TRENDING TAGS :
अनिल अंबानी पर संकट: स्टेट बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन को बताया ‘फ्रॉड’, रिज़र्व बैंक को भेजा जाएगा नाम
Anil Ambani Named in Loan Fraud Case: रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
Anil Ambani Named in Loan Fraud Case
Anil Ambani Named in Loan Fraud Case: रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने कंपनी के लोन खाते को ‘फ्रॉड’ घोषित करने का फैसला किया है और अनिल अंबानी का नाम भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करने की तैयारी की जा रही है। यह जानकारी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 1 जुलाई 2025 को स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल एक रेगुलेटरी फाइलिंग के जरिए सार्वजनिक की।
बैंक का आरोप
स्टेट बैंक ने 23 जून 2025 को लिखे एक पत्र में रिलायंस कम्युनिकेशंस को सूचित किया है कि कंपनी का लोन खाता ‘फ्रॉड’ की श्रेणी में रखा जा रहा है। यह पत्र कंपनी को 30 जून को प्राप्त हुआ। बैंक ने कहा कि दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में भेजे गए कारण बताओ नोटिस का कंपनी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बैंक की फ्रॉड पहचान समिति ने जांच के बाद पाया कि लोन शर्तों का उल्लंघन और खाते में अनियमितताएं हुई हैं, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि - “कंपनी के जवाबों की जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि लोन दस्तावेजों की शर्तों का पालन नहीं किया गया और खाते में अनियमितताएं पाई गईं।” इसके तहत, बैंक अब अनिल अंबानी का नाम रिज़र्व बैंक को भेजेगा, जैसा कि आरबीआई के नियमों में अनिवार्य है।
क्या कहना है कंपनी का
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपने बचाव में कहा है कि कंपनी जून 2019 से कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत है और इसका प्रबंधन रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अनीश निरंजन नानावटी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि स्टेट बैंक जिस लोन की बात कर रहा है, वह रिजोल्यूशन प्रोसेस शुरू होने से पहले का है और इसे इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत सुलझाया जाना चाहिए।
कंपनी ने यह भी दावा किया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई बेंच, में एक रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी मिल चुकी है, जिसका अंतिम फैसला अभी लंबित है। तब तक कंपनी को (आईबीसी) की धारा 14(1)(a) के तहत किसी भी नई कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा प्राप्त है। कंपनी ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है और उचित कदम उठाएगी।
पहले भी हुआ था विवाद
यह पहली बार नहीं है जब रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन को फ्रॉड घोषित करने की कोशिश की गई है। नवंबर 2024 में केनरा बैंक ने भी कंपनी के खाते को ‘फ्रॉड’ घोषित किया था, लेकिन फरवरी 2025 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि केनरा बैंक ने रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया और कंपनी को उचित सुनवाई का मौका नहीं दिया।
जानकारी के लिए याद दिला दें कि रिलायंस कम्युनिकेशंस, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप का हिस्सा है। देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल पहले भी वित्तीय संकटों का सामना कर चुके हैं। स्टेट बैंक की इस कार्रवाई से रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी पर कानूनी और वित्तीय दबाव बढ़ सकता है। अब सभी की नजरें रिज़र्व बैंक और एनसीएलटी के अगले कदमों पर टिकी हैं। यह देखना होगा कि क्या यह मामला कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान को प्रभावित करता है या अनिल अंबानी के खिलाफ कोई और कार्रवाई होती है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!