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सीनियर सिटिजन के लिए टर्म इंश्योरेंस क्यों ज़रूरी है?
Senior Citizen Term Insurance: हर उम्र की अपनी ज़रूरतें होती हैं, अपने सपने होते हैं। 60 की उम्र के बाद जीवन थम नहीं जाता, बल्कि यह एक नए चैप्टर की शुरुआत होती है।
Senior Citizen Term Insurance Best Plans, Benefits and Coverage in India
हर उम्र की अपनी ज़रूरतें होती हैं, अपने सपने होते हैं। 60 की उम्र के बाद जीवन थम नहीं जाता, बल्कि यह एक नए चैप्टर की शुरुआत होती है। यह उम्र पोते-पोतियों के साथ खेलने, नई जगहों पर घूमने और उन सपनों को पूरा करने की है जो नौकरी की भागदौड़ में अधूरे रह गए थे। लेकिन, अक्सर यही वह समय होता है जब शरीर थोड़ा कमजोर पड़ने लगता है और बीमारियाँ जल्दी पकड़ लेती हैं, जिससे पैसों का बोझ बढ़ सकता है।
अगर आपने सही समय पर फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की, तो रिटायरमेंट के दौरान आपको अपनी ज़रूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ सकता है, ऐसे में, senior citizen term insurance लेना सबसे सस्ता और असरदार तरीका है। इससे आप अपनी और अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
टर्म इंश्योरेंस क्या है?
टर्म इंश्योरेंस एक टाइम पीरियड के लिए लाइफ कवर देता है। इसके दौरान अगर पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु हो जी है, चाहे प्राकृतिक कारण से हो या एक्सिडेंट से, तो नॉमिनी को एक तय रकम मिलती है। टर्म इंश्योरेंस अपने सस्ते प्रीमियम और बड़े कवरेज के लिए जाना जाता है। इसी वजह से काफ़ी कम दरों पर आप आराम से 5 cr term insurance प्लान ले सकते हैं।
अगर पॉलिसी टर्म के बाद भी आप जीवित रहते है तो आपको ये रकम नहीं मिलती। हालांकि, कुछ प्लांस जैसे TROP (टर्म इंश्योरेंस विथ रिटर्न ऑफ प्रीमियम) में आपको टर्म खत्म होने पर प्रीमियम वापस मिल जाता है।
टर्म प्लान सीनियर सिटिज़न के लिए कैसे काम करता है?
टर्म इंश्योरेंस सभी के लिए एक जैसे ही काम करता है। सीनियर सिटिज़न के लिए भी टर्म के दौरान अगर पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को सम एश्योर्ड मिल जाता है। बस सीनियर सिटिज़न के लिए अलग-अलग विकल्प उपलब्ध हैं। कुछ इंश्योरेंस कंपनियाँ 60- 75 साल तक भी नई पॉलिसी लेने की सुविधा देती हैं और कवरेज 99 या 100 साल तक चुना जा सकता है।
सीनियर सिटिज़न के लिए टर्म इंश्योरेंस क्यों ज़रूरी है?
सोचने वली बात ये है की इस उम्र में इंश्योरेंस की ज़रूरत क्यों है। कुछ खास वजहें हैं जैसे-
• आप पर परिवार निर्भर करता है- 60 वर्ष की उम्र के बाद भी ज़रूरी नहीं कि आपकी जिम्मेदारियाँ खत्म हो जाएँ। कई घर आज भी बजुर्गों पर अपने रोज़मर्रा के खर्चों और जरूरतों के लिए निर्भर रहते हैं। ऐसे में टर्म इंश्योरेंस लेने से आपके जाने के बाद परिवार को आर्थिक सहारा मिलता है। पॉलिसी से मिलने वाली रकम उनके दैनिक खर्चों और आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है।
• लोन और देनदारियाँ- घर या गाड़ी खरीदने के लिए गए लोन की टर्म अक्सर 10 साल से ज़्यादा होती है। 60 की उम्र के बाद भी लोग अपनी EMI चुका रहें होते हैं। आपके ना रहने पर ये बड़े लोन परिवार के बजट को बिगड़ सकते हैं। टर्म इंश्योरेंस से मिलने वाली रकम इस लोन को चुकाने में मदद करती है और परिवार को आर्थिक तनाव से बचाती है।
• असली लाइफ कवर- कुछ इंश्योरेंस कंपनियाँ 75 साल की उम्र तक नए टर्म इंश्योरेंस देती है और कवरेज 99 -100 की उम्र तक का देती है। इसका मतलब जीवन के आखिर तक आप प्लान के अंदर सुरक्षित रहते हैं और आपके बाद आपके पति/ पत्नी के लिए एक ठोस इनकम का जरिया बना रहता है। आपके बच्चों के लिए भी फाइनेंशियल बेनेफिट मिलते हैं।
• टैक्स बेनेफिट- टर्म इंश्योरेंस लेने से आपको इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है। प्रीमियम पर धारा 80C के तहत छूट और डेथ बेनेफिट पर धारा 10(10D) के तहत टैक्स-फ्री लाभ मिलता है।
सीनियर सिटिज़न के लिए टर्म इंश्योरेंस चुनते समय किन बातें देखें
टर्म इंश्योरेंस लेना बहुत अच्छी बात है लेकिन सही इंश्योरेंस का चुनाव आपको वो फ़ायदा देगा जिसकी आपको ज़रूरत है। इसलिए कुछ बातों को समझते हुए प्लान खरीदें जो सीनियर सिटिज़न के लिए फायदेमंद हो।
• उम्र- हर कंपनी की पॉलिसी के लिए उम्र की अपनी सीमा होती है। इसलिए टर्म इंश्योरेंस लेने की उम्र 60 से 75 वर्ष तक की हो सकती है। आपकी उम्र देखते हुए कौन सा प्लान आपके सही है उसे देखें।
• अपनी जरूरतें समझें- ये पॉलिसी आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है। अगर आपको कुछ हो जाता है तो ये रकम आपके परिवार के काम आएगी। अपने लोन, मेडिकल की ज़रूरत, रोज़ के खर्चें, इन सभी को देखते हुए कवरेज तय करें।
• प्रीमियम- चूंकि बड़ी उम्र में रिस्क ज़्यादा होता है इसलिए सीनियर सिटिज़न के लिए प्रीमियम की दरें की ज़्यादा होती है। अगर बड़ा कवरेज चाहते हैं तो आपको प्रीमियम भी ज़्यादा भरना पड़ेगा। इससे कहीं बजट ना बिगड़ जाए इसलिए प्रीमियम पर भी गौर करें।
• मेडिकल चेक-अप - कुछ इंश्योरेंस कंपनियां एक उम्र के बाद मेडिकल चेक-अप करना ज़रूरी समझती है ताकि रिस्क समझा जा सकें। इससे भी आपके प्रीमियम और कवरेज पर फ़र्क पड़ता है।
• जीवनशैली- आपकी लाइफस्टाइल अगर रिस्की है जैसे स्मोकिंग या शराब पीने की आदत है, तो इससे भी प्रीमियम पर असर पड़ता है।
• राइडर्स और ऐड-ऑन- अगर आप कोई अतिरिक्त बेनेफिट चाहते है तो ऐड- ऑन ले सकते हैं। यह सुविधा केवल कुछ ही खास प्लान्स में उपलब्ध होती है।
• CSR और सॉल्वन्सी रेशियो - ज़्यादा CSR (क्लेम सेटलमेंट रेशियो) वाली कंपनी अपने क्लेम जल्दी और भरोसेमंद तरीके से निपटाती है। साथ ही जिस कंपनी का सॉल्वन्सी रेशियो ज़्यादा होता है वो कंपनी आपके क्लेम का भुगतान करने के काबिल होती है। इसलिए अच्छे CSR और सॉल्वन्सी रैशीओ वाली कंपनी चुने।
निष्कर्ष
60 की उम्र के बाद भी जीवन अपनी पूरी गरिमा के साथ जिया जाना चाहिए। फाइनेंशियल हालत अच्छी रहें तो 60 के बाद आपको किसी पर निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं पड़ती। आपका पूरा जीवन सुरक्षित होता है साथ ही आपके पार्टनर और बच्चों के लिए भी इनकम का रास्ता बन जाता है। उनके भी फाइनेंशियल गोल्स और जरूरतें पूरी हो पाती हैं। टर्म इंश्योरेंस लेने में कभी देरी नहीं होती। अलग-अलग कंपनियों की तुलना करके अपने लिए सही टर्म इंश्योरेंस लें और अपनी ज़िंदगी खुशी से सिर उठाकर जिएँ।
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