मानसून में क्यों बढ़ जाती है महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन? जानें वजह, शुरुआती लक्षण और बचाव के आसान उपाय

Fungal Infection in Women : इस मौसम में बढ़ी हुई नमी और बार-बार भीगने की वजह से बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन तेजी से पनपते हैं, जिससे महिलाओं की इंटिमेट हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है।

Ragini Sinha
Published on: 5 Aug 2025 11:42 AM IST
Fungal Infection in Women
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Fungal Infection in Women  (Social media)

Fungal Infection in Women : मानसून का मौसम नमी और गंदगी के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं साथ लाता है, लेकिन महिलाओं के लिए यह मौसम खासतौर पर गुप्तांग संक्रमण के लिहाज से अधिक परेशान करने वाला हो सकता है। इस मौसम में बढ़ी हुई नमी और बार-बार भीगने की वजह से बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन तेजी से पनपते हैं, जिससे महिलाओं की इंटिमेट हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है।

मानसून में क्यों बढ़ते हैं संक्रमण?

बारिश के मौसम में वातावरण में लगातार नमी बनी रहती है। ऐसे में अगर महिलाएं गीले या सिंथेटिक कपड़े ज्यादा देर तक पहनें, या फिर केमिकल युक्त साबुन और इंटिमेट वॉश का अधिक इस्तेमाल करें, तो वजाइना का नैचुरल पीएच बैलेंस बिगड़ सकता है। इससे बैक्टीरियल वैजिनोसिस, यूरीन इन्फेक्शन और फंगल इंफेक्शन जैसे कैंडिडायसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

वर्किंग महिलाएं या ज्यादा बाहर रहने वाली महिलाएं अक्सर पब्लिक टॉयलेट्स का इस्तेमाल करती हैं, जहां सफाई का अभाव होता है। इसके अलावा, गीले अंडरगारमेंट्स लंबे समय तक पहनने से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

आम लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

बहुत सी महिलाएं शुरुआत में हल्की जलन, खुजली, या सफेद/पीले रंग के डिस्चार्ज जैसे लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेतीं, लेकिन यही शुरुआती संकेत हैं कि शरीर में कोई संक्रमण शुरू हो चुका है। समय पर इलाज न मिलने पर ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं और बार-बार होने वाली परेशानी का कारण बन जाती हैं।

इंटिमेट हाइजीन का रखें ध्यान

आभा सर्जरी सेंटर की फाउंडर और चीफ कंसल्टेंट डॉ. बानी कुमार मित्रा कहती हैं कि महिलाओं को मानसून में विशेष रूप से साफ-सफाई और इंटिमेट हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए। इससे संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।

इन उपायों को अपनाएं

  • कॉटन के साफ और सूखे अंडरगारमेंट्स पहनें।
  • भीगने के तुरंत बाद कपड़े बदलें।
  • इंटिमेट एरिया को सूखा और साफ रखें।
  • खुशबूदार या केमिकल युक्त इंटिमेट वॉश से बचें।
  • पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स समय पर बदलें।
  • दही, छाछ जैसे प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन करें।
  • खूब पानी पिएं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।

समय रहते इलाज क्यों है जरूरी?

कई बार महिलाएं शर्म या व्यस्तता के चलते डॉक्टर से सलाह लेने में देर कर देती हैं। लेकिन शुरुआती स्तर पर अगर किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सकता है। खुद से दवा लेने या ओवर-द-काउंटर क्रीम्स का इस्तेमाल करने से कभी-कभी समस्या और बढ़ सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें ख्याल

लगातार होने वाले इन्फेक्शन न सिर्फ शरीर को प्रभावित करते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी तनाव और आत्मविश्वास में कमी का कारण बनते हैं। ऐसे में महिलाओं को खुलकर बात करनी चाहिए, और समाज को भी इस विषय पर जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि महिलाओं की इंटिमेट हेल्थ को लेकर बनी झिझक खत्म हो सके।

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