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रोड नहीं तो वोट नहीं... गोपालगंज से पटना तक, पहले चरण में ग्रामीणों ने कहां-कहां किया मतदान का बहिष्कार
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में गोपालगंज से पटना तक कई गांवों में स्थानीय समस्याओं के कारण मतदान बहिष्कार हुआ। "रोड नहीं तो वोट नहीं" के नारे के साथ, ग्रामीणों ने सड़क और जमीन विवादों को लेकर मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान कई जिलों और गांवों में मतदान बहिष्कार की घटनाएं सामने आई हैं। जहां एक ओर कई स्थानों पर लोग उत्साह के साथ मतदान कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ स्थानों पर लोग स्थानीय समस्याओं के कारण वोट देने से बच रहे हैं।
गोपालगंज में "रोड नहीं तो वोट नहीं" का नारा
गोपालगंज जिले में चुनावी माहौल गरमाया हुआ था, लेकिन यहां के कुछ गांवों में "रोड नहीं तो वोट नहीं" का नारा गूंज रहा था। जिले के पांच मतदान केंद्रों पर ग्रामीणों ने सड़क की खराब हालत को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। इस दौरान ग्रामीणों ने घंटों तक मतदान प्रक्रिया को बाधित रखा। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और उनकी शिकायतों का समाधान करने का आश्वासन दिया। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई। हालांकि, इस बहिष्कार से चुनाव आयोग के सामने चुनौतियां खड़ी हो गईं, क्योंकि कई मतदाता अपनी समस्याओं के कारण वोट देने से वंचित रह गए।
पटना के फतुहा में जमीन विवाद के कारण मतदान बहिष्कार
पटना के फतुहा विधानसभा क्षेत्र के निजामपुर गांव में भी मतदान का बहिष्कार देखने को मिला। सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन अभी तक कोई भी मतदाता वोट देने नहीं पहुंचा था। ग्रामीणों ने जमीन विवाद के कारण वोटिंग का बहिष्कार किया। उनका कहना था कि प्रशासन और सरकार की ओर से लंबे समय से भूमि विवाद का समाधान नहीं किया गया, जिसके चलते उन्होंने चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया। हालांकि, अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझा और ग्रामीणों से संवाद करने का प्रयास किया।
गायघाट के सतघट्टा में भी वोटिंग का बहिष्कार
वहीं, गायघाट विधानसभा क्षेत्र के सतघट्टा बूथ पर भी मतदान का बहिष्कार किया गया। ग्रामीणों ने अधूरी पुल और सड़क की खराब स्थिति को लेकर मतदान का विरोध किया। शनिवार सुबह 9 बजे तक यहां कोई भी मतदाता वोट डालने नहीं आया था। ग्रामीणों का कहना था कि यदि प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता, तो वे चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेंगे।
वोटिंग में कमी के कारण चुनाव आयोग के लिए चुनौती
इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि बिहार में पहले चरण के मतदान के दौरान कई स्थानों पर लोगों की नाराजगी और समस्याओं के कारण वोटिंग प्रतिशत में कमी आई है। चुनाव आयोग ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को सक्रिय किया है ताकि मतदान प्रक्रिया को बिना किसी रुकावट के जारी रखा जा सके। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होने वाला है, और चुनाव आयोग ने इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इन घटनाओं के बावजूद, मतदान को लेकर लोगों में उत्साह है, और सभी से अपील की जा रही है कि वे अपने मताधिकार का सही तरीके से उपयोग करें। चुनाव आयोग ने मतदान को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
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