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NIRF Ranking में इस बार हुआ है कुछ नया, पैरामीटर्स से लेकर रैकिंग से होने वाले फायदे तक,जानें सब कुछ
NIRF Ranking: इस बार की एनआईआरएफ रैंकिंग में जोड़ी गयी हैं नयी कैटेगरीज़।
NIRF Ranking 2025
NIRF Ranking: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से 04 सितंबर, 2025 को नेशनल इंटीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) जारी कर दी गई है। इस बार NIRF Ranking 2025 की यूनिवर्सिटी लिस्ट में IIT Bengaluru ने टॉप किया है। इस रैंकिंग में अलग-अलग कैटगरीज़ में शिक्षण संस्थानों को रैंक किया जाता है। इस बार शोध संबंधी अनुचित प्रकाशित पेपर (retracted research papers) के लिए अब negative marking लागू की गई है, ताकि रैंकिंग में पारदर्शिता बनी रहे। NIRF Ranking क्या है? किन पैरामीटर्स पर संस्थानों को परखा जाता है? इस बार किन कैटेगरीज को इसमें जोड़ा गया है? इन सभी सवालों के जाबाव आपको यहां मिलेंगे।
NIRF Ranking क्या है?
भारत सरकार द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए NIRF Ranking (National Institutional Ranking Framework) जारी की जाती है। इसकी शुरुआत 2015 में हुई और 2016 से हर साल यह रैंकिंग प्रकाशित की जा रही है। इसका संचालन शिक्षा मंत्रालय करता है। इस रैंकिंग का मकसद कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता सुधार के लिए प्रोत्साहित करना है।
NIRF Ranking का उद्देश्य
- संस्थानों को रिसर्च, इनोवेशन और प्लेसमेंट जैसे क्षेत्रों में सुधार के लिए प्रेरित करना।
- NIRF Ranking का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाना है।
- छात्रों को यह पता चल सके कि कौन सा संस्थान पढ़ाई, शोध और करियर अवसरों के लिहाज से बेहतर है।
- समाज और उद्योग जगत में संस्थानों की छवि को मजबूत करना।
NIRF Ranking के पैरामीटर
NIRF संस्थानों को पांच प्रमुख पैमानों पर परखता है।
- Teaching, Learning and Resources (TLR) – इसमें फैकल्टी, शिक्षक-छात्र अनुपात, इंफ्रास्ट्रक्चर और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं।
- Research and Professional Practice (RP) – इसमें रिसर्च पेपर, पेटेंट, प्रकाशन और इंडस्ट्री प्रोजेक्ट देखे जाते हैं।
- Graduation Outcomes (GO) – इसमें स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट, हायर स्टडीज और परफॉर्मेंस शामिल होती है।
- Outreach and Inclusivity (OI) – समाज के विभिन्न वर्गों और अलग-अलग राज्यों व देशों से छात्रों की भागीदारी को देखा जाता है।
- Perception (PR) – इसमें नियोक्ताओं, छात्रों और समाज के बीच संस्थान की साख का आकलन किया जाता है।
NIRF Ranking में इन कैटेगरीज़ को (NIRF Ranking Category)
NIRF Ranking में संस्थानों को 16 अलग-अलग कैटगरीज़ में रखा जाता है। लेकिन अब इसमें कुछ बदलाव हुए हैं। NIRF Ranking 2025 में तीन नई कैटेगरीज़ राज्य-वित्तपोषित सार्वजनिक विश्वविद्यालय (State-Funded Public Universities), ओपन यूनिवर्सिटीज (Open Universities) और स्किल यूनिवर्सिटीज (Skill Universities) को जोड़ा गया है। कैटेगरीज़ के नाम इस प्रकार हैं-
- Overall Ranking
- Universities Ranking
- Engineering Colleges
- Management Institutes
- Pharmacy Colleges
- Medical Colleges
- Dental Colleges
- Law Colleges
-Architecture Colleges
- Agriculture and Allied Sectors
- Innovation Category
- State-Funded Public Universities
- Open Universities
- Skill Universities
NIRF Ranking के फायदे
आज देश में हजारों कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं। ऐसे में छात्रों और अभिभावकों के लिए यह चुनना आसान नहीं होता कि कौन सा संस्थान पढ़ाई के लिए सही रहेगा और कौन सा नहीं। NIRF Ranking संस्थानों का गुणवत्ता पर निर्धारित करती है। इससे स्टूडेंट्स सही संस्थानों का चुनाव कारना आसान हो जाता है और रैंकिंग में आगे बने रहने के लिए संस्थान अपनी गुणवत्ता में सुधार भी करते रहते हैं।
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