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तमिलनाडु के 'मोदी' है उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 'सीपी राधाकृष्णन', PM ने X पर पोस्ट कर की तारीफ़
PM Modi praises CP Radhakrishnan: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। पीएम मोदी ने उनकी मेहनत, अनुभव और नेतृत्व क्षमता की तारीफ की है।
PM Modi praises CP Radhakrishnan: देश की राजनीति में उस वक्त एक बड़ा सियासी भूचाल आ गया, जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया। यह फैसला सिर्फ एक नाम का ऐलान नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसके पीछे भाजपा का दक्षिण भारत पर फोकस साफ नजर आता है।
कौन हैं 'तमिलनाडु के मोदी'?
सीपी राधाकृष्णन को 'तमिलनाडु के मोदी' के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम के पीछे उनका बेजोड़ संगठनात्मक कौशल है, जो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तरह ही तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया। 1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने महज 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ अपना सफर शुरू किया। बाद में वे जनसंघ और फिर भाजपा के लिए जमीनी स्तर पर काम करते रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही, राधाकृष्णन भी संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं और उनके करीबी माने जाते हैं।
पीएम मोदी ने की जमकर तारीफ
एनडीए उम्मीदवार के रूप में राधाकृष्णन का नाम घोषित होने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, सीपी राधाकृष्णन ने अपनी लगन, विनम्रता और बुद्धिमत्ता से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।" उन्होंने राधाकृष्णन को एक ऐसा नेता बताया जिसने हमेशा समुदाय की सेवा और वंचितों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया। पीएम ने कहा कि सांसद और राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन को समृद्ध अनुभव है और उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि राधाकृष्णन एक प्रेरक उपराष्ट्रपति बनेंगे।
93 दिन की रथ यात्रा: जिसने तमिलनाडु में बदल दी तस्वीर
एक समय था जब भाजपा को सिर्फ उत्तर भारत की पार्टी माना जाता था। लेकिन सीपी राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में इस धारणा को बदलने के लिए जी-तोड़ मेहनत की। उन्होंने पार्टी को मजबूती देने के लिए 93 दिनों की एक लंबी रथ यात्रा निकाली। यह यात्रा भारत की नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के खिलाफ अभियान और अन्य मुद्दों पर केंद्रित थी। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु के हर निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया, जिससे पार्टी की स्थिति में काफी सुधार हुआ। उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि 1998 में वे कोयंबटूर से राज्य में सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल करने वाले पहले भाजपा सांसद बने, और अगले ही साल फिर से जीत हासिल की।
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