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इस बार NDA 160 पार! अमित शाह का बड़ा दावा, बता दिए नीतीश के जीत का सीक्रेट
Amit Shah Claim: बिहार चुनाव 2025 के बीच अमित शाह का बड़ा दावा—एनडीए 160 से ज्यादा सीटें जीतेगा। शाह ने बताया नीतीश कुमार की जीत का सीक्रेट, राहुल गांधी और कांग्रेस पर बोला तीखा हमला। 14 नवंबर के नतीजों से पहले बढ़ी सियासी गर्मी।
Amit Shah NDA 160 seats claim: बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा राजनीतिक बम फोड़ दिया है। चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले, शाह ने आत्मविश्वास से भरा एक ऐसा दावा किया है जिसने विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि आगामी 14 नवंबर को जब नतीजे सामने आएंगे, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 160 से भी ज्यादा सीटों पर प्रचंड जीत हासिल करेगा। शाह का यह बयान, जहां एक ओर एनडीए कार्यकर्ताओं में जोश भर रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन, खासकर कांग्रेस और राजद पर सीधा हमला है। बिहार का रण अब अंतिम दौर में है, और इस बड़े दावे ने राजनीतिक तापमान को चरम पर पहुंचा दिया है।
राहुल के 'डांस' वाले बयान पर शाह का पलटवार
इस इंटरव्यू में अमित शाह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस विवादित बयान पर भी सवाल किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वोट पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'नाच' भी सकते हैं। अमित शाह ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी के ऐसे बयानों का खामियाजा अंततः कांग्रेस पार्टी को ही उठाना पड़ेगा। शाह ने इस संदर्भ में इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि मणिशंकर अय्यर से लेकर सोनिया गांधी तक, जब-जब प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है, तब-तब भारतीय जनता पार्टी की जीत और भी मजबूती के साथ हुई है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री जैसे पद की गरिमा पर सवाल उठाना विपक्षी दल के लिए आत्मघाती साबित हुआ है। शाह ने यह भी कहा कि इस बार तो कांग्रेस नेताओं ने बिहार की आस्था के प्रतीक 'छठ मईया' का भी अपमान किया है, जिसके लिए उन्हें चुनाव में भारी कीमत चुकानी होगी। यह बयान स्पष्ट करता है कि भाजपा, प्रधानमंत्री के अपमान और धार्मिक भावनाओं के मुद्दे को मतदाताओं के बीच पुरजोर तरीके से उठा रही है।
मोकामा कांड पर सफाई: 'घटनाएं होना जंगलराज नहीं'
बिहार चुनाव में कानून-व्यवस्था हमेशा एक बड़ा मुद्दा रही है। इंटरव्यू के दौरान अमित शाह से यह भी पूछा गया कि क्या मोकामा में हाल ही में हुई घटना, जंगलराज के खिलाफ नीतीश सरकार द्वारा बनाई गई छवि को नुकसान पहुंचा सकती है? इस पर अमित शाह ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जवाब दिया। शाह ने कहा कि कानून-व्यवस्था वाली किसी भी व्यवस्था में यह दावा नहीं किया जा सकता कि एक भी घटना नहीं होगी। उनका तर्क था कि 'जंगलराज' तब फैलता है, जब घटना होने के बाद कानून अपनी तय प्रक्रिया से काम नहीं करता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जंगलराज तब होता है, जब किसी व्यक्ति की सामाजिक या राजनीतिक ताकत के हिसाब से कानून का डंडा चलता है। इस बयान के जरिए अमित शाह ने माना कि छोटी-मोटी घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन नीतीश सरकार में कानून सबके लिए समान है और अपराधियों पर कार्रवाई बिना किसी भेदभाव के होती है। उनका यह बयान मोकामा घटना के प्रभाव को कम करने और जंगलराज की छवि से एनडीए को बचाने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।
पहला चरण, अंतिम परिणाम: 14 नवंबर का इंतजार
बिहार विधानसभा चुनाव की चुनावी प्रक्रिया अपने महत्वपूर्ण दौर में है। पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोटिंग होगी। अमित शाह का यह आत्मविश्वास भरा दावा ऐसे समय में आया है, जब मतदाता अपनी राय बना रहे होंगे। उनके '160 पार' के दावे ने निश्चित रूप से राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या एनडीए वास्तव में इतनी बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है या यह केवल मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति है। अब सबकी नजरें 14 नवंबर 2025 पर टिकी हैं, जब बिहार के मतदाताओं का फैसला ईवीएम से बाहर आएगा और यह तय होगा कि अमित शाह का यह बड़ा दावा हकीकत बनता है या नहीं। तब तक, दोनों खेमों की बयानबाजी और जीत के दावे, बिहार की राजनीति को गरमाते रहेंगे।
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