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अनंत सिंह के गढ़ में मुंह छुपाकर भागने को मजबूर हुये ललन सिंह-सम्राट चौधरी, रोड शो के दौरान झेलन पड़ी शर्मिंदगी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी के रोड शो के दौरान जनता ने सवाल पूछकर नेताओं को असहज कर दिया। इस घटना ने विकास और अस्पतालों की कमी पर सवाल उठाए, जो आगामी चुनावों पर प्रभाव डाल सकते हैं।
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) के बीच, मोकामा के चुनावी माहौल में उस समय तीखी हलचल मच गई, जब केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी के रोड शो के दौरान जनता ने उन्हें घेर लिया और सीधे विकास के मुद्दे पर सवाल पूछना शुरू कर दिया। यह घटना उस समय और भी शर्मनाक हो गई जब कैमरे पर रिकॉर्ड हुआ कि नेताओं के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था।
रोड शो में 'शर्मिंदगी वाला वीडियो'
वायरल हो रहे वीडियो में, ललन सिंह और सम्राट चौधरी एक खुली जीप या प्रचार वाहन पर सवार होकर रोड शो कर रहे थे। उनके आस-पास भारी भीड़ और सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। तभी, भीड़ में से एक व्यक्ति ने सीधे नेताओं को ललकारना शुरू कर दिया।
सवाल पूछने वाले व्यक्ति ने कहा:
हॉस्पिटल आदि के बारे में क्यों नहीं बोलते हैं सर आप कभी कुछ? यहाँ का क्या समस्या का समाधान होगा कि नहीं सर?"ललन बाबू के पास इतनी अच्छी पदवी है, 8700 करोड़ का बजट है इनके पास एक साल में, जो कि 40,000 करोड़ का होता है 5 साल में। उसका क्या कर रहे हैं उस पैसे का? कहाँ जा रही है वो धनराशि?" इन तीखे सवालों के सामने, रोड शो में मौजूद नेताओं ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि नेता असहज हो गए और उन्होंने सवाल पूछने वाले व्यक्ति को अनदेखा करने की कोशिश की, जबकि सुरक्षाकर्मी स्थिति को संभालने में लग गए।
क्यों उठाया गया 'अस्पताल' और 'विकास' का मुद्दा?
मोकामा और मुंगेर (जिसका प्रतिनिधित्व ललन सिंह करते हैं) के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं और विकास परियोजनाओं की कमी एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है। सवाल पूछने वाले व्यक्ति का इशारा स्पष्ट रूप से इसी ओर था कि इतने बड़े बजट और उच्च पदवी होने के बावजूद क्षेत्र में एक भी अच्छा अस्पताल क्यों नहीं बन पाया है, और आवंटित धनराशि कहाँ खर्च हो रही है। चुनाव प्रचार के दौरान जवाबदेही (Accountability) पर उठाया गया यह सवाल बिहार की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ अक्सर चुनाव जाति या बाहुबल के इर्द-गिर्द घूमता रहा है।
'व्यवस्था तो फिलहाल...' नेताओं के पास नहीं था जवाब
वीडियो में जब सवाल पूछने वाला व्यक्ति व्यवस्था के बारे में पूछता है, तो वाहन पर मौजूद एक नेता (संभवतः सम्राट चौधरी या कोई अन्य सहयोगी) बीच में बोलकर स्थिति को संभालने की कोशिश करते हैं, लेकिन सवाल की गंभीरता के सामने उनका जवाब अधूरा रह जाता है। सवाल पूछने वाला व्यक्ति लगातार कहता रहा कि "कोई जवाब नहीं है!" और "मोकामा के साथ इतना सौतेला व्यवहार क्यों? इससे स्पष्ट होता है कि स्थानीय जनता अब केवल नारों से प्रभावित नहीं हो रही है, बल्कि कठोर विकास और खर्च किए गए फंड का हिसाब मांग रही है।
बिहार चुनाव 2025 पर असर
यह घटना बताती है कि बिहार चुनाव 2025 में स्थानीय विकास और नेताओं की व्यक्तिगत जवाबदेही एक बड़ा कारक बनने जा रही है। मोकामा, जो बाहुबली अनंत सिंह और उनकी प्रतिद्वंद्वी वीणा देवी के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग का केंद्र है, अब विकास बनाम वादों की लड़ाई में बदलता दिख रहा है। ललन सिंह जैसे कद्दावर नेता, जो इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर मुंगेर की सियासत बचाना चाहते हैं, के लिए यह वीडियो वायरल होना एक बड़ा झटका है। यह घटना विपक्षी दलों (जैसे आरजेडी) को भी प्रचार के लिए एक मजबूत हथियार दे सकती है कि सत्ताधारी नेताओं के पास जनता के विकास संबंधी सवालों का कोई जवाब नहीं है।
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