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E20 फ्यूल सुरक्षित है - गडकरी ने पेट्रोलियम लॉबी की अफवाहों का किया खंडन
E20 Fuel Safe Gadkari Says: E20 फ्यूल सुरक्षित है, गडकरी ने पेट्रोलियम लॉबी की अफवाहों का किया खंडन, किसानों और पर्यावरण को भी मिलेगा लाभ।
Nitin Gadkari (Photo - Social Media)
E20 Fuel Safe Gadkari Says: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर पेट्रोलियम लॉबी पर आरोप लगाया है कि वे E20 फ्यूल, 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल, को लेकर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं।
गडकरी ने साफ कहा “यह पूरी तरह गलत है कि E20 से गाड़ियाँ खराब हो रही हैं। हमने पुराने वाहनों पर भी ट्रायल किए हैं। ब्राज़ील में तो 27% इथेनॉल मिलाया जाता है, लेकिन वहाँ कोई शिकायत नहीं है। हमने तकनीकी तौर पर सब कुछ जांचा है।”
कारों को कोई नुकसान नहीं हुआ
गडकरी ने कहा कि भारत में किसी भी कार को अब तक E20 की वजह से नुकसान नहीं हुआ है। कुछ समय पहले BusinessToday India@100 कार्यक्रम में भी उन्होंने कहा था “20% इथेनॉल वाला पेट्रोल डालने से अब तक किस कार को दिक्कत आई है? कोई एक नाम बताइए।” हालाँकि, उनकी इस बात के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने गाड़ियों की समस्या की शिकायतें साझा की थीं। उसी वक्त गडकरी ने कहा था कि पेट्रोलियम लॉबी साफ ईंधन (Cleaner Fuel) के खिलाफ गलत प्रचार कर रही है।
सरकार का प्रचार अभियान
सरकार ने सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर्स और रेडियो जॉकी (RJs) के साथ मिलकर E20 फ्यूल के फायदे बताने का अभियान भी चलाया है।
लक्ष्य 5 साल पहले पूरा
दिलचस्प बात यह है कि भारत ने इस साल जुलाई में ही 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जबकि यह लक्ष्य 2030 के लिए रखा गया था। इससे देश का तेल आयात बिल घटेगा और प्रदूषण भी कम होगा। गडकरी ने कहा “हमारी नीति है आयात कम करना, प्रदूषण मुक्त बनाना और सस्ता ईंधन देना। इथेनॉल से लोगों की सेहत भी सुधरेगी।”
किसानों को फायदा
गडकरी ने बताया कि इथेनॉल उत्पादन से किसानों की आमदनी में काफी बढ़ोतरी हुई है। बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मक्का (कॉर्न) की पैदावार तीन गुना बढ़ गई है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। पहले मक्का का भाव लगभग 14,000-15,000 रुपये प्रति टन था, लेकिन अब यह बढ़कर 24,000-25,000 रुपये प्रति टन हो गया है। इसका मतलब है कि किसान अब अपनी फसल से पहले से ज्यादा लाभ कमा रहे हैं और उन्हें अपने खेतों और परिवार के लिए बेहतर संसाधन मिल रहे हैं। इसके अलावा, इथेनॉल उत्पादन से गन्ने और अन्य अनाज की मांग भी बढ़ी है, जिससे किसानों को फसल बेचने में स्थिर और बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
विशेषज्ञों की चिंता
कुछ उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर इथेनॉल की मांग और बढ़ेगी, तो खाद्यान्न (Food Crops) पर असर पड़ सकता है, क्योंकि इथेनॉल सिर्फ गन्ने से नहीं बल्कि मक्का, चावल और अतिरिक्त अनाज से भी बनाया जाता है।
तेल मंत्रालय का जवाब
तेल मंत्रालय ने इस महीने स्पष्ट किया कि E20 फ्यूल से गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता। कुछ लोग यह झूठ फैला रहे हैं कि बीमा कंपनियां E20 से हुए नुकसान का दावा नहीं मानेंगी, लेकिन मंत्रालय ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया। भारत में गाड़ियों के बीमा पर E20 फ्यूल का कोई असर नहीं पड़ेगा।
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