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HAL की उत्पादकता पर सवाल के बीच तेजस Mk1A का होगा सबसे बड़ा टेस्ट, देश देखेगा दम
Indian Defense News: तेजस Mk1A से पहली बार अगस्त में अस्त्र मिसाइल का लाइव परीक्षण किया जाएगा। यह टेस्ट स्वदेशी लड़ाकू विमान की युद्ध क्षमता को साबित करेगा। नए AESA रडार और DFCC से लैस तेजस, अस्त्र मिसाइल के साथ एयरफोर्स को दुश्मन पर लंबी दूरी से हमला करने की ताकत देगा।
Indian Defense News: भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने की दिशा में एक अहम मोड़ पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अगस्त के पहले सप्ताह में स्वदेशी तेजस Mk1A लड़ाकू विमान से पहली बार 'अस्त्र Mk1' बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) की लाइव टेस्ट फायरिंग की तैयारी कर रहा है। यह परीक्षण तेजस Mk1A के ऑपरेशनल सर्टिफिकेशन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
उन्नत सिस्टम के साथ नए युग की शुरुआत
तेजस Mk1A में कई बड़े तकनीकी सुधार किए गए हैं। इसमें सबसे प्रमुख है एडवांस ELM-2052 AESA फायर कंट्रोल रडार और नया डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC)। यह अपग्रेड न सिर्फ इसके लड़ाकू क्षमताओं को आधुनिक बनाते हैं बल्कि अस्त्र Mk1 जैसी मिसाइलों के साथ इसकी सटीकता और रेंज को भी कई गुना बढ़ाते हैं।
क्यों खास है यह टेस्ट?
इस टेस्ट के जरिए यह जांचा जाएगा कि नया AESA रडार अस्त्र Mk1 को कितनी कुशलता से गाइड कर सकता है। यदि यह सफल होता है तो तेजस Mk1A को पूरी तरह से भारतीय वायुसेना में तैनात करने की दिशा में बड़ा रास्ता साफ हो जाएगा। यह परीक्षण तेजस के मिसाइल इंटीग्रेशन की निर्णायक परीक्षा होगी।
एयरफोर्स की शक्ति को मिलेगा नया आयाम
अस्त्र Mk1 मिसाइल की रेंज 100 किमी से अधिक है और यह इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर माहौल में भी टारगेट को सटीकता से खत्म करने की क्षमता रखती है। इसका सफल इंटीग्रेशन भारतीय वायुसेना को विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों में शत्रु के विमानों से निपटने में एक निर्णायक बढ़त देगा।
2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल होने की दिशा में
हालांकि प्रोग्राम को इंजन डिलीवरी और रडार फिटमेंट में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, फिर भी HAL 2025 तक 12 तेजस Mk1A एयरक्राफ्ट डिलीवर करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसका पहला विमान जुलाई के अंत तक HAL की नासिक यूनिट से रोल आउट होगा।
क्या है अस्त्र Mk1 की खासियत?
अस्त्र Mk1 मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की गई एक अत्याधुनिक बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है। यह एक्टिव रडार होमिंग तकनीक से लैस है और इसमें स्मोकलेस प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग होता है। यह दुश्मन को ट्रैक करना मुश्किल बना देती है। इसकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर से भी अधिक है जो इसे लंबी दूरी के हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम बनाती है। भारतीय वायुसेना के Su-30MKI लड़ाकू विमानों में इसका सफलतापूर्वक इंटीग्रेशन किया जा चुका है। यह प्रक्रिया इंडो-रशियन डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर की मदद से सुचारू रूप से पूरी हुई है।
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