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Bihar New CM: ये हो सकते हैं चुनाव बाद बिहार के अगले सीएम
योगी मॉडल की तर्ज पर बिहार को बुलडोजर शासन की चाह, भाजपा के अंदरखाने मजबूती से चल रहा इस नेता का नाम
Bihar Election 2025 News (Image from Social Media)
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की बिसात पर इस बार सिर्फ जाति और विकास के पारंपरिक मुद्दे ही नहीं, बल्कि यूपी में योगी के बुलडोजर मॉडल की धमक भी सुनाई दे रही है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से अपराध पर लगाम कसी, अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाया और शासन का जो कड़ा रुख अपनाया है, उसने बिहार की जनता के मन में भी एक ऐसे ही 'कठोर प्रशासक' की चाहत पैदा कर दी है। अब उसे योगी जैसे अपने रहनुमा की तलाश है।
सियासी गलियारों और आम जनता के बीच अब यह सवाल गूंज रहा है: एनडीए के खेमे में ऐसा कौन है, जो बिहार को यूपी जैसा 'अपराधी मुक्त' शासन दे सकता है? और मुसलमानों के बढ़ते बेलगाम होते व्यवहार को कंट्रोल कर सकता है।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को जिस तरह से कानून की हदें समझाईं, उनकी अवैध संपत्तियों पर बिना किसी डर के बुलडोजर चलवाया और सरकारी योजनाओं को बिना भेदभाव लागू किया, उससे बिहार की जनता में भी 'कड़े सुशासन' की उम्मीद जगी है। एक बड़ा वर्ग मानता है कि दशकों की राजनीतिक अस्थिरता और अपराध की समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब कमान किसी 'योगी जैसे तेवर' और 'बुलडोजर चलाने की इच्छाशक्ति' वाले नेता के हाथ में हो।
यह चाहत कहीं न कहीं मतदाताओं को एनडीए के पक्ष में धकेल रही है, क्योंकि उन्हें लगता है कि दिल्ली और यूपी की एक ही पार्टी की मजबूत सरकार की तरह बिहार में भी कड़क मिजाज की सरकार ऐसा बदलाव ला सकती है।
अगर चुनावी तेवर और कठोर प्रशासनिक छवि की बात की जाए, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह इस खाँचे में सटीक बैठते दिखाई देते हैं। गिरिराज सिंह का बेबाक, हिंदुत्ववादी और सीधा आक्रामक लहजा उन्हें योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक स्टाइल के करीब लाता है। दोनों नेता अपनी पार्टी के कोर एजेंडे के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं और विरोधियों को तीखे जवाब देने में हिचकिचाते नहीं हैं।
बात करें बिहार की जनता की तो उसे अब एक ऐसे सीएम चेहरे की तलाश है, जो केवल वादे न करे, बल्कि कठोर प्रशासनिक इच्छाशक्ति दिखाए—जैसे कि अतिक्रमण हटाने या अपराधियों पर बिना किसी राजनीतिक दबाव के कार्रवाई करने में, जैसा यूपी में बुलडोजर के रूप में दिखा है। बिहार चुनाव में गिरिराज सिंह के भाषणों में यह 'अडिग तेवर' साफ झलक रहा है।
यह संभावना बहुत अधिक है कि यदि चुनाव के बाद एनडीए गठबंधन जीतता है और बीजेपी मजबूत स्थिति में आती है, तो गिरिराज सिंह को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
पार्टी को पता है कि बिहार में अब जातिगत समीकरणों के साथ-साथ 'शासन के मॉडल' की भी मांग उठ रही है। योगी आदित्यनाथ के सफल मॉडल और उनके 'बुलडोजर सीएम' की छवि के बाद, गिरिराज सिंह का फायरब्रांड व्यक्तित्व और बेदाग प्रशासनिक रिकॉर्ड उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है, जो बिहार की राजनीति को एक 'कठोर हिंदूवादी प्रशासक' का चेहरा दे सकता है।
बीजेपी के अंदरखाने में चर्चा है कि 'कमजोर गठबंधन' और 'स्थानीय अपराध' से त्रस्त जनता को खुश करने के लिए 'योगी जैसा सख्त प्रशासक' देना ही सबसे बड़ी चुनावी रणनीति हो सकती है, और गिरिराज सिंह इस भूमिका में फिट बैठते हैं। उनकी नियुक्ति न केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरेगी, बल्कि बिहार की जनता की उस 'कड़े सुशासन' की आस को भी पूरा कर सकती है, जहाँ कानून तोड़ने वालों पर 'बुलडोजर की दहाड़' सुनाई दे।
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