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SEBI का Jane Street पर बैन: एक्सचेंज और ब्रोकर्स के लिए बढ़ी चिंता, Zerodha के नितिन कामत ने क्यों दी चेतावनी
SEBI Bans Jane Street: SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने अमेरिका की जानी-मानी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म Jane Street को भारत के सिक्योरिटी मार्केट्स में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है।
SEBI Bans Jane Street
SEBI का Jane Street पर बैन: भारतीय बाजार में हलचल मचाने वाली खबर सामने आई है। SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने अमेरिका की जानी-मानी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म Jane Street को भारत के सिक्योरिटी मार्केट्स में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। SEBI का आरोप है कि इस फर्म ने इंडियन एक्सचेंजों में नियमों का उल्लंघन करते हुए भारी मुनाफा कमाया और ट्रेडिंग से पहले जानबूझकर ऑर्डर की जानकारी का फायदा उठाया।
SEBI ने Jane Street को ₹4,843 करोड़ की कथित अवैध कमाई वापस लौटाने का आदेश भी दिया है। यह अब तक की सबसे बड़ी वसूली में से एक हो सकती है।
किसने किया उल्लंघन और कैसे?
SEBI की जांच में सामने आया है कि Jane Street और उसकी सहायक संस्थाओं -Jane Street India, Jane Street Asia, और Jane Street Group - ने भारत के डेरिवेटिव मार्केट में कथित फ्रंट-रनिंग और हेराफेरी की। इन पर आरोप है कि इन्होंने एक्सचेंजों में ऑर्डर प्लेस करने से पहले जानकारी का फायदा उठाते हुए खुद के लिए लाभकारी पोजिशन ली।
SEBI का यह भी कहना है कि Jane Street ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) नियमों का उल्लंघन करते हुए भारतीय बाजार से मुनाफा कमाया।
Zerodha के नितिन कामत ने क्यों जताई चिंता?
Zerodha के CEO नितिन कामत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि “अगर Jane Street जैसे प्रॉप ट्रेडिंग फर्म्स पर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारतीय बाजार के लिए बहुत बड़ा झटका होगा।”
कामत ने यह भी कहा कि Jane Street जैसे फर्म्स ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगभग 50% योगदान देती हैं। ऐसे में इनकी अनुपस्थिति का असर पूरे डेरिवेटिव मार्केट पर दिख सकता है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इस तरह की कार्रवाई एक्सचेंजों और ब्रोकर्स दोनों के लिए नकारात्मक संकेत हो सकता है।
प्रॉप ट्रेडिंग पर क्या हो सकता है असर?
Jane Street जैसी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म्स न केवल उच्च वॉल्यूम पर ट्रेड करती हैं, बल्कि मार्केट को लिक्विडिटी भी देती हैं। SEBI के आदेश के बाद अब एक्सचेंजों में ऑप्शन ट्रेडिंग की कुल गतिविधि में 35% तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है। इसका असर F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) सेगमेंट पर सबसे ज्यादा होगा।
Jane Street कौन है?
Jane Street की शुरुआत साल 2000 में हुई थी। इसके अमेरिका, यूरोप और एशिया में 5 बड़े कार्यालय हैं और यह 45 देशों में सक्रिय रूप से ऑपरेट करती है।
FY23 और FY25 के बीच Jane Street ने अपने एक्सचेंज बेस्ड ऑप्शंस कारोबार से ₹44,358 करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाया है। कंपनी की वैश्विक पहचान उसे एक शक्तिशाली और अनुभवी ट्रेडिंग संस्था बनाती है।
क्या हो सकते हैं इसके व्यापक प्रभाव?
- जब कोई बड़ी प्रॉप ट्रेडिंग संस्था बाहर होती है, तो उससे बाजार की गतिविधि धीमी पड़ सकती है और लिक्विडिटी घट सकती है।
- ब्रोकर्स की आय पर असर: ब्रोकिंग हाउस और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को ट्रांजैक्शन वॉल्यूम घटने से नुकसान हो सकता है।
- निवेशकों की सतर्कता: यह कार्रवाई अन्य निवेशकों और विदेशी संस्थानों के लिए एक चेतावनी है कि भारतीय बाजार अब ऐसे नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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