Women Menstrual Health: वर्कप्लेस में पीरियड्स के दौरान कैसे बनाएं ऑफिस को और भी सपोर्टिव

Women Menstrual Health: पीरियड्स महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन अफसोस की बात है कि आज भी कई महिलाओं को इसके बारे में खुलकर बताने में असहजता महसूस होती है।

Ragini Sinha
Published on: 28 May 2025 10:25 AM IST
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women Menstrual Supporting Period Health at Work (Social media)

Women Menstrual Health: पीरियड्स महिलाओं की जिंदगी का एक नॉर्मल और प्राकृतिक हिस्सा है, लेकिन आज भी बहुत से ऑफिस में यह एक ‘छुपाने’ लायक टॉपिक समझा जाता है। महिलाएं भले ही बराबरी से ऑफिस की जिम्मेदारियां निभा रही हों, लेकिन जब बात पीरियड्स की होती है, तो उन्हें कई असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। वह आज भी खुलकर पीरियड्स के बारे में नहीं बता पाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर ऑफिस पीरियड्स को लेकर संवेदनशीलता दिखाए और एक ऐसा माहौल बनाए, जहां महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करें।

पीरियड्स प्रोडक्ट्स की उपलब्धता

अगर ऑफिस के हर वॉशरूम में साबुन और टॉयलेट पेपर हो सकते हैं, तो सैनिटरी नैपकिन या टैम्पॉन भी रखे जाने चाहिए क्योंकि ये भी उतने ही जरूरी हैं। कई बार महिलाएं अचानक पीरियड्स शुरू होने पर काफी असहज हो जाती हैं, ऐसे में अगर उन्हें तुरंत नैपकिन मिल जाए, तो यह छोटी-सी सुविधा उनके लिए बहुत राहतभरी हो सकती है। कंपनियों को ये प्रोडक्ट मुफ्त में या बेहद कम कीमत पर वॉशरूम में उपलब्ध करवाना चाहिए।


साफ-सुथरे और सुरक्षित वॉशरूम

महिलाओं को अपनी स्वच्छता बनाए रखने के लिए साफ, प्राइवेट और अच्छे से मेंटेन किए गए वॉशरूम की जरूरत होती है। ऐसे वॉशरूम में ढक्कन वाले डिस्पोजल डिब्बे हों और नियमित सफाई हो, तो महिलाएं बिना झिझक के अपनी जरूरतें पूरी कर सकती हैं।

खुला माहौल और बातचीत की आजादी

पीरियड्स कोई शर्म की बात नहीं है और इसे लेकर बात करना बिल्कुल नॉर्मल होना चाहिए। जब ऑफिस में ऐसा माहौल होता है, जहां महिलाएं बिना हिचक अपनी जरूरतें बता सकें, तो वे मानसिक रूप से ज्यादा सहज महसूस करती हैं। इसके लिए वर्कप्लेस में लोगों को थोड़ा संवेदनशील होना पड़ेगा।


लचीली वर्क पॉलिसीज

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द या थकावट होती है, खासकर अगर उन्हें PCOS या एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याएं हों। ऐसे में उन्हें आराम की जरूरत होती है। ऐसे समय में अगर ऑफिस उन्हें वर्क फ्रॉम होम का विकल्प, फ्लेक्सिबल टाइमिंग या पीरियड लीव जैसी सुविधाएं दे, तो इससे न सिर्फ उनकी सेहत बेहतर होगी, बल्कि काम पर भी असर नहीं पड़ेगा।

जागरूकता और शिक्षा

हर कंपनी को समय-समय पर पीरियड्स से जुड़ी जागरूकता वर्कशॉप्स करवानी चाहिए। इससे महिलाएं अपने शरीर को बेहतर समझ पाएंगी और पुरुष सहकर्मी भी अधिक संवेदनशील बनेंगे। गाइनकोलॉजिस्ट्स या हेल्थ एक्सपर्ट्स की मदद से इस विषय पर व्यावहारिक जानकारी दी जा सकती है।

सपोर्टिव सुविधाएं

कंपनियां अपने ऑफिस में 'वेलनेस रूम' जैसी जगह बना सकती हैं, जहां महिलाएं तबीयत बिगड़ने पर कुछ देर आराम कर सकें। इसके अलावा, ऑन-साइट मेडिकल हेल्प या नजदीकी क्लिनिक से साझेदारी भी एक उपयोगी कदम है।

पीरियड्स को समझना और उसका सम्मान करना सिर्फ एक महिला का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे ऑफिस के स्वस्थ माहौल का हिस्सा है। जब महिलाएं बिना शर्मिंदगी के अपनी जरूरतें बता सकेंगी, तो वह अपने काम में और भी बेहतरीन तरीके से कर सकती हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि हर ऑफिस पीरियड्स को लेकर गंभीरता दिखाए और एक ऐसा वातावरण बनाए जिसमें हर महिला खुद को सम्मानित और सुरक्षित महसूस करे।

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