India's Economy in 2025: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर और मजबूत, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जताया भरोसा

Indias Economy in 2025: भारत ने अपने आप को एक मजबूत आर्थिक स्तंभ के रूप में प्रस्तुत किया है जबकि विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है।

Sonal Girhepunje
Published on: 30 Jun 2025 12:28 PM IST
Indias Economy in 2025 Bharat Ki Arthvyavstha Full Report in Hindi
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Indias Economy in 2025 Bharat Ki Arthvyavstha Full Report in Hindi

India's Economy in 2025: भारत ने अपने आप को एक मजबूत आर्थिक स्तंभ के रूप में प्रस्तुत किया है जबकि विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है। धीरे-धीरे कम होने वाली महंगाई, सुधार हुआ निर्यात, ऊंचाई छूते शेयर बाजार और मजबूत बैंकिंग व्यवस्था सबूत हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था सही दिशा में है। भारत ने भी दुनिया भर में फैले राजनीतिक तनाव को कुछ हद तक कम किया है, जिसका फायदा उठाया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आत्मविश्वास और स्पष्ट दृष्टिकोण इन्हीं परिवर्तनों के बीच दिखाई दिया है। एक विशेष साक्षात्कार में, उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला।

आर्थिक मजबूती के मुख्य कारण :

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में हाल ही में कई आर्थिक संकेतकों में सुधार देखा गया है। महंगाई दर में गिरावट आई है, जिससे आम जनता को थोड़ी राहत मिली है। निर्यात के मोर्चे पर भी भारत ने कुछ सकारात्मक संकेत दिए हैं। विशेष रूप से इंजीनियरिंग, फार्मा और कृषि उत्पादों की मांग विदेशों में बढ़ी है।

इसके अलावा, भारतीय शेयर बाजार में भी तेजी का माहौल बना हुआ है। विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत की ओर लौटे हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था पर उनके भरोसे को दर्शाता है।

बैंकिंग सेक्टर का सुधार :

सीतारमण ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बैंकों को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। नतीजतन, अब बैंकिंग सेक्टर न केवल स्थिर हुआ है बल्कि मुनाफे में भी है। एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) का स्तर घटा है और क्रेडिट ग्रोथ में भी बढ़ोतरी हुई है।

जिओपॉलिटिकल तनाव में कमी :

विश्व राजनीति में भी हल्का सुधार दिख रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया की स्थिति को लेकर पहले जो अनिश्चितता बनी हुई थी, उसमें थोड़ी स्थिरता आई है। इसका असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा है और भारत ने इसका लाभ उठाया है।

महत्वपूर्ण खनिज और रणनीतिक संसाधन :

इस बातचीत में वित्त मंत्री ने "रेयर अर्थ मिनरल्स" यानी दुर्लभ खनिजों की अहमियत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ये खनिज अगली पीढ़ी की तकनीकों जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियों और सोलर एनर्जी में अहम भूमिका निभाते हैं। भारत इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है ताकि आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।

FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) पर भारत की नीति :

सीतारमण ने बताया कि भारत अब फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स को लेकर ज्यादा सोच-समझकर फैसले ले रहा है। पहले की तरह जल्दबाज़ी में समझौते नहीं किए जा रहे हैं। अब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ऐसे समझौते देश के किसानों, उद्योगों और छोटे कारोबारियों के हित में हों।

एयर इंडिया हादसे पर चिंता :

हाल ही में एयर इंडिया से जुड़ी एक बड़ी घटना पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है और सरकार इस पर सख्त कदम उठाएगी। एयरलाइंस को सुरक्षा मानकों पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

भविष्य की दिशा :

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंडिया, ग्रीन एनर्जी और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ा रही है। उनका मानना है कि भारत आने वाले समय में विश्व की बड़ी आर्थिक ताकतों में शामिल हो सकता है।

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