गोल्डन टोबैको घोटाला - SEBI ने संजय डालमिया और प्रमोटरों पर लगाया जुर्माना, बाजार से प्रतिबंध

SEBI Penalizes Golden Tobacco Promoters: सेबी का आदेश, प्रमोटरों पर जुर्माना और शेयर बाजार प्रतिबंध

Sonal Girhepunje
Published on: 30 Aug 2025 2:40 PM IST
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SEBI Penalizes Golden Tobacco Promoters: SEBI ने गोल्डन टोबैको लिमिटेड (Golden Tobacco case) के प्रमोटरों पर नया आदेश जारी किया है। SEBI ने आरोप लगाया है कि संजय डालमिया और अनुराग डालमिया सहित कंपनी के निदेशकों ने फंड डायवर्जन, वित्तीय कथनों में गड़बड़ी और गैर-पारदर्शी लेन-देन के माध्यम से शेयरधारकों को नुकसान पहुचाया। आदेश के तहत प्रमोटरों को शेयर बाजार से प्रतिबंधित किया गया और भारी जुर्माने भी लगाए गए। SEBI ने कहा कि GTL की संपत्तियों और वित्तीय संसाधनों का दुरुपयोग प्रमोटर समूहों के लाभ के लिए किया गया। यह आदेश GTL के इंसॉल्वेंसी और वित्तीय पारदर्शिता मामलों में महत्वपूर्ण कदम है।

संजय डालमिया और अनुराग डालमिया पर जुर्माना और प्रतिबंध

सेबी ने संजय डालमिया को 2 वर्षों के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित किया और उन पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया। वहीं अनुराग डालमिया को 18 महीने का बाजार प्रतिबंध और ₹20 लाख का जुर्माना दिया गया। इसके अलावा, पूर्व निदेशक अशोक कुमार जोशी को 12 महीने के लिए बाजार प्रतिबंध और ₹10 लाख का जुर्माना लगाया गया।

फंड डायवर्जन और गैर-पारदर्शी लेन-देन

सेबी के अनुसार, FY10 से FY15 के बीच GTL ने अपनी सहायक कंपनी GRIL को ₹175.17 करोड़ के लोन और एडवांसेस दिए। इनमें से केवल ₹36 करोड़ वापस आए, जबकि शेष फंड कथित रूप से प्रमोटर संबंधित इकाइयों में डायवर्ट किया गया। इसके अलावा, GTL के प्रमोटरों ने कंपनी की प्रमुख ज़मीन संपत्तियों से जुड़े लेन-देन को शेयरधारकों और स्टॉक एक्सचेंज में पूरी पारदर्शिता के साथ नहीं दर्शाया।

शेयरधारकों को हुए नुकसान

SEBI के quasi-judicial अधिकारी N. Murugan ने आदेश में कहा कि प्रमोटर समूहों ने फंड डायवर्जन से लाभ उठाया और यह नुकसान शेयरधारकों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से हुआ। GTL या प्रमोटर संबंधित इकाइयों पर सीधे कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन शेयरधारकों का हर्जाना ध्यान में रखा गया।

GTL की वर्तमान स्थिति और पिछला इतिहास

GTL, जो कभी पनामा और चांसलर जैसे सिगरेट ब्रांड के लिए मशहूर थी, अब मुख्य रूप से रियल एस्टेट में सक्रिय थी। 2022 में NCLT, अहमदाबाद ने कंपनी के लिए Corporate Insolvency Resolution Process (CIRP) की अनुमति दी थी। SEBI ने पहले भी अक्टूबर 2013 और फरवरी 2014 में प्रमोटरों के खिलाफ आदेश जारी किए थे।

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