भारत में जेनसेट बाजार तेजी से उभर रहा, नोएडा बना बड़ा हब

भारत का जेनरेटर सेट बाज़ार 2035 तक 9.3% CAGR से बढ़ेगा, यूपी के गौतमबुद्धनगर का जहांगीरपुर सबसे बड़ा मार्केट बनकर उभरा।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 21 Aug 2025 9:04 AM IST
Genset Market
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Genset Market (Image Social Media)

Genset Market: चाहे फैक्ट्री हो या अस्पताल। या फिर मल्टीस्टोरीज रिहायशी फ्लैट। सोलर पावर की बढ़ती डिमांड इस सबके बीच देश में बिजली के विकल्प के रूप में जेनरेटर की डिमांड हमेशा रही है और खास बात यह है कि भारत सरकार के डीजल के उपयोग को नियंत्रित करने की कोशिशों के बीच देश में जेनरेटर सेट का बाज़ार 2025 से 2035 के बीच तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें 9.3% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) की वृद्धि दर दर्ज किये जाने की उम्मीद है। यह वृद्धि मुख्य रूप से वाणिज्यिक अचल संपत्ति की कीमतों में तेज़ उछाल, विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ते निवेश और बिजली ग्रिड की विश्वसनीयता से जुड़ी चुनौतियों के कारण हो रही है।

बिजली की अनिश्चितता:

भारत के कई हिस्सों, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, बिजली कटौती एक आम समस्या है। इस वजह से भरोसेमंद बैकअप पावर समाधानों की मांग बनी हुई है और तेजी से हो रहे विकास ने इसको गति देने में अहम भूमिका निभाई है, जिसने जेनरेटर सेट के बाज़ार को महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया है।

बुनियादी ढाँचे का विस्तार:

सरकार के दूरसंचार टावरों, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे (अस्पतालों) और डेटा केंद्रों में बढ़ते निवेश ने जेनसेट के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। ये क्षेत्र निर्बाध बिजली आपूर्ति पर अत्यधिक निर्भर हैं। इसमें कई क्षेत्र ऐसे हैं जो सोलर पावर से अपनी जरूरत नहीं पूरी कर सकते हैं या नहीं कर पा रहे हैं।

औद्योगिक और वाणिज्यिक मांग:

शहरी वाणिज्यिक हब, जैसे आईटी पार्क, अस्पताल और रिटेल कॉम्प्लेक्स, अपने परिचालन को सुचारू रखने के लिए मध्यम और उच्च क्षमता वाले जेनरेटर सेट लगा रहे हैं। जिससे यह मार्केट तेजी से उभर रहा है।

प्राकृतिक गैस और हाइब्रिड जेनरेटरों की डिमांड

भारत में निर्माता अब प्राकृतिक गैस और हाइब्रिड जेनरेटरों की ओर रुख कर रहे हैं, जो कम परिचालन लागत और कम उत्सर्जन प्रदान करते हैं। यह बदलाव पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता और सख्त नियमों के कारण हो रहा है। इसके अलावा, रिमोट मॉनिटरिंग और शोर कम करने वाली तकनीकों में भी सुधार हो रहा है।

गांव भी अछूते नहीं

स्थानीय निर्माता ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपने डीलर नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं, ताकि कृषि प्रसंस्करण इकाइयों और छोटे उद्योगों की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके, जहाँ विश्वसनीय बिजली की मांग बहुत ज़्यादा है।

बाजार का रुझान और भविष्य की दिशा

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जेनरेटर सेट बाज़ार में 2024 में गैस से चलने वाले जेनरेटर सेट की बिक्री में 21% की वृद्धि देखी गई है, जबकि वाणिज्यिक क्षेत्र की मांग में साल-दर-साल 18% का उछाल आया है। इसके अलावा, ग्रामीण बाज़ार में वितरण कवरेज 15% तक बढ़ गया है। यह डेटा बताता है कि भारत में जेनरेटर सेट बाज़ार न केवल अपनी पारंपरिक ताकत (डीजल पर निर्भरता) को बनाए रखे हुए है, बल्कि नए, स्वच्छ और अधिक कुशल विकल्पों को भी अपना रहा है।

इस बाज़ार की वृद्धि की गति चीन (10.0% CAGR) के बाद सबसे तेज़ है, जो भारत की मज़बूत आर्थिक वृद्धि और शहरीकरण की प्रक्रिया को दर्शाती है। यह वृद्धि न केवल बड़े औद्योगिक परियोजनाओं से, बल्कि छोटे व्यवसायों और घरों से भी आ रही है, जिन्हें विश्वसनीय बिजली की आवश्यकता है।

क्या आप जानते हैं यूपी के इस जिले में है सबसे बड़ा मार्केट

उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर जेनरेटर सेटों का सबसे बड़ा मार्केट है। यह मार्केट जहांगीरपुर में है। वैसे गौतमबुद्धनगर की एक अलग पहचान भी है इसे सिटी आफ अपैरल कहा जाता है। यानी परिधानों का मार्केट या वस्त्र उद्योग का केंद्र। उत्तर प्रदेश सरकार इसे अपैरल आई पार्क, हब या सिटी के रूप में डेवलप कर रही है। लेकिन इसकी दूसरी पहचान जेन सेटों की सीरीज के मार्केट के रूप में है। यहां सेकंडहैंड जेन सेट भी उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत बहुत कम है जैसे 125 केवीए का जेनरेटर 4.40 लाख का है इससे बड़े 200-250 केवीए के सबसे छोटा 5 केवीए का। किर्लोस्कर 4 आर 82.5 केवीए कीमत सिर्फ ढाई लाख। असम उड़ीसा सिक्किम तक से आ रहे हैं। 40 केवीए का 1.7 लाख का है। 10 केवीए किर्लोस्कर 75 हजार का है। महेंद्रा साढ़े सात केवीए 80 हजार का है।

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