से यह साफ दिखता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत पर भरोसा किया जाता है।
आर्थिक स्थिरता और भविष्य की उम्मीदें
विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ते स्तर से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत और स्थिर रहने में मदद मिलती है। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी से यह भंडार और भी बढ़ सकता है। खासकर जब दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं और डॉलर कमजोर हो रहा है। यह संकेत निवेशकों के लिए भी अच्छा है और दिखाता है कि भारत आर्थिक रूप से मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
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