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SEBI का नया इंट्राडे नियम - 1 अक्टूबर से बदलें पोजीशन लिमिट
SEBI ने इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए नई पोजीशन लिमिट घोषित की। जानें कैसे बदलेंगे निवेशकों के लिए नियम।
SEBI New Rule (Photo - Social Media )
SEBI New Rule: शेयर बाजार (Share Market) निवेशकों के लिए बड़ी खबर! SEBI ने इंट्राडे डेरिवेटिव ट्रेडिंग, विशेषकर इंडेक्स ऑप्शंस (Options) पर नई पोजीशन लिमिट लागू करने की घोषणा की है। यह नया नियम 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा और इसका मुख्य उद्देश्य मार्केट में पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ाना है। SEBI का यह कदम निवेशकों को अपनी वास्तविक पूंजी और मार्जिन के हिसाब से ही ट्रेड करने के लिए प्रेरित करेगा। नए नियम से ओवरसाइज़्ड ट्रेड्स पर नियंत्रण रहेगा, रिटेल निवेशकों को सुरक्षा मिलेगी और बड़े ट्रेडर्स पर निगरानी भी सख्त होगी, जिससे शेयर बाजार और अधिक सुरक्षित और संतुलित बनेगा।
नई पोजीशन लिमिट क्या है?
SEBI के अनुसार, अब एक ट्रेडर की नेट इंट्राडे पोजीशन की अधिकतम सीमा 5,000 करोड़ रुपए प्रति इकाई होगी। पहले यह सिर्फ 1,500 करोड़ रुपए थी। ग्रॉस पोजीशन लिमिट 10,000 करोड़ रुपए पर यथावत रहेगी।
नियम के अनुसार लिमिट का कैलकुलेशन फ्यूचर्स-इक्विवेलेंट (FutEq) फ्रेमवर्क के आधार पर होगा, जिसमें लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन दोनों समायोजित होंगे। मान लीजिए एक निवेशक पहले 2,000 करोड़ की पोजीशन ले रहा था। अब, नई लिमिट लागू होने के बाद उसे अपनी पोजीशन को 5,000 करोड़ के अंदर ही मैनेज करना होगा। इससे अत्यधिक लीवरेज लेने वाले ट्रेडर्स का जोखिम कम होगा।
बदलाव क्यों जरूरी था?
SEBI के अनुसार, कुछ निवेशक बड़ी पोजीशन लेकर अत्यधिक लीवरेज का उपयोग करते हैं, जिससे बाजार अस्थिर हो सकता है। नई पोजीशन लिमिट के लागू होने के बाद निवेशक अब अपनी वास्तविक पूंजी और मार्जिन के अनुसार ही ट्रेड करेंगे, जिससे मार्केट में पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ेगी। साथ ही, छोटे और रिटेल निवेशक अनावश्यक नुकसान से बचेंगे और एक्सचेंजों को बड़े ट्रेड्स पर कड़ी निगरानी रखने का अवसर मिलेगा, जिससे शेयर बाजार और अधिक सुरक्षित और संतुलित बनेगा।
निवेशकों और बाजार पर असर
1 अक्टूबर से कोई भी निवेशक SEBI द्वारा तय सीमा से अधिक पोजीशन नहीं ले पाएगा। इसका मतलब है कि ओवरसाइज़्ड ट्रेड्स करना अब मुश्किल होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बाजार को गहराई देने और रिस्क मैनेजमेंट को मजबूत करने में सहायक होगा।
बाज़ार पर नए नियम का प्रभाव
नई SEBI पोजीशन लिमिट लागू होने के बाद बड़े ट्रेडर्स को अपने लीवरेज को सीमित करना होगा, जिससे बाजार में अचानक उतार-चढ़ाव कम होंगे। इससे मार्केट अस्थिरता में कमी आएगी और निवेशक अधिक भरोसे के साथ ट्रेड कर सकेंगे। वहीं, रिटेल निवेशकों को सुरक्षा मिलेगी क्योंकि उन्हें अब अनावश्यक बड़े नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, एक्सचेंजों की निगरानी बढ़ेगी, जिससे बड़े ट्रेड्स पर पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित होगा।
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