दिल्ली की हवा में 'जहर': दिवाली के दूसरे दिन 400+ AQI, क्या आतिशबाजी बनेगी प्रदूषण आपातकाल की वजह?

दिल्ली में दिवाली के दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400+ के स्तर तक पहुंच गया, जिससे प्रदूषण ने गंभीर संकट पैदा कर दिया। आतिशबाजी से प्रदूषण और बढ़ने का खतरा, विशेषज्ञों की चेतावनी, और ग्रीन पटाखों की अपील पर ध्यान केंद्रित करें।

Harsh Sharma
Published on: 20 Oct 2025 7:37 AM IST
दिल्ली की हवा में जहर: दिवाली के दूसरे दिन 400+ AQI, क्या आतिशबाजी बनेगी प्रदूषण आपातकाल की वजह?
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Delhi News: इस बार दिवाली के त्योहार ने दिल्ली-एनसीआर में रौशनी के साथ-साथ जहरीली हवा भी दी है। राजधानी की हवा फिर से इतनी खराब हो गई है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। त्योहार की सुबह दिल्लीवाले खुशबू की जगह धुएं और प्रदूषण से भरी हवा से घिर गए। 20 अक्टूबर, सोमवार को जब देशभर में दीपावली की धूम थी, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर पहुंच गया, जो "सीवियर" (खतरनाक) श्रेणी में आता है।

दिवाली के दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब रहा। सुबह 5 बजे आनंद विहार में AQI 417 रिकॉर्ड किया गया, जबकि दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता बुरी रही। वजीरपुर, विवेक विहार, द्वारका और आरके पुरम जैसे इलाकों में AQI 320 से 360 के बीच था। ये आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मॉनिटरिंग स्टेशनों से आए हैं। दिल्ली के 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 24 पर हवा को "बहुत खराब" श्रेणी में रखा गया। रविवार रात से ही हवा की गुणवत्ता गिरने लगी थी, और दिवाली की सुबह तक यह और बिगड़ गई।

आतिशबाजी से प्रदूषण और बढ़ने का खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिवाली की रात में पारंपरिक आतिशबाजी हुई, तो AQI का स्तर 1000 तक जा सकता है, जो बेहद खतरनाक होगा। ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और सांस की समस्याओं वाले लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इस बार दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है, लेकिन केवल ग्रीन पटाखों को सीमित समय के लिए जलाने की अनुमति दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि दिवाली के दिन सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते हैं।

ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल बढ़ाने की अपील

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी से अपील की है कि वे सिर्फ ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करें और त्योहार को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं। उन्होंने कहा, "दिल्ली मेरा परिवार है और इस दिवाली मैं इस परिवार के सभी सदस्यों के खुशहाल भविष्य की कामना करती हूं।" ग्रीन पटाखों से होने वाला प्रदूषण पारंपरिक पटाखों के मुकाबले कम होता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इनका भी ज्यादा इस्तेमाल हुआ तो यह हवा की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

अरब सागर में नया सिस्टम, बारिश की संभावना

मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि अरब सागर में एक नया मौसमी सिस्टम बन रहा है, जिससे महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटका और मध्य प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। दिवाली के आसपास इन इलाकों में मौसम में बदलाव हो सकता है।

स्वास्थ्य पर असर, डॉक्टरों की चेतावनी

दिल्ली जैसे शहरों में खराब हवा का असर स्वास्थ्य पर सीधा पड़ता है। डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोग बाहर जाते वक्त N95 मास्क पहनें, जो हवा में मौजूद प्रदूषण से बचाव कर सकते हैं। अस्पतालों में सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी सलाह दी है कि दिवाली के दौरान लोग जितना हो सके घर के अंदर रहें और साफ हवा में सांस लें।

दिवाली का जश्न या स्वास्थ्य संकट?

हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली में दिवाली के साथ प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है। त्योहार की खुशियों के बीच स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी — पटाखों का सीमित इस्तेमाल करें, बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखें, और पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।

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