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अनिल अंबानी की Reliance Communications ने कुल ₹14,000 करोड़ का लोन घोटाला - सूत्रों का दावा
Anil Ambani Loan Scam: जानिए कैसे ₹14,000 करोड़ के घोटाले में फंसी RCom, बैंकों को हुआ बड़ा नुकसान, जांच में विदेशी खाते भी शामिल
Reliance Communications Loan Scam (Photo - Social Media)
Anil Ambani Loan Scam: भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अनिल अंबानी की कंपनी Reliance Communications (RCom) पर ₹14,000 करोड़ से अधिक के लोन फ्रॉड का आरोप लगा है। ED के सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला देश के कई बैंकों से लिए गए फंड्स और गारंटी से जुड़ा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि फ्रॉड में विदेशी खातों और संपत्तियों का भी संदेह जताया जा रहा है। यह मामला न सिर्फ वित्तीय संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि भारत की बैंकिंग व्यवस्था की पारदर्शिता और नियंत्रण पर भी सवाल उठाता है।
Canara Bank को ₹1,050 करोड़ की चपत, SBI की सबसे बड़ी राशि :
सूत्रों के मुताबिक, Reliance Communications ने Canara Bank को ₹1,050 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस लोन में विदेशी खातों और अघोषित संपत्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। वहीं State Bank of India (SBI) का सबसे बड़ा एक्सपोजर सामने आया है, जहां बैंक ने ₹2,227.64 करोड़ की फंड-बेस्ड रकम और ₹786.52 करोड़ की गैर-फंड आधारित गारंटी दी थी। ये सभी रकम 2016 से बकाया हैं और इन पर ब्याज तथा अन्य खर्चे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
फ्रॉड क्लासिफिकेशन की प्रक्रिया और कानूनी पेच :
बैंक ने 13 जून 2025 को रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी को फ्रॉड यानी धोखा देने वाला बताया। यह फैसला RBI के बनाए नियमों के आधार पर किया गया। इसके बाद कंपनी ने 1 जुलाई को यह खबर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE) को दी।
हालांकि यह पहली बार नहीं था जब कंपनी और अनिल अंबानी को फ्रॉड कहा गया हो। 10 नवंबर 2020 को भी उनके अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया गया था और 5 जनवरी 2021 को CBI में शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 जनवरी 2021 को ‘स्टेटस क्वो’ का आदेश दिया, जिसके चलते शिकायत वापस ले ली गई थी।
इस बीच, 27 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने State Bank of India Vs Rajesh Agarwal केस में फैसला सुनाते हुए यह अनिवार्य किया कि किसी भी फ्रॉड क्लासिफिकेशन से पहले उधारकर्ता को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए। इसके बाद, 2 सितंबर 2023 को बैंक ने पुराने फ्रॉड टैग को रद्द कर दिया। लेकिन RBI की 15 जुलाई 2024 की नई सर्कुलर के अनुसार, प्रक्रिया दोबारा अपनाई गई और अकाउंट को फिर से फ्रॉड घोषित किया गया।
दिवालिया प्रक्रिया और कानूनी लड़ाई जारी :
Reliance Communications फिलहाल इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है। इस प्रस्ताव को क्रेडिटर्स की कमेटी ने मंजूरी दी थी और इसे 6 मार्च 2020 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), मुंबई में दाखिल किया गया था। हालांकि अभी तक अंतिम स्वीकृति नहीं मिली है। साथ ही, अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया प्रक्रिया भी चल रही है, जो कि मुंबई स्थित NCLT में विचाराधीन है।
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