UPI Charges by ICICI Bank : अब ICICI Bank भी वसूलेगा UPI ट्रांजैक्शन पर फीस, नया नियम 1 अगस्त से लागू

UPI Charges by ICICI Bank : ICICI Bank लगाएगा UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज, जानिए नया नियम, किसे देना होगा शुल्क और किसे मिलेगी छूट।

Sonal Girhepunje
Published on: 31 July 2025 12:21 PM IST
UPI Charges by ICICI Bank
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UPI Charges by ICICI Bank 

UPI Charges by ICICI Bank : डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ता जा रहा है और UPI ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। लोग आसानी से एक क्लिक में पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं। अब तक यह सेवा ग्राहकों के लिए मुफ्त थी और मर्चेंट्स को भी ज्यादा खर्च नहीं उठाना पड़ता था। लेकिन अब तस्वीर थोड़ी बदल रही है। ICICI Bank ने भी UPI ट्रांजैक्शन पर फीस वसूलने का फैसला किया है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगा। इससे पहले Yes Bank और Axis Bank ने भी यही कदम उठाया था। आइए जानते हैं यह नियम किस पर लागू होगा और किसे इसका असर झेलना पड़ेगा।

पेमेंट एग्रीगेटर्स से वसूले जाएंगे चार्ज :

ICICI Bank अब पेमेंट एग्रीगेटर्स (PAs) से UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज वसूलेगा। अगर कोई पेमेंट एग्रीगेटर ICICI Bank में एस्क्रो अकाउंट रखता है, तो हर ट्रांजैक्शन पर 2 बेसिस प्वाइंट यानी 0.02% की फीस लगेगी। इसकी अधिकतम सीमा 6 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन तय की गई है। वहीं, जिन PAs का एस्क्रो अकाउंट ICICI में नहीं है, उनसे 4 बेसिस प्वाइंट यानी 0.04% चार्ज लिया जाएगा और इसकी ऊपरी सीमा 10 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन होगी।

किन ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा कोई शुल्क? :

यह नियम हर ट्रांजैक्शन पर लागू नहीं होगा। अगर पैसे सीधे मर्चेंट के ICICI Bank खाते में भेजे जाते हैं, तो ऐसे ट्रांजैक्शन पर कोई फीस नहीं ली जाएगी। यह छूट सिर्फ उन्हीं मामलों में मिलेगी, जहां पेमेंट एग्रीगेटर की मदद नहीं ली गई हो।

बाकी बैंक पहले ही वसूल रहे हैं चार्ज :

ICICI Bank पहला ऐसा बैंक नहीं है जो UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज वसूलने जा रहा है। इससे पहले Yes Bank और Axis Bank जैसे बैंक पिछले कई महीनों से पेमेंट एग्रीगेटर्स से ऐसी फीस ले रहे हैं। अब दूसरे बैंक भी यही तरीका अपना रहे हैं ताकि UPI से होने वाले खर्च को पूरा किया जा सके।

शुल्क लगाने की वजह क्या है? :

सरकार ने UPI ट्रांजैक्शनों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को शून्य रखा है ताकि ग्राहकों और मर्चेंट्स को कोई अतिरिक्त बोझ न उठाना पड़े। लेकिन इसके बावजूद बैंकों को इन ट्रांजैक्शनों की प्रोसेसिंग पर खर्च उठाना पड़ता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) हर ट्रांजैक्शन पर बैंकों से एक “स्विच फीस” लेता है। कुछ बैंक इस लागत को सीधे पेमेंट एग्रीगेटर्स से वसूल रहे हैं ताकि उनका ऑपरेशनल खर्च कवर हो सके।

मर्चेंट्स पर पड़ेगा क्या असर?

पेमेंट एग्रीगेटर्स पहले से ही मर्चेंट्स से प्लेटफॉर्म चार्ज, रीकॉन्सिलिएशन फीस जैसी सेवाओं के बदले शुल्क लेते हैं। अब जब बैंक उनसे UPI चार्ज वसूलेंगे, तो इसका असर अंततः मर्चेंट्स तक पहुंच सकता है। मर्चेंट्स पर अतिरिक्त शुल्क का बोझ बढ़ सकता है, जिसे वे आगे चलकर ग्राहकों पर भी डाल सकते हैं।

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