TRENDING TAGS :
By Election 2025 Result: कांग्रेस में महाभारत! लुधियाना वेस्ट की हार के बाद पंजाब कांग्रेस में बड़ी बगावत, भारत भूषण आशु का इस्तीफा
By Election 2025 Result: भारत भूषण आशु का इस्तीफा महज व्यक्तिगत हार का नतीजा नहीं, बल्कि अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और प्रताप सिंह बाजवा के साथ उनकी खुली तनातनी का विस्फोटक नतीजा है।
By Election 2025 Result: लुधियाना की सियासी फिजा में उस वक्त भूचाल आ गया, जब पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु ने विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन ये सिर्फ एक हार या इस्तीफे की कहानी नहीं है, बल्कि इसके पीछे पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रही भीषण गुटबाजी की सच्चाई छिपी है। इस हार ने कांग्रेस की उस अंदरूनी लड़ाई को सबके सामने ला दिया है, जो अब पार्टी के अस्तित्व पर भी सवाल खड़े कर रही है।
भारत भूषण आशु का इस्तीफा महज व्यक्तिगत हार का नतीजा नहीं, बल्कि अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और प्रताप सिंह बाजवा के साथ उनकी खुली तनातनी का विस्फोटक नतीजा है। सूत्रों की मानें तो उपचुनाव से पहले ही आशु ने साफ कर दिया था कि न तो वडिंग और न ही प्रताप बाजवा उनके समर्थन में प्रचार करें। आशु ने अपनी मर्जी की टीम दिल्ली दरबार से पास करवाई और उसी के सहारे मैदान में उतरे। लेकिन मैदान में मुकाबला सिर्फ ‘आप’ उम्मीदवार से नहीं था, बल्कि खुद अपनी ही पार्टी से था। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि लुधियाना वेस्ट में पार्टी ने अपने ही नेता को अकेला छोड़ दिया था। पार्टी आलाकमान ने भले टिकट दे दिया, लेकिन प्रचार में अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने दूरी बनाए रखी। ऐसे में आशु की हार तो तय थी, लेकिन अब इसका असर पंजाब कांग्रेस पर लंबे वक्त तक दिखने वाला है।
10 हजार वोटों से करारी शिकस्त, आम आदमी पार्टी की बल्ले-बल्ले
19 जून को हुए इस उपचुनाव में नतीजे बिल्कुल वैसे ही आए जैसे पंजाब की हवा बता रही थी। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने भारी मतों से जीत दर्ज कर पंजाब में ‘आप’ की ताकत को और मजबूत कर दिया। अरोड़ा को कुल 35,179 वोट मिले, जबकि भारत भूषण आशु सिर्फ 24,542 वोट जुटा सके। यानी 10,637 वोटों से करारी शिकस्त। आशु ने हार मानते हुए अपने एक्स पोस्ट में विनम्रता दिखाने की कोशिश जरूर की, लेकिन इसके पीछे दबा गुस्सा साफ महसूस हुआ। उन्होंने लिखा – "मैं जनता के जनादेश का पूरे विनम्र भाव से सम्मान करता हूं।" इसके साथ ही उन्होंने संजीव अरोड़ा को भी जीत की बधाई दी। लेकिन असली संदेश छुपा था उनकी टीम की तैनाती और वडिंग-बाजवा से दूरी में, जिसने साफ कर दिया कि पंजाब कांग्रेस अब दो फाड़ हो चुकी है।
क्या पंजाब कांग्रेस में नई बगावत की पटकथा लिखी जा चुकी है?
इस हार के बाद पंजाब कांग्रेस के भीतर अब नई बगावत की शुरुआत मानी जा रही है। भारत भूषण आशु और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के बीच अब खुला युद्ध हो सकता है। कांग्रेस के कई नेता भी अब खुले तौर पर कहने लगे हैं कि पार्टी में अंदरखाने चल रही गुटबाजी ने इस हार की पटकथा पहले ही लिख दी थी। आशु गुट का आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष वडिंग ने जानबूझकर लुधियाना वेस्ट में पूरी ताकत नहीं झोंकी ताकि आशु की हार हो और पार्टी के भीतर से उन्हें कमजोर किया जा सके। उधर वडिंग गुट का कहना है कि जब पार्टी के नेता ही सार्वजनिक तौर पर अपने अध्यक्ष के खिलाफ बोलेंगे, तो फिर पार्टी किस तरह एकजुट रह सकती है?
क्या ‘आप’ के सामने कांग्रेस ने घुटने टेक दिए?
इस चुनाव ने एक बात और साफ कर दी – पंजाब में अब कांग्रेस बनाम आप का मुकाबला कहीं नजर नहीं आता। आम आदमी पार्टी लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, जबकि कांग्रेस अपने ही गुटों में उलझकर खुद को कमजोर कर रही है। लुधियाना जैसी शहरी सीट पर भी कांग्रेस की करारी हार से साफ है कि आप का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है और कांग्रेस नीचे गिर रही है। अब सवाल ये है कि क्या कांग्रेस आलाकमान इस गुटबाजी पर कोई फैसला लेगा या फिर पंजाब कांग्रेस का अंत उसी तरह होगा जैसे पिछले विधानसभा चुनाव में हुआ था? फिलहाल तो लुधियाना वेस्ट की हार के बाद कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। ये सिर्फ एक उपचुनाव नहीं था, ये पंजाब कांग्रेस के बिखरने की शुरुआत है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!