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एयर इंडिया ने सुरक्षा जांच पास की: बोइंग विमान बेड़े के फ्यूल कंट्रोल स्विच में कोई खामी नहीं पाई गई
Air India passes safety check : एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, “एयर इंडिया ने अपने बेड़े के सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों पर फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग मैकेनिज्म की एहतियाती जांच पूरी कर ली है।
Air India passes safety check (Image Credit-Social Media)
नई दिल्ली। एयर इंडिया ने अपने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर्स और बोइंग 737 विमानों के पूरे बेड़े में फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) लॉकिंग मैकेनिज्म की एहतियाती जांच सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यह जानकारी एयरलाइन ने मंगलवार को दी। यह जांच भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा 14 जुलाई को जारी निर्देश के तहत की गई थी, और इसमें किसी प्रकार की तकनीकी खामी या सुरक्षा संबंधित समस्या सामने नहीं आई है, जिससे यात्रियों और एविएशन रेगुलेटर्स दोनों को राहत मिली है।
यह कदम उस समय उठाया गया जब दुनिया भर में फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग सिस्टम को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं सामने आई थीं। यह प्रणाली विमान के इंजन बंद करने और ईंधन प्रबंधन के दौरान एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि भारत में इस संबंध में कोई विशिष्ट घटना दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एविएशन प्राधिकरणों और विमान निर्माता बोइंग द्वारा जारी चेतावनियों के आधार पर DGCA ने इसे एहतियाती सुरक्षा उपाय के रूप में लागू किया।
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, “एयर इंडिया ने अपने बेड़े के सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों पर फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग मैकेनिज्म की एहतियाती जांच पूरी कर ली है।” उल्लेखनीय है कि बोइंग 737 विमान एयर इंडिया की कम-लागत वाली सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के तहत संचालित होते हैं, जिसने भी इस निरीक्षण आदेश का पूर्ण रूप से पालन किया।
क्या है यह मामला और उसका अंतरराष्ट्रीय संदर्भ?
फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग मैकेनिज्म इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह उड़ान के दौरान अनजाने में इंजन को बंद होने से रोकता है। हाल ही में अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और यूरोपीय संघ की एविएशन सुरक्षा एजेंसी (EASA) ने चिंता जताई थी कि इस प्रणाली में यांत्रिक घिसाव या डिज़ाइन से जुड़ी कुछ संभावित कमजोरियाँ हो सकती हैं, जो दुर्लभ मामलों में इंजन के ईंधन नियंत्रण की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि अब तक इस समस्या से कोई गंभीर दुर्घटना नहीं जुड़ी है, फिर भी वैश्विक एविएशन एजेंसियों ने सावधानी के तौर पर जांच कराने की सिफारिश की थी। बोइंग ने भी प्रभावित विमानों — विशेषकर 737 NG/MAX सीरीज और 787 ड्रीमलाइनर — के लिए सर्विस बुलेटिन जारी कर चेकअप कराने को कहा था।
भारत के DGCA ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए इन विमान मॉडलों के संचालकों — विशेष रूप से एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस — को एक सप्ताह के भीतर FCS मैकेनिज्म की जांच के निर्देश दिए। नियामक संस्था ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और समय पर कार्रवाई करने के लिए भारतीय एयरलाइनों की सराहना की। एक DGCA अधिकारी ने पुष्टि की, “एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस दोनों ने तय समय से पहले जांच पूरी कर ली है। सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं और किसी प्रकार की तकनीकी खामी रिपोर्ट नहीं की गई है।”
एयर इंडिया का बढ़ता बेड़ा
वर्तमान में एयर इंडिया के पास बोइंग 787 विमानों का एक बड़ा बेड़ा है, जो मुख्य रूप से लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। वहीं एयर इंडिया एक्सप्रेस अपने बोइंग 737 विमानों का उपयोग घरेलू और क्षेत्रीय उड़ानों के लिए करती है। टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया के बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण की महत्वाकांक्षी योजना के तहत, एयरलाइन रखरखाव ढांचे और प्रक्रियागत उन्नयन में भी भारी निवेश कर रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह संचालन सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
यात्रियों के लिए अच्छी खबर
इस जांच के सकारात्मक नतीजे यात्रियों के लिए राहत की खबर हैं। जब किसी भी तरह की तकनीकी खामी नहीं पाई गई और सभी निरीक्षण नियमानुसार पूरे हुए, तो यह यात्रियों को यह भरोसा देता है कि एयर इंडिया और उसकी सहायक कंपनियाँ उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं। वैश्विक स्तर पर जहां एविएशन सेक्टर हर छोटी-से-छोटी तकनीकी कमजोरी को लेकर सजग है, वहीं एयर इंडिया की तेज और प्रभावी प्रतिक्रिया और उसकी साफ रिपोर्ट एयरलाइन के निरंतर विकसित हो रहे सुरक्षा मानकों और निगरानी क्षमता का प्रमाण है।
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