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RSS पर फिर लगे बैन!' खरगे की मांग पर भड़की BJP, पात्रा बोले- यह PFI और मुस्लिम लीग की भाषा है!
RSS: बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आरएसएस पर विवादित बयान की निंदा की है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि खरगे की भाषा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और मुस्लिम लीग जैसी संगठनों की भाषा से मिलती-जुलती है।
RSS: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर की गई टिप्पणी की तीखी आलोचना की है। खरगे ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कहा था कि देश में कानून व्यवस्था की समस्याओं के लिए आरएसएस जिम्मेदार है और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है। खरगे ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों को संघ से जुड़ने की अनुमति देकर पटेल की विरासत का अपमान किया है।
बीजेपी का कड़ा जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, "हम मल्लिकार्जुन खरगे की आरएसएस पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। आज जो भाषा उन्होंने आरएसएस के बारे में इस्तेमाल की, वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसी संगठनों की भाषा से मिलती-जुलती है।"
आरएसएस और देश के इतिहास को समझने की सलाह
संबित पात्रा ने आगे कहा कि खरगे को इस तरह की "आपत्तिजनक" टिप्पणी करने से पहले आरएसएस और भारत के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खरगे को यह समझना चाहिए कि महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव आंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने आरएसएस के बारे में क्या कहा था। पात्रा ने उदाहरण देते हुए कहा कि 1934 में जब महात्मा गांधी ने वर्धा में एक संघ शिविर का दौरा किया, तो उन्होंने संगठन में अनुशासन और अस्पृश्यता की अनुपस्थिति को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया था। इसके बाद 1939 में डॉ. आंबेडकर ने पुणे में एक संघ शिविर का दौरा किया और उन्होंने संगठन में ऊंच-नीच की भावना के न होने पर प्रसन्नता व्यक्त की थी।
स्वतंत्रता संग्राम में संघ का योगदान
संबित पात्रा ने यह भी याद दिलाया कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद, पंडित नेहरू ने संघ को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था और संघ ने उसमें हिस्सा लिया था। यह सब इतिहास में दर्ज है, और इससे साबित होता है कि आरएसएस का देश की स्वतंत्रता संग्राम और समाज की भलाई में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
महात्मा गांधी की हत्या पर आरएसएस की स्थिति
बीजेपी नेता ने महात्मा गांधी की हत्या के संदर्भ में कहा कि कपूर आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया था कि आरएसएस का इस घटना से कोई संबंध नहीं था, और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी सार्वजनिक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और प्रणब मुखर्जी जैसे कद्दावर नेताओं ने भी आरएसएस की तारीफ की है।
खरगे से आरएसएस का इतिहास समझने की अपील
पात्रा ने अंत में कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को आरएसएस और देश के इतिहास के बारे में और अध्ययन करना चाहिए। उन्हें यह जानना और समझना चाहिए कि कांग्रेस के कई बड़े नेता भी संघ के बारे में सकारात्मक विचार रखते थे।
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