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सुबह उठते ही मोबाइल देखने की आदत बना सकती है बीमार, आंखों से लेकर मानसिक सेहत तक पर पड़ता है असर
Morning Mobile Habits: क्या आपको पता है फोन ज्यादा यूज करने की ये आदत धीरे-धीरे आपकी आंखों और दिमाग दोनों के लिए खतरनाक बनती जा रही है?
Morning Phone Habits: आज के समय में मोबाइल फोन हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। नींद से उठते ही सबसे पहले मोबाइल उठाना, सोशल मीडिया नोटिफिकेशन चेक करना और फिर दिनभर स्क्रीन से चिपके रहना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये आदत धीरे-धीरे आपकी आंखों और दिमाग दोनों के लिए खतरनाक बनती जा रही है?
आईडीसी रिसर्च के अनुसार, करीब 80% लोग उठने के 15 मिनट के भीतर अपना फोन चेक करने लगते हैं। ऐसा करना सिर्फ आपकी आंखों पर दबाव नहीं डालता, बल्कि मानसिक सेहत पर भी गहरा असर डालता है।
क्यों है सुबह-सुबह मोबाइल देखना नुकसानदेह?
आंखों पर तनाव और ड्राइनेस
मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी आंखों में सूखापन, जलन और थकान पैदा कर सकती है। लगातार स्क्रीन देखने से पलकों की ब्लिंकिंग कम हो जाती है जिससे आंखों में ड्राइनेस बढ़ जाती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो हर मिनट कम से कम 15 बार आंखें ब्लिंक करनी चाहिए।
नींद का बिगड़ना
सुबह उठते ही मोबाइल स्क्रीन देखने से मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर सुस्त महसूस करता है और आपकी स्लीप साइकिल गड़बड़ होने लगती है।
बढ़ती चिंता और स्ट्रेस
जैसे ही आप सुबह उठते ही कई ईमेल्स, मैसेज और नोटिफिकेशन एक साथ देखते हैं, आपका दिमाग एक साथ कई चीजों पर काम करने लगता है। इससे तनाव और एंग्जाइटी बढ़ सकती है।
मानसिक थकावट और आलस्य
दिन की शुरुआत अगर स्क्रीन से होगी, तो दिमाग फ्रेश होने की बजाय और भी थका हुआ महसूस करेगा। इससे दिनभर आलस्य बना रहता है और एनर्जी लेवल कम होता है।
समाधान क्या है?
- सुबह उठते ही सबसे पहले कुछ मिनट आंखें बंद करके गहरी सांस लें।
- मोबाइल को कम से कम 30 मिनट बाद देखें।
- आंखों को स्ट्रेच दें, खुली हवा में जाएं और पानी पिएं।
सुबह की शुरुआत जितनी सुकून भरी होगी, दिन उतना ही बेहतर जाएगा। मोबाइल जरूरी है, लेकिन आपकी सेहत उससे कहीं ज्यादा अहम है।
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